Kedarnath Yatra Full Information : केदारनाथ यात्रा भारत में सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय यात्राओं में से एक है। यह यात्रा पैदल, बस या ट्रेन से पूरी की जा सकती है, लेकिन इसे पैदल पूरा करने में लगभग 10 दिन लगते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह तीर्थयात्रा सभी पापों को दूर करती है और लोगों को मोक्ष या मोक्ष प्राप्त करने में मदद करती है। केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple) हिमालय के पहाड़ों में मंदाकिनी नदी के गौरीकुंड किनारे पर 18,590 फीट (5,700 मीटर) की ऊंचाई पर स्थित है। यह भोजबासा से लगभग 8 किमी और जोशीमठ से 130 किमी दूर स्थित है। केदारनाथ यात्रा सबसे अधिक की जाने वाली यात्राओं में से एक है।
यह लेख केदार यात्रा और हिंदू धर्म में इसके महत्व का एक संक्षिप्त परिचय प्रदान करता है। केदारनाथ यात्रा एक हिंदू तीर्थयात्रा है, जो अक्टूबर के महीने में होती है। यह भारत में सबसे लोकप्रिय यात्राओं में से एक है। यह लेख आपको केदारनाथ यात्रा की आवश्यकताओं के बारे में जानने के लिए सभी जानकारी प्रदान करेगा।
यदि बात महादेव के दर्शन की हो और केदारनाथ का ज़िक्र न हो, ऐसा कभी संभव ही नहीं है। आज हम लोग इस आर्टिकल में जानेंगे केदारनाथ यात्रा के बारे में पूरी जानकारी। केदारनाथ यात्रा केदारनाथ के पवित्र मंदिर के लिए एक हिंदू तीर्थयात्रा है। यह मंदिर भारत के उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित है।
केदारनाथ का इतिहास क्या है (History of Kedarnath in Hindi) –
केदारनाथ सदियों से ही हिमालय देवताओं और ऋषि-मुनियों की तपस्थली रहा है। उत्तराखंड में केदारनाथ, गंगोत्री, बद्रीनाथ और यमुनोत्री धाम काफी प्रसिद्ध है। उत्तराखंड राज्य (Uttrakhand State) के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ मंदिर भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। केदारनाथ मंदिर हिमालय की केदार नामक चोटी पर स्थित है। इस चोटी की पूर्व दिशा में अलकनंदा नदी और पश्चिम में मंदाकिनी नदी है।
केदारनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित है। इसके अलावा पांच केदार और चार धाम में से एक है। ऐसा माना जाता है कि यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं के पाप सिर्फ दर्शन करने से ही धुल जाते हैं। केदारनाथ मंदिर और केदारनाथ धाम चारों ओर से पहाड़ों से घिरा हुआ है। यह मधुगंगा, सरस्वती, मंदाकिनी, स्वर्णगौरी और क्षीरगंगा का संगम भी है। कहा जाता है कि हिमालय के केदार पर्वत पर नारायण ऋषि और महातपस्वी नर तपस्या किया करते थे। उनकी आराधना से ही खुश होकर भगवान शिव जी प्रकट हुए और उनकी प्रार्थना के अनुसार ज्योतिर्लिंग के रूप में सदा वास करने का वरदान भी दिया।
केदारनाथ से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स –
देश | भारत |
प्रांत | उत्तराखंड |
जिला का नाम | रुद्रप्रयाग |
ऊंचाई | 11657 फीट |
भाषा | गढ़वाली और हिंदी |
किस लिए प्रसिद्ध है | केदारनाथ मंदिर और अन्य धार्मिक स्थल के कारण |
केदारनाथ की संस्कृति (Culture of Kedarnath) –
उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए हर वर्ष लाखों श्रद्धालु केदारनाथ धाम आते हैं। यहां पर मुख्य रूप से राजी, बोकशा, भाटिया और थारू जातीय समूह हैं। उत्तराखंड राज्य में मुख्य रूप से पहाड़ी भाषा के अलावा हिंदी भाषा भी लोगों द्वारा बोली जाती है। सैलानी, जधी और जौनसारी आदि बोली भी यहां पर बोली जाती है। उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ की खास बात यह है कि यहां पर लोग पुराने रीति-रिवाज, धर्म और परंपराओं को भूले नहीं हैं।
