NohkaLikai Falls Trip
NohkaLikai Falls Travel Guide : किसी भी घुम्मकड़ या फिर आज की मिलनिअल की शब्दों में कहें तो वंडरलस्ट सोल की दिली तमन्ना होती है कि एक बार तो स्विजरलैंड की सैर कर आये। हालांकि, सैर करने के लिए जेब का भी हिसाब रखना पड़ता है, वरना बॉलीवुड की मूवी या तो फिर यूट्यूब के वीडियोज ही सहारा हैं। लेकिन हम में से कितने सारे लोगों को यह पता है कि हमारे भारत में भी अपना एक स्विजरलैंड है, जो आपको वही आत्मिक आनंद देगा, जो आपको वहां जाके मिलेगा। चलिए तो आज के इस सफर में चलते हैं भारत के उस राज्य के झील के सफर पर, जिसे देख आप ताउम्र यादों के एक काफिले का अनुभव करने के लिए विवश हो जायेंगे।
इसे भी पढ़ें : मेघालय का इतिहास संस्कृति, और घूमने वाले प्रमुख पर्यटन स्थल – Meghalaya Travel Guide in Hindi
नोहेकालिकाई जलप्रपात (Nohkalikai Waterfall)
संस्कृत शब्द मेघ + आलय से बना जिसका अर्थ है बादलों का शहर, मेघों का स्थान या निवासघर और विशेषण के तौर पर भारत का स्कॉटलैंड ऑफ़ द ईस्ट से जाना जाने वाला राज्य मेघालय!! यहाँ का मौसम, गुंफाये, पहाड़ और यहाँ के झरने सब कुछ अपने आप में अलौकिक सुंदरता का प्रतीक बने हुए हैं। सोचो की झीलों का शहर हो मुझे तो लगता है कि मिशन कश्मीर मूवी का यह गाना सही मायने में इसी राज्य के लिए बना हो। आज मेघायला राज्य के ऐसे ही जानेमाने झरने की यात्रा के बारें में हम आपको जानकारी देंगे।
नोहेकालिकाई जलप्रपात की ऊंचाई (NohkaLikai Falls Height)
नॉहकलिकई फॉल पूर्वोत्तर भारत के मेघालय प्रदेश में पूर्वी खासी हिल्स में चेरापूँजी के समीप स्थित एक जलप्रपात है। इस जल प्रपात की ऊँचाई 1100 फुट है। यह प्रपात भारत के सबसे ऊँचे झरनों में से एक है। चेरापूँजी भारी वर्षा के लिये प्रसिद्ध रहा है। इस प्रपात के जल का स्रोत यही वर्षा है। नोहकलिकाइ दुनिया का चौथा सबसे ऊंचा झरना है। यह झरना 340 मीटर की ऊंचाई से गिरता है और प्रकृति के अद्भुत दृश्य को प्रस्तुत करता है। भारत के सबसे ऊँचे वाटरफॉल्स में नॉहकलिकई पहले स्थान पे आता है।
नॉहकलिकई के नाम पीछे की कहानी (Story of the name behind Nohkalikai Falls)
वैसे नॉहकलिकई का ये रहस्यमय जलप्रपात (NohkaLikai Falls) अपने नाम के पीछे एक बड़ी ही हृदय विदारक कथा को छुपाए बैठा है। खासी भाषा में नॉहकलिकई का शाब्दिक अर्थ है लिकाई की छलाँग। यहाँ ‘का’ स्त्री के लिए सम्मान सूचक शब्द की तरह इस्तेमाल होता है। इसके दंतकथा के आधार पर लिकाई नामक एक विवाहित स्त्री जो इस जलप्रपात के पिछले गाँव में अपने पति और बच्ची के साथ ख़ुशी ख़ुशी रहा करती थी। अपने पहले पति के देहांत के बाद लिकाई को मजबूरन दूसरी शादी करनी पड़ी।
पैसा कमाने के लिए उसे बच्चे को छोड़कर बोझा ढोने का काम करना पड़ता था। इसलिए जब भी वो काम कर वापस आती, तो अपना बचा हुआ समय बच्चे पर लगाती। उसे ऐसे करते देख उसके दूसरे पति को इर्षा होती थी कि वो बच्चे की वजह से उसका ज़रा सा भी ख्याल नहीं रख रही है। एक दिन गुस्से में आकर लिकाई की अनुपस्थिति में उसके पति ने बच्ची को ना केवल मार डाला, बल्कि उसके मांस का भोजन भी बना डाला। थकी हारी लिकाई जब वापस लौटी तो उसने बिना देखे खाना खा लिया। फिर उसे बच्ची का ध्यान आया, तो वो उसे ढूँढने लगी।
