Madhya Pradesh Travel Guide in Hindi
Madhya Pradesh Travel Guide in Hindi : मध्य प्रदेश राज्य को भारत का दिल भी कहा जाता है। इस राज्य की स्थापना 1 नवंबर 1956 को हुई थी, इसलिए हर साल 1 नवंबर को मध्य प्रदेश स्थापना दिवस मनाया जाता है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल है, जिसे झीलों की नगरी भी कहा जाता है। भोपाल में स्थित बड़ा तालाब पूरे राज्य का सबसे बड़ा तालाब और एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है। मध्यप्रदेश अपने आप में ही घूमने के लिए बहुत कुछ है। आज हम आपको मध्यप्रदेश के इतिहास, खान-पान, जीवन शैली, और घूमने वाले प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में बताएंगे।
मध्यप्रदेश का इतिहास (History of Madhya Pradesh)
भारत एक ऐसा राज्य है, जिसका इतिहास काफी प्राचीन और आज भी कई रहस्यों से घिरा हुआ है। उसी तरह मध्य प्रदेश का इतिहास भी काफी विस्तृत और ऐतिहासिक है। नर्मदा घाटी के हथनौरा में पाए गए होमो इरेक्टस के अलग-अलग अवशेषों से पता चलता है कि मध्य प्रदेश शायद मध्य प्लीस्टोसीन युग में बसा हुआ था। यदि हम मध्यप्रदेश के आधुनिक इतिहास पर नजर डालें, तो मध्य प्रदेश भारत का एक ऐसा राज्य निकल कर सामने आता है, जिस पर सुंग, अंधरा, सातवाहन, क्षत्रप, नागा और गुप्तों राजवंशों जैसे कई महान साम्राज्यों ने शासन किया है।
मध्य प्रदेश पर सबसे पहले मुगलों का राज था, जबकि स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले यह ब्रिटिश शासन के कब्जे में था। अंग्रेजों के राज्य संभालने के बाद, इसे केंद्रीय प्रांत घोषित किया गया। मध्य प्रदेश को 1 नवंबर 1956 को एक उचित राज्य का दर्जा दिया गया था। छत्तीसगढ़ को एक नये राज्य के रूप में नवंबर 2000 में इसके एक हिस्से को विभाजित कर दिया गया था।
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मध्यप्रदेश राज्य की संस्कृति और त्यौहार (Culture And Festival of Madhya Pradesh in Hindi)
मध्य प्रदेश के सबसे ज्यादा देखने और मनाये जाने वाले त्यौहार
मध्य प्रदेश की अपनी सांस्कृतिक विरासत और त्यौहार को लेकर पूरे देश में अलग ही छवि है, क्योंकि यहाँ आयोजित होने वाले लोकप्रिय त्यौहारों को कहीं और नहीं देखा जा सकता। भारत एक ऐसा राष्ट्र है, जहाँ कई धर्मों का अस्तित्व है, वैसे ही उसका राज्य मध्य प्रदेश भी कई धर्मों का सह अस्तित्व है। धार्मिक त्यौहारों में दशहरा, दिवाली, ईद, जैन त्यौहार और क्रिसमस शामिल हैं, जबकि आदिवासी त्यौहारों में मडई, भगोरिया और करबा शामिल हैं। इनके अलावा झाबुआ में दुनियाभगोरिया हाट, नृत्य खजुराहो का नृत्य समारोह, ग्वालियर का तानसेन संगीत समारोह, मडई त्यौहार, और प्रयागराज का कुम्भ मेला भी प्रसिद्ध है।
मध्य प्रदेश के सबसे ज्यादा देखने और मनाये जाने वाले त्यौहारों में से लोकरंग समारोह, उत्सव अखिल भारतीय कालिदास समरोह, उत्सव खुजराहो उत्सव, भगोरिया हाट महोत्सव, होली, कुम्भ मेला, मालवा उत्सव, दशहरा, नागाजी का मेला, दिवाली, चेथियागिरी विहार महोत्सव, तानसेन संगीत समारोह, पचमढ़ी उत्सव, और ध्रुपद समारोह एक है।
मध्यप्रदेश राज्य की संस्कृति
मध्यप्रदेश राज्य उत्तर-पूर्व, छत्तीसगढ़ से दक्षिण-पूर्व, महाराष्ट्र से दक्षिण, गुजरात से दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पश्चिम में राजस्थान से घिरा है। मध्यप्रदेश अपनी सीमा किसी भी देश के साथ साझा नहीं करता है। मध्य प्रदेश हमारी संस्कृति, इतिहास, कला और परंपरा को भी जोड़ता है। यही कारण है कि यह भारत के प्रमुख राज्यों में से एक है। इस राज्य को भारत की प्राकृतिक सुन्दरता का खजाना भी कहा जाता है। जहाँ आपको एक से एक प्राकृतिक नज़ारे देखने को मिलते हैं।