केदारनाथ के त्यौहार (Festivals of Kedarnath) –
केदारनाथ में विभिन्न प्रकार के त्यौहार मनाए जाते हैं। चलिए हम आपको केदारनाथ के सबसे महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध त्यौहारों के बारे में जानकारी देते हैं –
विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) –
विनायक चतुर्थी मुख्य रूप से भगवान गणेश जी के लिए मनायी जाती है। विनायक चतुर्थी यहां पर सितंबर और अक्टूबर के महीने में काफी धूमधाम से मनाई जाती है।
श्रावणी अंकूट मेला (Shravani Ankoot Festival) –
श्रावणी अंकूट मेला मुख्य रूप से ताजा कटे हुए धान के उपलक्ष में मनाया जाता है। ताजा कटे धान को भगवान शिव जी को अर्पित किए जाते हैं। इसका आयोजन रक्षाबंधन से एक दिन पहले किया जाता है। केदारनाथ जी के पूरे शिवलिंग को गेहूं, मक्का, चावल और अन्य दालों के पेस्ट से सजाया जाता है।
दिवाली (Diwali) –
यदि आप केदारनाथ जाना चाहते हैं, तो दिवाली के अवसर पर जिंदगी में एक बार तो केदारनाथ अवश्य जाएं। क्योंकि दिवाली के दिन यहां पर एक अलग ही माहौल होता है। मंदिर के साथ-साथ आसपास के सभी क्षेत्रों को रंग-बिरंगे फूलों और दीये से सजाया जाता है।
- समाधि पूजा
- श्रावणी अंकूट मेला
- रामनवमी
- नाग पंचमी
केदारनाथ का रहन सहन (Lifestyle of Kedarnath Dham) –
चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा केदारनाथ प्राकृतिक सौंदर्य के कारण जाना जाता है। यहां के लोग मिल जुलकर प्रेम पूर्वक रहते हैं। यहां रहने वाले लोग काफी धार्मिक होते हैं और पूजा पाठ में काफी विश्वास रखते हैं। यहां पर भोटिया, जौनसारी और बुकशा जाति के लोग मुख्य रूप से रहते हैं। यहां के लोग सादा जीवन जीना पसंद करते हैं।
केदारनाथ की पारंपरिक वेशभूषा (Kedarnath Dress Code) –
उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ के पुरुष धोती, कुर्ता, भोटू, कमीज मिरजै, टांक (साफा) टोपी, पैजामा, सुराव, कोट आदि पहनना पसंद करते हैं। इसके अलावा यहां की महिलाएं घाघरा और आंगड़ी पहनना पसंद करती हैं। जैसे-जैसे समय बदला है, वैसे वैसे पहनावे में भी थोड़ा बदलाव आ चुका है। अब यहां की महिलाएं साड़ी और ब्लाउज भी अधिक पहनती हैं।
केदारनाथ का खान पान (Famous Food of Kedarnath) –
भट्ट की चुरकनी (Bhatt Churkani) –
भट्ट की चुरकनी काली सोयाबीन से तैयार की जाती है। इस सब्जी को चावल के साथ मिलाकर गाढ़ा पेस्ट तैयार किया जाता है। लजीज स्वाद बनाने के लिए मसाले और जड़ी बूटी मिलाई जाती है।
दुबुकी (Dubuque) –
दुबुकी एक दाल की ग्रेवी होती है। इसे अपने मनपसंद की एक से अधिक दाल को मिलाकर बनाया जाता है। इसका स्वाद अच्छा बनाने के लिए चावल का आटा भी मिलाया जाता है।
कुमाउनी रायता (Kumaoni Raita) –
कुमाउनी रायता उत्तराखंड के लोगों को काफी अधिक अच्छा लगता है। इस रायते को बनाने के लिए ककड़ी, धनिया, दही और जड़ी बूटी का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें अलग-अलग सब्जी को काटकर डाला जाता है, जो खाने में काफी स्वादिष्ट होता है, और सेहत के लिए भी हेल्दी होता है।
आलू के गुटके कुमाऊंनी (Kumaoni Aloo ke Gutke) –
यह एक प्रकार से आलू की सब्जी ही होती है, जिसे लाल मिर्च, आलू, धनिया, पत्ती और अन्य मसाले डालकर बनाया जाता है।
- चौंसु
- कोड की रोटी
केदारनाथ जाने का सबसे बेहतरीन समय (Best Time to Visit in Kedarnath)
