अनोखेफूलों और बर्फ की खूबसूरती, Valley of Flowers में दिखेगा ये दोनों नजारा

Valley of Flowers, Uttarakhand

रंग बिरंगे फूल तो हम सभी को पसंद होते हैं। रंग बिरंगे फूलों को देखकर हर किसी के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने वाले हैं, जहां ऐसे ऐसे खूबसूरत फूल हैं कि आप उनकी गिनती ही नहीं कर पाएंगे। यह फूल इतने ज्यादा खूबसूरत लगते हैं कि इन्हें देखने के बाद आपका चेहरा भी खिल जाएगा।

उत्तराखंड के चमोली में फूलों की घाटी स्थित है। इसे अंग्रेजी में Valley of Flowers भी कहा जाता है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और रंग-बिरंगे फूल हर किसी को यहां घूमने आने के लिए आकर्षित करते हैं। हर साल कुछ महीनो के लिए फूलों की घाटी को खोला जाता है।  यहां पर कुछ महीनो के लिए ही पर्यटकों (Tourists) को घूमने का मौका दिया जाता है।

अगर आप भी फूलों की घाटी (Valley of Flowers) जाना चाहते हैं और शानदार एक्सपीरियंस पाना चाहते हैं, तो इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ें। इसमें आप जानेंगे कि फूलों की घाटी का इतिहास क्या है, फूलों की घाटी कहां पर है, फूलों की घाटी कैसे जाएं, फूलों की घाटी में रुकने की जगह और यहां घूमने का कितना खर्च आने वाला है इत्यादि। इसके अलावा फूलों की घाटी के आसपास जितने भी पर्यटक स्थल (Tourist Places) हैं उनके बारे में भी हम आपको विस्तार से बताने वाले हैं। उन्हें आपको जिंदगी में एक बार तो देखने जरूर जाना चाहिए। 

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फूलों की घाटी के बारे में पूरी जानकारी – Valley of Flowers Uttarakhand details in Hindi

Valley of Flowers Uttarakhand
Valley of Flowers Uttarakhand complete travel guide in hindi : image source
राज्य का नामउत्तराखंड
जगह का नामफूलों की घाटी
फूलों की घाटी की खोजसाल 1931 में
क्षेत्र87.50 किमी²
किस लिए प्रसिद्ध हैरंग बिरंगे फूल, पक्षी  जानवर, हरियाली, झरने और पहाड़ के लिए
घूमने का समयसुबह 8:00 बजे से शाम 5:00 तक
घूमने के लिए सही महीनामई से अक्टूबर तक

फूलों की घाटी का इतिहास – History of Valley of Flowers in Hindi

फूलों की घाटी का इतिहास काफी दिलचस्प है। कहा जाता है कि साल 1931 में माउंट केमेट के एक अभियान में तीन युवा ब्रिटिश पर्वतरोही आर.एल.सवर्थ, फ्रैंक और एरिक शिप्टन अभियान के दौरान वापस आते समय अपना रास्ता भटक गए थे। वो भटकते-2 फूलों की घाटी के पास पहुंच गए थे। इसके बाद ही इस जगह को फूलों की घाटी के नाम से जाने जाना लगा।

भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी लोग हर साल फूलों की घाटी देखने के लिए भारत आते हैं। फूलों की घाटी के आसपास बसे गांव में लोगों का यह भी कहना है कि इस घाटी को भगवान के द्वारा बनाया गया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार यहां पर जो कोई भी आता था, वह कभी वापस लौट कर नहीं जाता था। फूलों की घाटी का जिक्र रामायण में भी देखने को मिलता है। जब हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने के लिए हिमालय पर्वत पहुंचे थे।