बाहर आकर जब उसने बच्ची की कटी उंगलियाँ देखीं तो उसे सारी बात समझ आ गयी। दुख और क्रोध से उसकी अंतरआत्मा जल उठी और दौड़ते हुए उसने इसी जलप्रपात के ऊपर से छलांग लगा दी। नॉहकलिकई मानो एक माँ का अपने बच्चे के वियोग में अखंडित चलता हुआ विलाप प्रतीत होता है।
नॉहकलिकई घूमने कब जाएँ (Best time to visit in Nohkalikai Falls)
हमारा सुझाव है कि आप इस छुट्टी को अक्टूबर से दिसंबर के बीच निर्धारित करें। लेकिन यहां कब बादल आ जाएं, इसकी कोई गारंटी नहीं दे सकता है। एक अन्य विकल्प मार्च और मई के बीच यात्रा करना है, यह सुनिश्चित करते हुए कि आपको छुट्टियों के दौरान भारी मौसम के कारण होने वाली लगातार समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। हमारे दृष्टिकोण से, ये मेघालय की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय है। इन महीनों के दौरान चेरापूंजी में कम वर्षा होती है। लेकिन यहां कब बादल हो जाएं इसकी कोई गारंटी नहीं है।
नोहकलिकाई झरने तक कैसे पहुँचें (How to reach Nohkalikai Waterfalls)
NohkaLikai Falls Travel Guide : गुवाहाटी, असम में निकटतम हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन है। आप दिल्ली, मुंबई या अन्य किसी शहर से गुवाहाटी तक यात्रा कर सकते हैं और अपने मेघालय साहसिक कार्य की अवधि के लिए ड्राइवर के साथ कैब किराए पर ले सकते हैं।
चेरापूंजी शिलोंग से लगभग 54 किलोमीटर दूर है और वहां पहुंचने के लिए लगभग 2 घंटे लगते हैं। यह धुंध से ढकी पहाड़ियों पर गहरी हरी-भरी घाटियों में गिरते पतले झरनों के साथ एक सुंदर यात्रा है। शिलोंग पहुँचने के लिए आपके पास बहुत सारे ऑप्शन हैं, जिसमें रेल यात्रा आपको किफ़ायती होगी। पर शिलोंग के लिए कोई डायरेक्ट ट्रेन नहीं है, तो आपको गुवाहाटी उतर के फलटण बाजार से शिलोंग के लिए बस, शेयर कैब या प्राईवेट कैब मिल जाएंगी।
चेरापूंजी से टैक्सी या द्वारा नोहकलिकाई झरने तक पहुंचा जा सकता है। आप सोहरा से झरने तक की पूरी दूरी पैदल भी चल सकते हैं।
बस किराया – प्रति व्यक्ति 180 रुपये
शेयर कैब – प्रति व्यक्ति 500 रुपये
प्राइवेट कैब – 2000 से शुरू
प्रवेश शुल्क, समय और अवधि
प्रवेश शुल्क: प्रवेश शुल्क के रूप में 20 रुपये का शुल्क लिया जाता है।
कैमरा शुल्क: कैमरे के लिए 20 रुपये का शुल्क लिया जाएगा।
नोहकलिकाई झरने का समय: सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक
अवधि: आप 1 से 2 घंटे बिता सकते हैं।
वहां पहुंचने की लागत: आपको वहां ले जाने के लिए किराए पर लिए गए वाहन की अवधि और प्रकार के आधार पर एक दिन की यात्रा की कुल लागत लगभग 2000 रुपये से 3000 रुपये हो सकती है। यदि आप यहीं रुकने की योजना बना रहे हैं, तो आपको भोजन और आवास के लिए अतिरिक्त 4000-6000 रुपये खर्च करने होंगे।
कहां खाएं: नोहकलिकाई व्यूपॉइंट के पास पार्किंग स्थल पर, आप सोहरा के प्रसिद्ध संतरे और शहद से लेकर स्थानीय मसालों और हस्तशिल्प तक कई वस्तुएं प्राप्त कर सकते हैं। यहां दो छोटे रेस्तरां हैं, जो चाय और बुनियादी नाश्ता उपलब्ध कराते हैं। पैक्ड स्नैक्स और पेय भी उपलब्ध हैं, लेकिन आपसे उन पर छपी कीमत से अधिक भुगतान करने के लिए कहा जाएगा।
