फूलों से सजे बिनसर हिल स्टेशन के टॉप 7 टूरिस्ट प्लेसेज | Binsar hills, Uttarakhand

Binsar Hill, Uttarakhand

Binsar hills travel guide: आप यदि प्रकृति से प्रेम करते हैं और एक शांत वातावरण चाहते हैं तो बिनसर का Tour आपके लिए अच्छा साबित होगा। बिनसर एक बहुत ही शांत और खूबसूरत हिल स्टेशन है। यह सबसे शानदार हिल स्टेशनों में से एक है। बिनसर की पहाड़ियाँ, जिन्हें झंडी धार के नाम से भी जाना जाता है, 2412 मीटर की ऊँचाई तक पहुंचती हैं। यहां से अल्मोड़ा शहर, कुमाऊँ की पहाड़ियों और बड़ी हिमालय घाटी का दृश्य बहुत ही सुन्दर दिखता है।

Binsar Trip प्लान करने से पहले उसके बारे में ठीक से जानना बहुत जरूरी है। ताकि आप इस हिल स्टेशन को अच्छी तरह से एक्स्प्लोर कर सकें। इसके लिए इस आर्टिकल को अच्छी तरह से पढ़ें। 

बिनसर का इतिहास (History of Binsar hills in Hindi) –

History of Binsar hills in Hindi

बिनसर, भारत के उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा ज़िले में स्थित है। यह अल्मोड़ा से करीब 34 किलोमीटर दूर है और समुद्र तल से लगभग 2412 मीटर की उंचाई पर है। बिनसर के इतिहास की बात करें तो यह चंद राजाओं की ग्रीष्मकालीन राजधानी थी, जिन्होंने 11वीं से 18वीं शताब्दी ईस्वी तक कुमाऊं पर शासन किया था।

अंग्रेजों ने इसे ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में भी इस्तेमाल किया और जंगल के अंदर कई संपत्तियां बनाईं। 1988 में जंगलों के संरक्षण के लिए बिनसर को एक अभयारण्य के रूप में स्थापित किया गया था। इसमें पक्षियों की 200 से अधिक प्रजातियाँ हैं।

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बिनसर से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स (Some Important Points About Binsar) –

हिल स्टेशन का नामबिनसर
कब स्थापना हुई1988
क्षेत्रफल45.59 वर्ग किमी
कुल जनसंख्यातकरीबन 206
बोली जाने वाली भाषाएंगढ़वाली और कुमाऊंनी
किस लिए फेमस हैबिनसर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और खूबसूरत पहाड़ियों के लिए जाना जाता है

बिनसर की संस्कृति (Culture of Binsar in Hindi) –

बिनसर के लोगों ने अपनी संस्कृति को अपने त्यौहारों और लोक नृत्यों के जरिये जीवित रखा हुआ है। बिनसर का एक और महत्वपूर्ण त्यौहार नंदा देवी है, जो इस शहर की परंपराओं और संस्कृति को दर्शाता है। यहाँ के खानपान और रहन सहन में बिनसर की संस्कृति की झलक साफ दिखाई देती है।

बिनसर के त्यौहार (Festivals of Binsar Valley) –

1) नंदादेवी-मेला (Nanda Devi Mela) –

नंदा देवी मेला बिनसर, नौटी, दंडीधारा, मुनस्यारी और रानीखेत जैसी जगहों पर मनाया जाता है। बिनसर में यह मेला बहुत प्रसिद्ध है। नंदा देवी मेले को हर साल नंदा देवी मंदिरों में मनाया जाता है। यह त्यौहार देवी के माता-पिता के घर की यात्रा से शुरू होता है और अपने पति के घर लौटने के साथ ख़त्म होता है। यह परंपरा उत्तराखंड के लोकगीतों में खूबसूरती से बताई जाती है।

2) कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) –

कार्तिक पूर्णिमा जैसे त्यौहार को भी बिनसर में बहुत अच्छे से मनाया जाता है। इस त्यौहार को देव दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। 