फूलों की घाटी में यह है ख़ास – Famous Things About Valley of Flowers

  • फूलों की घाटी को साल 1982 में विश्व संगठन यूनेस्को के द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। यह नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान का एक भाग है। फूलों की घाटी में आपको गेंदें और ऑर्किड के रंग-बिरंगे फूल देखने को मिलेंगे।
  • फूलों की घाटी में आपको 300 से अधिक फूलों की प्रजाति देखने को मिलेगी, जिनमें से प्राइमुलस, ब्लू पोस्पी, एनीमोन, जेरेनियम और ब्लूबेल काफी ज्यादा प्रसिद्ध है।
  • उत्तराखंड का राज्य फूल ब्रह्मा कमल भी यहीं पर है। यह देखने में सभी फूलों से ज्यादा खूबसूरत लगता है।
  • इसके अलावा यहां पर आपको सुंदर पक्षी, तितलियां और कई प्रकार के जानवर भी देखने को मिल जाएंगे।
  • जब आप फूलों की घाटी जा रहे होंगे, तो रास्ते में आपको बड़े-बड़े ग्लेशियर, झरने और पुल भी नजर आएंगे, जो काफी ज्यादा खूबसूरत लगते हैं।
  • फूलों की घाटी में जहां एक ओर खुशबूदार और सुंदर फूल आपको आकर्षित करेंगे। वहीं दूसरी ओर कुछ फूल ऐसे भी हैं, जो काफी जहरीले हैं। यहां पर एकोनिटम बालफोरी और सेनेसियो ग्रैसिलिफ्लोरस नाम के फूल मौजूद हैं, जिन्हें छूने से ही आपको नुकसान हो सकता है। इसलिए आप बिना जानकारी के किसी भी फूल ऐसे ही न छुएं।
  • फूलों की घाटी की खास बात यह है कि हर दो सप्ताह में यहां फूल अपना रंग बदलते हैं। पूरी घाटी दो सप्ताह बाद अलग-अलग रंगों में दिखने लगती है। यह नजारा देखने में काफी ज्यादा आकर्षक लगता है।

फूलों की घाटी के पास घूमने की शानदार जगह – Tourist Place to Visit in Valley of Flowers

अगर आप फूलों की घाटी घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो हम आपको यह सलाह देंगे कि आप फूलों की घाटी के अलावा भी अन्य कई जगह घूम सकते हैं। फूलों की घाटी के पास शानदार पौराणिक मंदिर और कई ऐसे टूरिस्ट प्लेसेज हैं, जो आपको जरूर देखने चाहिए। चलिए हम एक-एक करके इन सभी Tourist Places के बारे में विस्तार से जान लेते हैं –

(1) नंदा देवी नेशनल पार्क (Nanda Devi National Park) –

नंदा देवी नेशनल पार्क उत्तराखंड के चमोली में स्थित है। इसे पहले जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क भी कहा जाता था। इस पार्क में आपको एक से एक शानदार फूल और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा।

नंदा देवी नेशनल पार्क में आने के लिए सिर्फ ₹50 एंट्री फीस रखी गई है। इस नेशनल पार्क की एक खास बात यह भी है कि ऋषि गंगा नदी भी यहीं से होकर जाती है। इसलिए यहां पर हर साल लाखों पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। नंदा देवी नेशनल पार्क के पास चमोली गांव भी स्थित है। इसके अलावा यह नेशनल पार्क 6 महीने बर्फ की चादर से ढका रहता है।

नंदा देवी नेशनल पार्क में भूरा भालू, तेंदुआ, सामान्य लंगूर, हिमालयी कस्तूरी हिरण, भरल, हिमालयन तहर, सीरो, गोराल, हिम तेंदुआ, हिमालयी काला भालू, और ब्राउन बियर जैसी पशुओं की प्रजातियां भी पाई जाती हैं। कुल 80 से भी अधिक प्रजातियां यहां पर आपको पशुओं की देखने को मिल जाएंगी। इसके अलावा यहां पर आपको 300 से अधिक फूलों की अलग-अलग प्रजातियां देखने को मिलती हैं।

(2) पांडुकेश्वर गांव (Pandukeshwar Village) –

अगर आप फूलों की घाटी घूमने जा रहे हैं, तो पांडुकेश्वर गांव भी घूमना ना भूलें। फूलों की घाटी से यह सिर्फ 2.4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसे चमोली जिले का सबसे पवित्र गांव माना जाता है। यह लगभग 6300 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह गांव बद्रीनाथ के रास्ते पर पड़ता है।