मध्य प्रदेश की संस्कृति स्वदेशी परंपराओं और राज्य के एक बड़े हिस्से में निवास करने वाली जनजातियों की रीति-रिवाजों से काफी प्रभावित है। मध्यप्रदेश सभी धर्म और समुदायों का घर है, इसलिए इस राज्य में सभी धर्म के लोग अलग अलग संस्कृतियों के रंग में रंगे हुए हैं। मध्य प्रदेश की संस्कृति में हिंदू, मुस्लिम, बौद्ध, जैन, ईसाई और सिखों का सामंजस्यपूर्ण सम्म्मेलन है। जब आप मध्य प्रदेश के अलग अलग हिस्से में जायेंगे, तो आपको अलग अलग संस्कृति और परम्परायें देखने को मिलेंगी।
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मध्य प्रदेश की मुख्य और आधिकारिक भाषा
हिंदी भाषा मध्य प्रदेश की मुख्य और आधिकारिक भाषा है। भाषा की बोलियाँ, जैसे बुंदेलखंडी, मालवी और छत्तीसगढ़ी भाषा, पूरे राज्य में बोली जाती हैं। उर्दू भाषा, मराठी भाषा, सिंधी भाषा, और गुजराती भाषा भी आमतौर पर लोगों के मिश्रण के लिए यहां बोली जाती है।
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मध्यप्रदेश राज्य का खान-पान (Foods of Madhya Pradesh in Hindi)
मध्यप्रदेश में आपको उसके हर शहर में कुछ न कुछ नया खाने को मिलेगा और इतना ही नहीं वह भोजन पूरे देश में भी प्रसिद्ध है। मध्य प्रदेश में आप हर तरह के भोजन का स्वाद चख सकते हैं। जैसे कि यहां के मुख्य भोजन में गेहूं के आटे की रोटी, दाल चावल, मांस और मछली, दाल बाफला, बिरयानी, कबाब, रोगन जोश, जलेबी, लाडो, कोरमा, पोहा के नाम शामिल हैं। इसके अलावा आप स्ट्रीट फूड में कई तरह की चटपटी चीजों का स्वाद ले सकते हैं। वहीं मध्य प्रदेश के कुछ स्थानीय पेय पदार्थों में लस्सी, बीयर, गन्ने का रस और नीबू पानी का नाम शामिल है। मध्य प्रदेश की सीमा विभिन्न राज्यों से लगी होने की वजह से यह अपने स्थानीय भोजन के अलावा दूसरे राज्य के भोजन से भी प्रभावित है।
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मध्यप्रदेश घूमने जाने का सबसे बेहतरीन समय (Best Time to Visit Madhya Pradesh)
मध्य प्रदेश एक ऐसा राज्य है, जहाँ आप किसी भी मौसम में घूमने के लिए जा सकते हैं। लेकिन सितम्बर से लेकर मार्च तक का मौसम ज्यादा अच्छा होता है। क्योकि गर्मी के मौसम में यहाँ ज्यादा गर्मी और सर्दी के मौसम में ज्यादा सर्दी होती है। यदि आप मध्यप्रदेश के जलप्रपात को घूमने के लिए जाते हैं, तो वर्षा का मौसम अच्छा समय होता है। क्योकि तब झरने का रूप और भयानक व सुन्दर होता है। पर्यटन स्थल कोई भी हो, वहां घूमने के लिए सही समय आप डिसाइड करें। क्योकि हर स्थान का अपना अलग-अलग समय होता है।
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मध्यप्रदेश कैसे जाएं (How to Reach Madhya Pradesh)
Madhya Pradesh Travel Guide : मध्य प्रदेश राज्य भारत के केंद्र में स्थित होने के कारण आपको हर तरह की परिवहन सेवा मिल जाती है। जिनमें से बस, ट्रेन या हवाई मार्ग का चयन कर सकते हैं। यह राज्य किसी समुद्री तट से जुड़ा न होने के कारण आपको यहाँ जलसेवा तो नहीं मिलेगी, लेकिन मध्यप्रदेश में कुछ ऐसे राज्य हैं, जहाँ बहुत-बहुत झीलें, नदियां और तालाब हैं, जिसमें स्पोर्ट्स जैसी एक्टिविटी का आनंद भी ले सकते हैं।
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सड़क मार्ग से: भारत में आज आपको हर राज्य गाँव के अंदर सड़क मिल जाएगी। आप देश के किसी भी कोने से यदि मध्यप्रदेश घूमने के लिए बस का चुनाव करते हैं, तो आपको हर जगह से बस मिल जाएगी। बस भारत के प्रमुख शहरों से मध्यप्रदेश के प्रमुख शहरों के लिए डायरेक्ट मिल जाएगी, और यदि आप ज्यादा दूर से आ रहे हैं, तो आपको 1-2 बार बसें चेंज करना पड़ सकता है।