3) जागेश्वर मानसून महोत्सव (Jageshwar Monsoon Festival) –

जागेश्वर मानसून महोत्सव एक धार्मिक त्यौहार है। इसे 15 जुलाई से 15 अगस्त तक मनाया जाता है। जागेश्वर के मंदिरों के समूह में प्राचीन काल के 125 छोटे और बड़े मंदिर शामिल हैं। कुमाऊंनी समाज के लिए इस त्यौहार का बड़ा धार्मिक महत्व है। एक महीने तक चलने वाले इस उत्सव में रोज पर्यटकों (Tourists) की संख्या लगभग एक हजार रहती है।

4) दशहरा महोत्सव (Dussehra Festival) –

दशहरा त्यौहार बिनसर शहर में बहुत ही अनोखे तरीके से मनाया जाता है। यह अक्टूबर के महीने में मनाया जाने वाला त्यौहार है। अल्मोड़ा शहर में बाहरी इलाकों से लगभग पांच से छह हजार टूरिस्ट इस त्यौहार को देखने आते हैं। 

इसके अलावा बिनसर में निम्नलिखित त्यौहार भी मनाये जाते हैं –

  • श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव
  • स्याल्दे-बिखौती मेला
  • द्वाराहाट
  • सोमनाथ मेला
  • मासी
  • महाशिवरात्रि महोत्सव
  • बिनसर महादेव
  • हेडाखान
  • चिलियानौला
  • पुण्यगिरि नवरात्रि मेला
  • देवीधुरा रक्षा बंधन मेला
  • दूनागिरि मेला
  • मुस्तमानू मेला
  • कपिलेश्वर मेला 

बिनसर का रहन-सहन (Lifestyle of Binsar) –

बिनसर और अल्मोड़ा के लोगों को कुमाऊँनी लोग या पहाड़ी कहा जाता है। क्योंकि यह कुमाऊँ क्षेत्र के पास रहने वाले लोग हैं। बिनसर में रहने वाले अधिकांश लोग हिंदू धर्म का पालन करते हैं। लेकिन यहाँ पर मुस्लिम, बौद्ध, सिख, और ईसाई लोग भी रहते हैं, पर उनकी संख्या कम है।

बिनसर के लोग मिलनसार होते हैं। वे पर्यटकों की मदद करते हैं। बिनसर में आबादी का एक बड़ा हिस्सा टूरिज्म में लगा हुआ है, क्योंकि टूरिज्म इस शहर में जिंदगी गुजारने का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।

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बिनसर की पारंपरिक वेशभूषा (Traditional Costumes of Binsar) –

बिनसर में महिलाएं एक विशेष तरीके से बंधी हुई साड़ी पहनती हैं, जिसका पल्लू सामने रहता है। यहां की शादीशुदा महिलाएं गले में हंसुली, काले मोतियों और चांदी का हार जिसे चारेउ कहा जाता है, पहनती हैं। 

वहीं पुरुष अपनी उम्र के अनुसार कुर्ता और पायजामा या कुर्ता और चूड़ीदार पहनते हैं। यह बिनसर की सबसे आम पोशाक है। ठंड के समय बिनसर के पुरुष टोपी और पगड़ी पहनते हैं।

बिनसर का नृत्य (Dance of Binsar Valley) –

बिनसर के प्रमुख लोक नृत्य इस प्रकार हैं – 

1) कुमाऊनी लोक नृत्य (Kumaoni Folk Dance) – कुमाऊनी लोक नृत्य बिनसर का फेमस लोक नृत्य है। यह नृत्य विभिन्न अवसरों और त्यौहारों पर किया जाता है। 

2) मुखोटा नृत्य (Mukhota Dance) – यह नृत्य भी बिनसर के साथ साथ पूरे उत्तराखंड में फेमस है। मुखोटा नृत्य को वैशाख महीने में करते हैं। मुखोटा नृत्य में भूमितायल भगवान की पूजा की जाती है। वैशाख महीने के मेलों में मुखोटा नृत्य का प्रदर्शन होता है। 