बद्रीनाथ से यह गांव 22 किलोमीटर की दूरी पर है। पांडेश्वर गांव में योगध्यान बद्री मंदिर और भगवान वासुदेव जी का मंदिर काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। योगध्यान बद्रीनाथ मंदिर में भगवान विष्णु जी की कांसे की प्रतिमा है। यह मंदिर भक्तों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है। जो लोग फूलों की घाटी घूमने के लिए जाते हैं, वो इस मंदिर के दर्शन जरूर करते हैं।

(3) जोशीमठ (Joshimath) –

उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ एक शहर और एक नगर पालिका बोर्ड है। फूलों की घाटी से सिर्फ 20 किलोमीटर की दूरी पर ही यह स्थित है। आदि गुरु श्री शंकराचार्य के द्वारा आठवीं शताब्दी में चार मठ स्थापित किए गए थे। उन चार मठ में से एक जोशीमठ भी है।

यह मठ गणित अर्थवेद को समर्पित है। धौली गंगा और अलकनंदा दो नदियां यहां से बहती हैं, जिसके कारण जोशी मठ की सुंदरता और भी ज्यादा बढ़ जाती है। यह स्थान अलकंधा और धौली गंगा के पर्वतों के ठीक ऊपर 6150 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। जोशीमठ को भी पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। यहां पर आप ट्रेकिंग और कैंपिंग करने का आनंद भी ले सकते हैं।

(4) औली (Auli) –

अगर आपको हिल स्टेशन काफी ज्यादा पसंद है, तो औली आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। यह हिल स्टेशन उत्तराखंड के चमोली में स्थित है। हर साल यहां पर लाखों पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। यहां पर ज्यादातर हनीमून के लिए कपल आते हैं।

औली में चारों तरफ हरी-भरी घाटी, पहाड़ और चारों ओर बर्फ से ढका हुआ नजारा सच में अद्भुत लगता है। अगर आप फूलों की घाटी आ रहे हैं, तो यहां भी आप आ सकते हैं।

यहां के होटल हॉस्पिटैलिटी के मामले में पूरे भारत में प्रसिद्ध हैं। यह उत्तरांचल के ऊपरी भाग में स्थित है। यहां पर हर मौसम में टूरिस्ट घूमने के लिए आते हैं। पूरे साल यह खुला रहता है‌। यहां पर हर साल स्कीइंग की कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जिसे देखने के लिए आसपास के गांव व शहरों के लोग भी शामिल होते हैं। औली से आपको द्रोणागिरी और त्रिशूल के अलावा अन्य कई चोटियां भी देखने को मिल जाएंगी।

(5) बद्रीनाथ मंदिर (Badrinath Temple) –


भारत-तिब्बत की सीमा के पास अलकंदा नदी के किनारे गढ़वाल हिमालय पर्वतमाला में स्थित बद्रीनाथ मंदिर, भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। भारत के चार धाम में से एक बद्रीनाथ मंदिर लोगों के लिए आस्था का केंद्र है। फूलों की घाटी से यह सिर्फ 25 किलोमीटर की दूरी पर ही स्थित है। 

बद्रीनाथ लगभग 3133 फीट की ऊंचाई पर हिमालय पर्वतमाला में स्थित है। भगवान विष्णु जी के बद्री नारायण अवतार के लिए ही यह मंदिर प्रसिद्ध है। इस मंदिर को आदि शंकराचार्य के द्वारा आठवीं शताब्दी में स्थापित किया गया था।

(6) घांघरिया गाँव (Ghangaria Village) –

फूलों की घाटी के पास स्थित घांघरिया गाँव भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। फूलों की घाटी से यह सिर्फ 3.2 किलोमीटर की दूरी पर बना हुआ है। गोविंद घाट से यह लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह गांव देखने में काफी खूबसूरत लगता है। क्योंकि चारों तरफ से यह बड़े-बड़े पहाड़ों, हरी घास, खेत और झरनों से घिरा हुआ है।