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ट्रेन से: भारत के मध्य में स्थित होने के कारण मध्यप्रदेश भारतीय रेलवे नेटवर्क से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। मध्य प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण शहर और पर्यटन स्थल सीधी ट्रेनों से आगरा, दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, चेन्नई, कोलकाता, रणथंभौर, उदयपुर, अहमदाबाद, पुरी, हरिद्वार, वाराणसी, जयपुर, हैदराबाद जैसे देश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़े हुए हैं। इटारसी, बीना, कटनी, उज्जैन, इंदौर, ग्वालियर, छिंदवाड़ा, देवास, खंडवा आदि के शहरों के अंदर रेल स्थित होने की वजह से देश की लगभग सभी ट्रेन मध्य प्रदेश से गुजरती हैं।
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हवाई मार्ग के द्वारा: मध्य प्रदेश जैसे दिल्ली, मुंबई, पुणे, श्रीनगर, नागपुर, विशाखापत्तनम, हैदराबाद, बैंगलोर, अहमदाबाद से हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। मध्य प्रदेश राज्य के प्रमुख हवाई अड्डे भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और खजुराहो में स्थित हैं।
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मध्यप्रदेश में घूमने वाले 10 प्रमुख पर्यटन स्थल (Places in Madhya Pradesh Travel Guide)
मध्यप्रदेश में घूमने वाले प्रमुख पर्यटन स्थल: मध्य प्रदेश भारत का एक प्रमुख राज्य है। उसका एक कारण यह भी है कि मध्यप्रदेश देश के केंद्र में स्थित है। केंद्र में स्थित होने के कारण इसे भारत का दिल भी कहा जाता है। अगर इस राज्य के इतिहास के बारे में आप पढ़ेंगे तो आपको पता चलेगा मध्यप्रदेश का इतिहास काफी प्राचीन और रोचक रहा है। मध्य प्रदेश की यात्रा करना किसी भी पर्यटक के लिए किसी सपने से कम नहीं होगी, क्योंकि यहां पर कई नेशनल पार्क, वाईल्डलाइफ सेंचुरी, ऐतिहासिक स्मारक, मंदिर, पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। मध्यप्रदेश में आस्था और धार्मिक से जुड़े पर्यटन स्थल का अपना अलग महत्व है। देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से दो प्रमुख महाकालेश्वर मंदिर मध्यप्रदेश के उज्जैन और ओंकारेश्वर खंडवा जिले में स्थित है। आज हम आपको मध्य प्रदेश में घूमने वाले प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में बताएंगे।
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भोपाल – झीलों की नगरी (Madhya Pradesh Travel Guide)
झीलों की नगरी भोपाल जो भारत की हृदय नगरी मध्यप्रदेश की राजधानी है। भोपाल का इतिहास अपने आप में बहुत दिलचस्प है और यहाँ का बड़ा तालाब और छोटा तलाब बहुत ही लोकप्रिय है। भोपाल मध्यप्रदेश का राजनितिक गढ़ भी है। भोपाल में घूमने के लिए बहुत कुछ है, इतना की समय काम पड़ जायेगा। भोपाल शहर राजधानी में स्वच्छता में नबंर वन स्थान पर है। यहाँ भारत हेवी लिमिटेड (भेल) का कारखाना भी है।
भोपाल में घूमने वाले प्रमुख और लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से बड़ा तालाब, वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, लोअर झील, गोहर महल, शौकत महल, भीमबेटका, मोती मस्जिद, बिरला मंदिर, भोजपुर मंदिर, शौर्य स्मारक, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, जनजातीय संग्रहालय, ताज-उल-मस्जिद, भारत भवन, प्लेस सरदार मंजिल, डीबी सिटी मॉल, क्रिसेंट वाटर पार्क और कपल के लिए सेर सपाटा प्रमुख है।
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इंदौर – मिनी मुंबई ऑफ़ इंडिया