3) झोड़ा नृत्य (Jhoda Dance) – यह कुमाऊँ क्षेत्र में किया जाने वाला एक प्रसिद्ध नृत्य है। इस नृत्य के जरिये लोग आपस में मिलते जुलते हैं। पुरुष और महिलाएं एक दूसरे की बांहें पकड़कर एक घेरे में घूमते हैं। इस नृत्य को शादियों और मेलों में किया जाता है। 

4) छोलिया नृत्य (Choliya Dance) – छोलिया नृत्य भी प्रसिद्ध लोक नृत्यों में से एक है। इस नृत्य को बिनसर के साथ साथ कुमाऊं जिले के अल्मोड़ा, पिथोरागढ़ और चंपावत में भी किया जाता है। इसे तलवार नृत्य के नाम से भी जाना जाता है।

5) भोटिया नृत्य (Bhotiya Dance) – उत्तराखंड की जनजाति को भोटिया के नाम से जाना जाता है। यह नृत्य मृत्यु के समय किया जाता है। आत्मा की मुक्ति के लिए इस नृत्य को किया जाता है। 

बिनसर का खानपान (Binsar Food Items) – 

Binsar Food Items | Binsar hills complete travel guide in hindi
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इस खूबसूरत हिल स्टेशन का मजा, खाने के साथ भी लिया जा सकता है। आप यहाँ के खाने का टेस्ट चखने के लिए सिम्बा कैफे पर जा सकते हैं। यहाँ पर स्नैक्स और पेय पदार्थ मिलते हैं। इसके अलावा नूडल्स, चाय भी मिल जाती है। वहीं ग्रैंड ओक मैनर में सबसे अच्छी कुमाऊंनी थाली मिलती है। लेकिन पहले यहाँ पर कॉल करके बुकिंग करना जरूरी होता है।

इसके अलावा कसार देवी में बहुत सारे छोटे-बड़े कैफे की सुविधा भी है। यहां कैप्पुकिनो, तिब्बती मोमोज जैसी टेस्टी चीजे भी मिलती हैं। 

बिनसर घूमने जाने का सही समय (Best Time to Visit Binsar Valley) –

पहाड़ों को देखने के लिए किसी भी मौसम में जाया जा सकता है। लेकिन साफ मौसम में पहाड़ों का नजारा बहुत अच्छे से दिखाई देता है। इसलिए बिनसर जैसे हिल स्टेशन पर घूमने जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से नवंबर तक का होता है। इस मौसम में आसमान पूरी तरह साफ रहता है और हिमालय का शानदार नज़ारा अच्छे से दिखाई देता है।

आप यदि यहाँ के जंगलों की खूबसूरती देखना चाहते हैं तो वहां जाने का सबसे अच्छा समय मार्च से अप्रैल का होता है। इस मौसम में जंगल में खिले हुए बुरांश के फूल बहुत खूबसूरत लगते हैं। पूरा जंगल फूलों की महक से भरा होता है। 

बिनसर में घूमने लायक जगह (Places to See in Binsar) –

बिनसर में घूमने के लिए कई बेस्ट जगहें हैं, जैसे – 

1) कसार देवी मंदिर (Kasar Devi Temple) –

कसार देवी मंदिर बहुत ही फेमस मंदिर है। यह मंदिर एक सिद्ध शक्ति पीठ है। देवदार के पेड़ों से घिरा हुआ इस मंदिर का वातावरण पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। ऐसा कहा जाता है कि भारत की यह एक मात्र ऐसी जगह है, जहां चुंबकीय शक्तियां मौजूद हैं। 19वीं शताब्दी में स्वामी विवेकानंद ने इसी स्थान पर मेडिटेशन किया था।

मंदिर खुलने का समय – 07:00 AM से  07:00 PM तक

2) ज़ीरो पॉइंट, बिनसर​ (Zero Point, Binsar) –

बिनसर का जीरो पॉइंट रोमांचक जगहों में से एक है। जंगलों से घिरी हुयी यह जगह बहुत ही खूबसूरत है। यहाँ पहुंचने के लिए दो किमी की चढ़ाई भी करनी होती है। यहाँ से हिमालय का नजारा भी बहुत अच्छे से दिखाई देता है। 