नोहकालिकाई जलप्रपात के पास आवास विकल्प
नोहकालिकाई जलप्रपात (NohkaLikai Falls) और उसके आस-पास के क्षेत्र का अनुभव करने के बाद, आपको आराम से रहने और पुनर्जीवन प्राप्त करने के लिए कुछ सार्वजनिकता ऑप्शन उपलब्ध हैं, जो विभिन्न बजट और पसंदों को पूरा करते हैं।
नोहकलिकाई फॉल्स के पास आकर्षण
अविस्मरणीय अनुभव के लिए पास के नोहकलिकाई फॉल्स की यात्रा के लिए यहां कुछ स्थान दिए गए हैं :
दो स्तरों वाला लिविंग रूट ब्रिज (22 किमी)
रेनबो फॉल्स (1 किमी)
वेई सॉडोंग में झरना (13 किमी)
मावसमाई गुफा (11 किमी)
वाह-काबा जलप्रपात (8 किमी)
चेरापूंजी लुकआउट प्वाइंट (9 किमी)
नोहकलिकाई फॉल्स में करने के लिए चीजें
फोटोग्राफी: नोहकालिकाई जलप्रपात की सुंदरता को अपने लेंस के माध्यम से कैद करें।
पिकनिक: स्वादिष्ट पिकनिक भोजन पैक करें और जलप्रपात के पास एक आकर्षक स्थान ढूंढें, जहां प्रकृति की सुंदरता के बीच भोजन का आनंद लें। जलप्रपात के ध्वनि और ताजगी वाले हवाएं एक शांतिपूर्ण वातावरण बनाते हैं, जिसमें यादगार भोजन का आनंद लेने के लिए एक अद्भुत माहौल होता है।
ट्रेकिंग: यदि आप एक एडवेंचर उत्साही हैं, तो नोहकालिकाई जलप्रपात के आस-पास के खूबसूरत ट्रेलों पर ट्रेकिंग अभियान करें। परिधि के आसपास कई ट्रेकिंग रूट्स हैं, जिनमें से कुछ आसान और कुछ कठिन हैं, जो सभी फिटनेस और अनुभव के स्तरों की पूर्ति करते हैं।
यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय: सलाह दी जाती है कि ट्रेक जल्दी शुरू करें और यह सुनिश्चित करें कि आप शाम 5 बजे सूर्यास्त से पहले कम से कम 3-4 घंटे का समय रखें। यदि आप केवल उस स्थान की जाँच करने की योजना बना रहे हैं, जहाँ बादल आसमान को साफ करना बंद कर देते हैं और बूँदें गिरती हैं। राजसी दृश्य में बारिश आपके विंडशील्ड पर गिरती रहती है, तो सुनिश्चित करें कि आप दोपहर के दौरान पहुँचें जब सबसे अधिक संभावना है कि यह कोहरे से ढका न हो।
इसे भी पढ़ें : रोमांस की संगीत ध्वनि गुनगुनाता केरल का सबसे ऊँचा झरना – Athirappilly Falls
निष्कर्ष : क्यों नोहकालिकाई झरना आपकी यात्रा बकेट लिस्ट पर होना चाहिए?
नोहकालिकाई झरना (NohkaLikai Falls) मेघालय के दिल में स्थित एक असली रत्न है। इसकी आश्चर्यजनक सुंदरता, साथ ही इसके चारों ओर के रहस्यमय किस्से, इसे प्रकृति प्रेमियों और एडवेंचर सीकर्स के लिए एक अनिवार्य यात्रा बनाते हैं। झरने की गिरती हुई पानी का आश्चर्यजनक दर्शन करने से लेकर स्थानीय खाना का आनंद लेने और नजदीकी आकर्षणों का अनुभव करने तक, नोहकालिकाई झरने का दौरा एक अविस्मरणीय यात्रा का वादा करता है। इसलिए अपने सामान को पैक करें, अपने हाइकिंग बूट्स को बाँधें और नोहकालिकाई झरने की महिमा का दर्शन करने के लिए निकलें।
[…] इसे भी पढ़ें: भारत के सबसे ऊंचाई पर स्थित झरनो में से एक नोहेकालिकाई जलप्रपात-NohkaLikai Falls […]
[…] इसे भी पढ़े: भारत के सबसे ऊंचाई पर स्थित झरनो में से एक नोहेकालिकाई जलप्रपात- NohkaLikai Falls […]