यदि आप केदारनाथ घूमना चाहते हैं, तो आप उस समय केदारनाथ जाएं जब ना ही अधिक सर्दी हो और ना ही बर्फ पड़ रही हो। केदारनाथ श्रद्धालुओं के लिए प्रत्येक वर्ष 6 महीने के लिए खोला जाता है। आप सितंबर से अक्टूबर (September To October) के बीच और मई से जून के महीने में जा सकते हैं। इन दिनों मौसम अच्छा रहता है।
केदारनाथ में घूमने की जगह (Best Places to Visit Kedarnath) –
अगर आप केदारनाथ घूमने के लिए जाना चाहते हैं, तो आप केदारनाथ मंदिर के अलावा अन्य स्थानों पर भी घूम सकते हैं। चलिए केदारनाथ के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों (Best Tourist Places) के बारे में जानते हैं –
वासुकी ताल झील (Vasuki Taal Lake) –
केदारनाथ से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर वासुकी ताल झील है। वासुकी ताल झील पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यदि आप केदारनाथ घूमने के लिए जा रहे हैं, तो वासुकी ताल झील देखना ना भूलें।
चोराबारी झील (Chorabari Lake) –
चोराबारी झील गौरीकुंड से लगभग 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 1948 ई. में महात्मा गांधी की अस्थियां इसी झील में वर्जित की गई थीं। इसी कारण इस झील को गांधी ताल के नाम से भी जाना जाता है।
भैरवनाथ मंदिर (Bhairavnath Temple) –
भैरव भगवान शिव के मुख्य गण थे। इसी कारण श्रद्धालु जब भी यहां पर आते हैं, तो भैरवनाथ के दर्शन करना नहीं भूलते। यह मंदिर केदारनाथ मंदिर से लगभग 500 मीटर की दूरी पर स्थित है।
सोनप्रयाग (Sonprayag) –
सोनप्रयाग लगभग 1829 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कहा जाता है कि यहां पर भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था। यह केदारनाथ से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
शंकराचार्य समाधि (Shankaracharya Samadhi) –
शंकराचार्य समाधि भी केदारनाथ टूरिस्ट प्लेस में काफी प्रसिद्ध है। शंकराचार्य मंदिर आठवीं शताब्दी से बना हुआ है। यहां पर हर वर्ष हजारों भक्त आते हैं।
तुंगनाथ मंदिर (Tungnath Temple) –
तुंगनाथ मंदिर केदारनाथ से 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर 1000 वर्ष पुराना है। इस मंदिर को दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर माना जाता है। शंकराचार्य ने तुंगनाथ मंदिर की खोज की थी।
इसके अलावा केदारनाथ में कुछ अन्य Places भी हैं, जहां आप घूमने जा सकते हैं, जैसे –
- केदारनाथी
- गौरीकुंडो
- त्रियुगीनारायण
- अगस्त्यमुनि
- ऊखीमठों
- गुप्तकाशी
- रुद्रप्रयाग
- देवरिया ताल
- चोपटा
केदार यात्रियों के लिए आवश्यकताएँ:
- केदारनाथ यात्रा करने के लिए पुरुष और महिला तीर्थयात्रियों की आयु 10 वर्ष और उससे अधिक होनी चाहिए।
- कोई भी तीर्थयात्री गर्भवती न हो या उसकी कोई चिकित्सीय स्थिति न हो, जिससे तीर्थयात्रा के दौरान उन्हें असुविधा हो।
- एक व्यक्ति को पांच के समूह में तीन से अधिक लोगों के साथ यात्रा नहीं करनी चाहिए इस में।
- किसी भी तीर्थयात्री को अनुमति के अलावा किसी अन्य जानवर के साथ यात्रा नहीं करनी चाहिए।
- तीर्थयात्रियों को कोई भी तेज वस्तु, एसिड / क्षारीय पदार्थ जैसे लाइटर, चिपकने वाले, थर्मामीटर या कोई अन्य वस्तु नहीं ले जानी चाहिए, जो तीर्थयात्रा के दौरान खुद या दूसरों के लिए समस्या पैदा कर सकती है।
- तीर्थयात्रियों को कोई हथियार या कोई अन्य वस्तु नहीं ले जानी चाहिए, जिसका उपयोग वे पवित्र स्थानों पर जाते समय हथियार के रूप में कर सकते हैं।
केदारनाथ यात्रा की तैयारी कैसे करें?