जाने का समय – 9:00 AM से लेकर 5:30 PM तक 

3) बिनेश्वर महादेव मंदिर​ (Bineshwar Mahadev Temple) –

यह भी बिनसर के फेमस मंदिरों में से एक है। यह मंदिर 16वीं सदी में चंद राजवंश के राजा कल्याण ने बनवाया था, जो भगवान शिव को समर्पित है। दर्शन करने से लिए यह बहुत अच्छा स्थान है। साथ ही यहाँ का शांत माहौल भी पर्यटकों को पसंद आता है।

मंदिर खुलने का समय – 06:00 AM बजे से लेकर 07:00 PM तक

4) बिनसर वन्य अभयारण्य (Binsar Wildlife Sanctuary) – 

बिनसर घूमने के लिए यह जगह भी बहुत अच्छी है। इस अभयारण्य में तेंदुआ आसानी से देखने को मिल जाता है। इसके अलावा चीतल, हिरन भी इस वन में घूमते दिखाई दे जाते हैं। यहाँ पर 200 से भी अधिक पक्षी पाए जाते हैं। उत्तराखंड का राज्य पक्षी “मोनाल ” को भी यहाँ पर देखा जा सकता है। 

जाने का समय – 9:00 AM से लेकर 7:30 PM तक

5) ट्रेकिंग (Trekking) –

ट्रेकिंग के लिए भी यह जगह बहुत शानदार है। यहाँ पूरा ट्रेक आपको खूबसूरत पहाड़ी झरनों और हरे-भरे चीड़ से लेकर देवदारों तक ले जाएगा। आकर्षक जंगलों के बीच कैम्पिंग करना और बर्फ से ढकी चोटियों पर मनमोहक सूर्योदय के साथ जागना आपकी यात्रा को यादगार बना देगा। 

जाने का समय – 9:00 AM से लेकर 7:00 PM तक

6) चितई गोलू देवता मंदिर (Chitai Golu Devta Temple) –

चितई गोलू देवता मंदिर छुट्टियों के दौरान घूमने के लिए एक और बेहतरीन जगह है। यह मंदिर बिनसर वन्यजीव अभयारण्य से लगभग 4 किमी दूर है और कुमाऊं के देवता को समर्पित है। इस मंदिर की अनोखी बात यह है कि लोग मिठाई के बजाय भगवान को पीतल की घंटियाँ चढ़ाते हैं।

मंदिर खुलने का समय – 24 घंटे 

7) जलना (Jalna) – 

जलना बिनसर से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक छोटा सा स्थान है, जो खूबसूरत पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहाँ पर आप फलों की खूबसूरती का मजा भी ले सकते हैं। साथ ही ट्रेकिंग के लिए भी यह जगह बहुत अच्छी है। 

जाने का समय – 9:00 AM से लेकर 7:00 PM तक

बिनसर में कहां रुकें (Where to Stay in Binsar) –

बिनसर, एक छोटी जगह है, जिस कारण यहाँ पर रुकने के लिए ज्यादा सुविधाएं नहीं हैं। यहाँ पर आप कुमाऊँ पर्यटन विकास निगम के होटल में भी रुक सकते हैं। इसके अलावा भी कई होटल्स हैं, जहाँ पर रुका जा सकता है। अगर आप चाहें तो इस गाँव में भी रुक सकते हैं।  

बिनसर घूमने के लिए बजट (Budget to Visit Binsar) –

बिनसर जाने के लिए सबसे अच्छा और सस्ता ऑप्शन बस है। लेकिंग यहाँ के लिए कोई सीधी बस सेवा नहीं है। आप यदि दिल्ली से बस ले रहे हैं तो आपको नैनीताल और अल्मोड़ा में बस बदलना होगा। बस का कुल किराया करीब ₹1,000 है। 

रुकने के लिए कमरे का किराया – ₹500 प्रति रात से लेकर ₹10,000 प्रति रात तक रहता है।

खाना और दूसरे खर्च  – ₹500 प्रति व्यक्ति, एक दिन

कुल खर्च – 2,000 – 2500 प्रति व्यक्ति, (एक दिन) 