इंदौर मध्यप्रदेश की व्यावसायिक राजधानी के साथ मिनी मुंबई के नाम से भी जाना जाता है। इंदौर, मध्यप्रदेश का एक ऐसा शहर है, जो एक नहीं बल्कि 7 बार पूरे देश में स्वछता के मामले में नंबर 01 आ चुका है। वैसे तो इंदौर में ज्यादातर लोग अपना फ्यूचर सवांरने के लिए आते हैं। लेकिन यदि आप घूमने के शौक़ीन हैं तो इंदौर आपको निराश नहीं करेगा। खाने पीने के शौकीनों के मामले में भी इंदौर किसी से कम नहीं है। इंदौर का छप्पन दुकान और सर्राफा बाजार पूरे देश में प्रसिद्ध है। हाल ही में इंदौर में खोला गया (phoenix citadel mall) देश ही नहीं, बल्कि सेंट्रल एशिया का सबसे बड़ा मॉल है।
इंदौर के अधिकांश पर्यटन स्थल उन्नीसवीं शताब्दी के ऐतिहासिक अतीत की कहानी बयां करते हैं। यही वजह है कि यहां पर्यटन स्थल पर्यटकों को काफी आकर्षित करते हैं। इंदौर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक लाल बाग पैलेस, राजवाड़ा, कांच मंदिर, बड़ा गणपति, अन्नपूर्णा मंदिर, छप्पन दुकान, खजराना मंदिर, सर्राफा बाजार, रालामंडल वन्यजीव अभयारण्य, पातालपानी झरना, बिजासन टेकरी , मोहाडी जलप्रपात, मेघदूत गार्डन, तिंचा जलप्रपात, हनुवंतिया, भड़क जलप्रपात, गिदिया खोह झरना, गोम्मट गिरि, नेहरू पार्क, कान्हा संग्रहालय है।
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रीवा – प्राकृतिक झरनो का गढ़
अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान रीवा जो उस समय विंध्य प्रदेश के नाम से जाना जाता है, एक बड़ी रियासत थी। रीवा आज भी मध्यप्रदेश का संभाग, जिला के साथ-साथ पर्यटन का भी प्रमुख आकर्षण का केंद्र है। रीवा में आपको ऐतिहासिक, और प्राकृतिक पर्यटन स्थलों की कोई कमी नहीं मिलेगी। रीवा में देश का 24वां सबसे ऊंचाई से गिरने वाला क्योटी जलप्रपात है, जो बहुत आकर्षक और खूबसूरत है।
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महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर – भारत के प्रमुख ज्योतिर्लिंग
महाकालेश्वर: महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में स्थित है। यहाँ की आरती और कुम्भ मेला दुनिया भर में प्रसिद्ध है। महाकालेश्वर मंदिर की महिमा का विभिन्न पुराणों में विशद वर्णन किया गया है। कालिदास से शुरू करते हुए, कई संस्कृत कवियों ने इस मंदिर को भावनात्मक रूप से समृद्ध किया है। उज्जैन भारतीय समय की गणना के लिए केंद्रीय बिंदु हुआ करता था और महाकाल को उज्जैन का विशिष्ट पीठासीन देवता माना जाता था।
ओंकारेश्वर: खंडवा जिले से लगभग 75 किमी की दूरी पर स्थित ओंकारेश्वर में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के साथ ही ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग भी है। इन दोनों शिवलिंगों को एक ही ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यह मध्यप्रदेश और देश के प्रमुख लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है।
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अमरकंटक पर्यटन – नर्मदा नदी का उद्गम स्थल
विंध्य और सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला के बीच स्थित अमरकंटक भारत के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है, जिसकी वजह से इसे “तीर्थराज” (तीर्थों का राजा) के रूप में भी जाना जाता है। अमरकंटक से ही भारत की सबसे पवित्र नदियों में से एक नर्मदा नदी का उद्गम हुआ है। अमरकंटक में खूबसूरत ऊँचे-ऊँचे पहाड़, घाटियां, घुमावदार सड़क, नदियों के बहने की कल-कल आवाज, मंदिर, दूध जैसे गिरने वाले जलप्रपात और गुफाएं हैं, जो अमरकंटक धाम की यात्रा को बहुत ही खास और पवित्र बनाता है।