केदारनाथ यात्रा भारत के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थों में से एक है। चलिए जानते हैं कि केदारनाथ यात्रा की तैयारी कैसे करें और इसके लिए आपको क्या पैक करना चाहिए।
- केदारनाथ के लिए प्रस्थान करने से पहले आपको सबसे पहले गंगा नदी में डुबकी लगानी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इससे आपके सारे पाप धुल जाएंगे और आपकी यात्रा सुरक्षित हो जाएगी।
- अपने साथ पर्याप्त नकदी ले जाएं, क्योंकि केदारनाथ में एटीएम नहीं हैं। भोजन, परिवहन, ठहरने आदि जैसी चीजों के भुगतान के लिए आप अपने मोबाइल फोन पर पेटीएम या फोनपे ऐप का भी उपयोग कर सकते हैं।
- सर्दियों के दौरान अपने साथ रेनकोट के साथ-साथ ऊनी स्वेटर या शॉल ले जाना सबसे अच्छा है। आपको टॉर्च की रोशनी भी साथ रखनी चाहिए या प्रकाश देने वाला कोई भी उपकरण। सर्दियों के दौरान, देश में जलवायु अप्रत्याशित होती है और अपना भोजन अपने साथ ले जाना सबसे अच्छा होता है।
केदारनाथ यात्रा के लिए पहले से तैयारी करना जरूरी है। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं कि आपको अपनी यात्रा के लिए क्या पैक करना चाहिए और यात्रा से पहले कैसे तैयारी करनी चाहिए:
- अपने साथ एक अच्छी जोड़ी जूते, ढेर सारा पानी और स्नैक्स रखना महत्वपूर्ण है।
- आपकी यात्रा के दौरान बिजली बंद होने की स्थिति में आपके पास एक टॉर्च भी होनी चाहिए।
- दूसरी सबसे महत्वपूर्ण वस्तु दस्ताने की एक जोड़ी है। वे आपके हाथों को ठंड से बचाएंगे और आपको सर्दियों के घातक खतरों से महान आउटडोर में सुरक्षित रहने में मदद करेंगे। वे आरामदायक, गर्म और जलरोधक हैं।
- एक बैकपैक की भी सिफारिश की जाती है। इसमें पानी की बोतल और बैकपैक के लिए एक कवर होना चाहिए।
केदारनाथ यात्रा की लागत क्या है? (Kedarnath Tour Budget)
केदारनाथ यात्रा एक हिंदू तीर्थ है, जिसे कोई भी कर सकता है। यह भारत में सबसे लोकप्रिय और सबसे अधिक देखी जाने वाली जगहों में से एक है। केदारनाथ यात्रा की लागत तय नहीं है। यह मंदिर तक पहुंचने के लिए आपके द्वारा लिए जाने वाले मार्ग, आपके परिवहन के साधन, आपके आवास और अन्य कारकों पर निर्भर करता है।
केदारनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए तीन मार्ग हैं:
- गुप्तकाशी से केदारनाथ वाया सोनप्रयाग तक का सबसे छोटा मार्ग
- रुद्रप्रयाग से कर्णप्रयाग होते हुए केदारनाथ तक का मध्य मार्ग
- गुप्तकाशी से बद्रीनाथ तक चोरबत घाटी के माध्यम से सबसे लंबा मार्ग और फिर केदारनाथ तक ट्रेकिंग
केदारनाथ कैसे जाएं (How to Reach Kedarnath Dham)?