बिनसर कैसे जाएं (How to Reach Binsar Valley) –

बिनसर पहुंचने के लिए आप इन ऑप्शन को चुन सकते हैं – 

ट्रेन द्वारा (By Train) – आप यदि ट्रेन से बिनसर जाना चाहते हैं तो आपको बता दें कि बिनसर देहरादून से 370 किमी दूर है और नैनीताल से इसकी दूरी 95 किमी है। बिनसर के सबसे नजदीक का रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो दिल्ली और अन्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। काठगोदाम से बिनसर की दूरी 105 किमी है। आप स्टेशन से टैक्सी और बस से आसानी से बिनसर पहुंच सकते हैं। 

हवाई जहाज द्वारा (By Air) – आप यदि हवाई जहाज से बिनसर जाना चाहते हैं तो बता दें कि बिनसर से सबसे नजदीक का एयरपोर्ट पंतनगर है। इसकी दूरी करीब 140 किमी है। आप एयरपोर्ट से टैक्सी बुक करके बिनसर पहुंच सकते हैं। 

सड़क द्वारा (By Road) – आप यदि बस से बिनसर जाना चाहते हैं तो आपको काठगोदाम पहुंचना होगा। दिल्ली से काठगोदाम के लिए नियमित रूप से बस चलती है। काठगोदाम से बिनसर के लिए भी आपको बस सुविधा आसानी से मिल जाएगी।  

बिनसर में खरीदारी (Shopping in Binsar) –

कुमाऊँ की जैम और जेली बहुत फेमस है। आप यहाँ से इसे खरीद सकते हैं। वहीं आप बिनसर वन्यजीव अभयारण्य गेट पर वन विभाग की स्मारिका दुकान से कुछ स्थानीय कलाकृतियों को भी खरीद सकते हैं। इसके अलावा आप ऊन से बनी चीजों को भी खरीद कर ले जा सकते हैं, जो बिनसर की यादों के रूप में आपके साथ रह सकती हैं। 

FAQs –

Q.बिनसर में कौन–कौन से त्यौहार मनाए जाते हैं?

A.बिनसर में नंदादेवी-मेला को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इसके अलावा कार्तिक पूर्णिमा, गंगा दशहरा, जागेश्वर मानसून महोत्सव जैसे त्यौहारों को भी यहां मनाया जाता है। 

Q.बिनसर भारत में कहां पर स्थित है?

A. बिनसर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा जिले में स्थित है। 

Q. बिनसर क्यों प्रसिद्ध है?

A. बिनसर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शानदार पहाड़ियों के लिए जाना जाता है, खासकर जीरो पॉइंट से बर्फ से ढके पहाड़ों के दृश्य के लिए।

Q.बिनसर का प्रसिद्ध मंदिर कौन सा है?

A.बिनसर में बिनसर महादेव का मंदिर प्रसिद्ध है। 

निष्कर्ष (Conclusion) –

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बिनसर के बारे में सारी जानकारी दी है। इस आर्टिकल में हमने आपको बिनसर के इतिहास, संस्कृति, वहां के त्यौहार, नृत्य, उनका रहन सहन और पारम्परिक वेशभूषा के बारे में भी बताया है। बिनसर में आप कहाँ कहाँ घूमने के लिए जा सकते हैं और क्या क्या चीजे खरीद सकते हैं इस बारे में भी बताया है।

किस मौसम में आपको वहाँ पर जाना चाहिए यह भी जानकारी दी है, ताकि आप उसके अनुसार भी अपना ट्रिप प्लान कर सकें। Binsar Trip Plan करने में आपको कितना खर्च करना पड़ेगा, इस बारे में भी बताया है। आप बिनसर पहुंचने के लिए कौन कौन सा ट्रांसपोर्ट इस्तेमाल कर सकते हैं यह भी इस पोस्ट में आपको पता चल गया है।

आशा है कि आपको यह आर्टिकल Helpful लगा होगा। यदि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो तो आप इसे सोशल मिडिया पर भी शेयर करें, Thanks!

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