अमरकंटक में हर साल हजारों यात्री देश भर से आते हैं। यह मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में स्थित है। नर्मदा नदी का उद्गम स्थल के साथ यहाँ की नर्मदा माता की आरती बहुत ही प्रसिद्ध है, जो बहुत ही भव्य और विशाल होती है। अमरकंटक हिल स्टेशन की ऊंचाई लगभग 1065 मीटर है। अमरकंटक के घने जंगलों में औषधीय गुणों से भरपूर पौधे हैं, जो इसे पारिस्थितिक रूप से महत्वपूर्ण बनाते हैं।
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पचमढ़ी – मध्यप्रदेश का प्रमुख हिल स्टेशन
मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा वर्षा वाला स्थान पचमढ़ी प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। पचमढ़ी को सतपुड़ा की रानी या क्वीन ऑफ सतपुड़ा के रूप भी जाना जाता है। इसकी ऊंचाई लगभग 1110 मीटर है। पचमढ़ी केवल मध्यप्रदेश की ही नहीं, बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। पचमढ़ी आने के लिए आप राजधानी भोपाल तक हवाई या रेल का चयन कर सकते हैं, और उसके आगे की दूरी के लिए बस या प्राइवेट गाड़ी एक बढ़िया विकल्प हो सकता है।
कहा जाता है कि पचमढ़ी पहले गौंड जनजाति के आदिवासी वंश की राजधानी थी, जिसके राजा भावुत सिंह थे। सन 1857 में ब्रिटिश सेना के कैप्टन जेम्स फोरसिथ ने पचमढ़ी हिल स्टेशन की खोज की और इसका परिचय विश्व से करवाया। यही कारण भी है कि पचमढ़ी में आधुनिक विकास का श्रेय जेम्स फोरसिथ को जाता है। 2009 में यूनेस्कों ने पचमढ़ी को जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया।
पचमढ़ी में स्थित धूपगढ़ की चोटी विंध्य सतपुड़ा श्रेणी का और मध्य भारत का सबसे उच्चतम बिंदु है। पचमढ़ी सैनिक छावनी के लिए भी प्रसिद्ध है। पचमढ़ी अपनी प्राचीन गुफाओं, स्मारकों, जलप्रपातों, प्राकृतिक सुंदरता, जंगलों और वनस्पतियों और जीव जंतुओं के लिए प्रसिद्ध है। हांड़ी खोह, जटा शंकर गुफा, पांडव गुफाएं, अप्सरा विहार, बी फॉल, डचेस फॉल आदि पचमढ़ी के प्रमुख आकर्षण स्थलों में से हैं। पचमढ़ी की यात्रा के लिए उत्तम समय अक्टूबर से जून का समय सबसे अच्छा माना जाता है।
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मांडू – किलों की नगरी
मांडू मध्य प्रदेश के प्रमुख प्राचीन और ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों में से एक है। मांडू के इतिहास को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है, जो रानी रूपमती और बादशाह बाज बहादुर के अमर प्रेम का साक्षी है। मांडू शहर को मध्य भारत का हम्पी भी कहा जाता है। मध्य प्रदेश के अन्य ऐतिहासिक स्थानों की तरह मांडू भी वास्तुशिल्प भव्यता से परिपूर्ण है, जो यहां के विभिन्न शासक युगों के प्रभाव को दर्शाता है। मांडू की हरियाली, प्राकृतिक सुन्दरता यहां आने वाले पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण का केंद्र मानी जाती है।
मांडू में घूमने के लिए वैसे तो बहुत कुछ है, लेकिन यदि आप मांडू आते हैं तो जहाज महल, रूपमती महल, बाज बहादुर का महल, रेवा कुंड, दारा खान का मकबरा, श्री मंडवागढ़ तीर्थ, जामी मस्जिद, होशांग शाह का मकबरा, हिंडोला महल , चंपा बावली और हम्माम और तवेली महल पर्यटन स्थलों को जरूर घूमें।
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भीमबेटका – मध्य प्रदेश की प्रमुख गुफाएं
मध्य-प्रदेश राज्य के रायसेन जिले में स्थित भीमबेटका की गुफ़ाएँ एक पुरापाषाणिक पुरातात्विक स्थल है। यह राजधानी भोपाल के दक्षिण-पूर्व में लगभग 46 किमी की दूरी पर स्थित है। भीमबेटका को यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल किया गया है। इस स्थान को सन 2003 में वर्ल्ड हेरिटेज साइट भी घोषित किया जा चुका है। भीमबेटका की पहाड़ी पर 750 से अधिक रॉक शेल्टर (चट्टानों की गुफ़ाएँ) पाए गए हैं, जो कि लगभग 10 किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हुए हैं। इसी वजह से इसे गुफाओं की नगरी भी कहते हैं।