यदि आप केदारनाथ जाना चाहते हैं, तो बस, ट्रेन और हवाई जहाज किसी से भी आप केदारनाथ पहुंच सकते हैं।
बस से (By Bus) –
केदारनाथ जाने के लिए आप बस से भी सफर कर सकते हैं। कोटद्वार और ऋषिकेश से केदारनाथ के लिए बस चलती है। गौरीकुंड से भी आपको केदारनाथ के लिए Bus मिल जाएगी। यदि आप बस से सफर करना चाहते हैं, तो आपको बस मिलने में कोई भी परेशानी नहीं होगी। पूरे दिन में समय-समय पर अलग-अलग बसें चलती ही रहती हैं।
ट्रेन से (By Train) –
केदारनाथ जाने के लिए आप ट्रेन से सफर भी कर सकते हैं। ट्रेन से केदारनाथ जाने के लिए आप पहले ही टिकट बुकिंग करवा लें, ताकि आपको बाद में कोई समस्या ना आए। केदारनाथ जाने के लिए सबसे निकटतम स्टेशन आपको ऋषिकेश का मिल जाएगा, जो कि 221 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
हवाई जहाज से (By Airplane) –
जालीग्रांट हवाई अड्डा केदारनाथ के लिए निकटतम घरेलू हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा देहरादून में स्थित है। आप अपने राज्य और शहर के अनुसार टिकट को बुक कर सकते हैं। हवाई जहाज से यात्रा (Travel) करने के लिए आपको थोड़ा खर्चा करना होगा, क्योंकि हवाई जहाज से सफर करना बस और ट्रेन टिकट से खर्चीला होता है।
केदारनाथ यात्रा करने के लिए कुछ सुझाव क्या हैं?
केदारनाथ भारत के उत्तराखंड राज्य का एक छोटा सा शहर है। यह 3,583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इसका औसत तापमान लगभग 12 डिग्री सेल्सियस है।
आपकी यात्रा को थोड़ा आसान बनाने के लिए, हमने आपके लिए अनुसरण करने के लिए कुछ सुझाव लिखे हैं:
- गर्म कपड़े अपने साथ रखें। रात के दौरान तापमान 12 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है और सर्दियों के महीनों में दिन के दौरान -5 डिग्री सेल्सियस तक कम हो सकता है।
- अपने साथ पर्याप्त पानी और भोजन की आपूर्ति करें, ताकि आप इन बुनियादी जरूरतों के लिए दुकानों या रेस्तरां पर निर्भर न रहें।
- सुनिश्चित करें कि आपके जूते वाटरप्रूफ हों और बर्फ या बर्फ जैसी गीली सतहों पर उनकी अच्छी पकड़ हो।
FAQs –
Q-क्या केदारनाथ मंदिर के लिए कोई ड्रेस कोड है?
A-नहीं, केदारनाथ मंदिर के लिए कोई भी ड्रेस कोड नहीं है।
Q-केदारनाथ मंदिर में दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को कितने किलोमीटर की चढ़ाई पैदल करनी पड़ती है ?
A-केदारनाथ मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को 16 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई करनी पड़ती है।
Q-हरिद्वार से केदारनाथ कितनी दूरी पर स्थित है?
A-हरिद्वार से केदारनाथ लगभग 247 किलोमीटर की दूरी पर है।
Q-केदारनाथ यात्रा के दौरान प्रत्येक व्यक्ति का कितना खर्चा आ जाता है?
A- केदारनाथ यात्रा के दौरान प्रत्येक व्यक्ति का लगभग 10,000 से 15000 खर्चा आ सकता है।
Q- क्या केदारनाथ हम हवाई जहाज से जा सकते हैं?
A-केदारनाथ जाने के लिए आप बस, ट्रेन और हवाई जहाज तीनों में से किसी भी माध्यम का इस्तेमाल कर सकते हैं।
निष्कर्ष : तीर्थयात्रा करने के लाभ
तीर्थयात्रा करने के कई फायदे हैं। यह केवल किसी तीर्थस्थल पर जाने के बारे में नहीं है, बल्कि अपने विश्वास के करीब महसूस करने और कुछ ऐसा अनुभव करने के बारे में भी है, जो आपके पहले के अनुभव से बहुत अलग है।
मुझे उम्मीद है कि यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए जानकारीपूर्ण रहा होगा, और आपको इस बारे में कुछ जानकारी दी है कि तीर्थ यात्रा करने का क्या अर्थ है। मुझे लगता है कि यह बहुत अच्छा होगा कि हम सभी कम से कम एक बार इस यात्रा पर जाने के लिए अपने जीवन में से कुछ समय निकालें।
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