भीमबेटका भारतीय उपमहाद्वीप में मानव जीवन की उत्पत्ति की शुरुआत के निशानों का वर्णन करती है। इस स्थान पर मौजूद सबसे पुराने चित्रों को आज से लगभग 30,000 साल पुराना माना जाता है। माना जाता है कि इन चित्रों में उपयोग किया गया रंग वनस्पतियों का था, जो कि समय के साथ-साथ धुंधला होता चला गया। इन चित्रों को आंतरिक दीवारो पर गहरा बनाया गया था। यह मध्यप्रदेश के प्रमुख लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से है, जिसे देखने हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं।
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महेश्वर | Madhya Pradesh Travel Guide
आप सभी को पता है वाराणसी उत्तरप्रदेश में स्थित एक धार्मिक पर्यटन स्थल है। लेकिन क्या आपको पता है कि नर्मदा नदी के तट पर स्थित महेश्वर जिसे अक्सर ‘मध्य भारत के वाराणसी’ के रूप में भी जाना जाता है। भगवान शिव को समर्पित महेश्वर एक छोटा और खूबसूरत शहर है।
यह मध्यप्रदेश के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। महेश्वर प्राचीन में मालवा साम्राज्य की रानी अहिल्याबाई के होल्कर राज्य की राजधानी थी। यही कारण है कि यहाँ की कई इमारतों और सार्वजनिक कार्यों में मराठा वास्तुकला की झलक देखने को मिलती है। आज भी महेश्वर, आध्यात्मिक अनुभव चाहने वालों के लिये प्रमुख आकर्षण का केंद्र है। आध्यात्मिकता के अलावा, माहेश्वरी साड़ियों के उत्पादन के लिए एक प्रसिद्ध केंद्र है।
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ग्वालियर
ग्वालियर एक ऐतिहासिक शहर है, जो अपने मंदिरों, प्राचीन महलों और स्मारकों के लिए प्रसिद्ध है। इस शहर का निर्माण राजा सूरजसेन द्वारा किया गया था। यहां की मस्जिदों, रॉक मंदिरों और मूर्तियों की बनाबट में शानदार वास्तुकला की झलक देखने को मिलती हैं। ग्वालियर पर्यटन स्थल खूबसूरत पहाड़ियों, सुन्दर हरियाली और मदमस्त कर देने वाली जलवायु से घिरा हुआ स्थान है। ग्वालियर का किला शहर की भव्यता को और अधिक बढ़ा देता है। प्रसिद्ध संगीतकार तानसेन की जन्मभूमि भी ग्वालियर है। ग्वालियर महानगर को मध्यप्रदेश की पर्यटक राजधानी भी कहा जाता है।
ग्वालियर में घूमने वाले प्रमुख पर्यटन स्थलों में से ग्वालियर का किला, जय विलास पैलेस, तेली का मंदिर, तानसेन का मकबरा, मान मंदिर पैलेस, गुजरी महल, सास बहू मंदिर, सिंधिया संग्रहालय, ग्वालियर मध्य प्रदेश, ग्वालियर का चिड़ियाघर, सूर्य मंदिर , पदावली और बटेश्वर, सूरज कुंड, तिघरा बांध, श्याम वाटिका, सरोद घर, सिटी मॉल, रूप सिंह स्टेडियम, ग्वालियर का मशहूर मृगनयनी एम्पोरियम, जियाजी चौक बाजार, पाटनकर बाजार, ग्वालियर का दर्शनीय डाटा बंदी छोड़ गुरुद्वारा, उषा किरण पैलेस, गोपाचल पर्वत, ग्वालियर में रानी लक्ष्मी बाई की समाधि और सिंधिया राजवंश की छतरियां एक है।
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निष्कर्ष
यदि आप भी मध्यप्रदेश की यात्रा पर जाना चाहते हैं, तो आपने बिल्कुल सही फैसला लिया है। क्योकि मध्यप्रदेश की ख़ूबसूरती यहाँ आने के बाद ही पता चलेगी। आशा करता हूँ Madhya Pradesh Travel Guide का यह आर्टिकल आपको मध्यप्रदेश की यात्रा में काफी मदद करेगा। अगर आपके मन में कोई सुझाव या सवाल हों, तो कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। ज्यादा जानकारी के लिए संपर्क करें।
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धन्यवाद्!
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