यहां पर बर्फबारी भी काफी ज्यादा होती है। इसलिए यहां पर मई से अक्टूबर तक ही पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। यह समय सुरक्षित भी है और इस समय जो नजारा देखने को मिलता है, वह काफी खूबसूरत लगता है। हर साल काफी पर्यटक यहां पर Trip के लिए आते हैं।

(7) हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) –

हेमकुंड साहिब प्रसिद्ध सिख तीर्थ स्थलों में से एक है। हर वर्ष हजारों की संख्या में पर्यटक यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां का शांत माहौल और चारों तरफ हर जगह पर फैली हुई बर्फ, सच में आपको एक अद्भुत अनुभव देती है। फूलों की घाटी घूमने आ रहे हैं, तो हेमकुंड साहिब घूमने का भी प्लान जरूर बनाएं।

फूलों की घाटी घूमने का सही समय क्या है – Right Time to Visit in Valley of Flowers

फूलों की घाटी घूमने के लिए सबसे अच्छा समय मई से अक्टूबर तक का है। क्योंकि इस दौरान यहां पर बर्फ नहीं पड़ती है, जिसके कारण मौसम साफ रहता है। आप यहां पर आएंगे, तो आपको चारों तरफ फैली हुई हरियाली, हरा खेत, पहाड़ और झरने बिल्कुल साफ-साफ नजर आएंगे।

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फूलों की घाटी जाने से पहले इन बातों का रखें ध्यान – Things Know Before Visit Valley of Flowers

फूलों की घाटी घूमने जाएंगे, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा –

  • फूलों की घाटी में काफी सारी अलग-अलग प्रजाति के फूल पाए जाते हैं, कुछ फूल यहां पर ऐसे भी हैं जो दिखने में काफी खूबसूरत लगते हैं और उनकी खुशबू आपको दूर से ही आकर्षित कर लेगी। लेकिन यह फूल काफी जहरीले होते हैं। आप जब फूलों की घाटी में जाएं, तो गलती से भी फूलों को हाथ ना लगाएं।
  • फूलों की घाटी जब जाएंगे, तो खाने-पीने का सामान आपको अपने साथ लेकर जाना है। हो सकता है कि फूलों की घाटी के रास्ते में आपको ऐसी कोई भी दुकान ना मिले, जहां से आप खाने का सामान खरीद सकें। इसलिए पानी की बोतल और खाने का सामान अपने साथ लेकर ही जाएं।
  • जैसा कि हमने आपको बताया यहां चारों तरफ आपको हरियाली देखने को मिलेगी। रास्ते कच्चे हैं, जहां पर बारिश के समय काफी ज्यादा फिसलन भी हो सकती है। इसलिए फूलों की घाटी जाते समय ध्यान से ही जाएं।
  • यहां पर बर्फ भी पड़ती है और मौसम हमेशा ठंडा ही रहता है। इसलिए अपने साथ सर्दी के कपड़े जरूर रखें। ऐसा ना हो कि आप फूलों की घाटी में जाएं, मौसम खराब हो जाए और आप बीमार पड़ जाएं।

फूलों की घाटी घूमने में कितना खर्चा आएगा – Tour Package for Valley of Flowers

अगर आप फूलों की घाटी घूमना चाहते हैं, तो आपको ज्यादा खर्चा नहीं करना होगा। कम पैसे में भी आपका काम चल जाएगा। लेकिन अगर आप लग्जरी फैसिलिटी चुनते हैं या फिर ट्रैवल के दौरान आप बस या ट्रेन से सफर नहीं कर रहे, बल्कि हवाई जहाज से सफर कर रहे हैं, तो आपको उस हिसाब से खर्च करना होगा।

बाकी फूलों की घाटी के आसपास आपको कई होटल मिल जाएंगे, जो काफी सस्ते में आपको रहने और खाने की सुविधा देते हैं। कुछ होटल ऐसे भी हैं, जो लग्जरी फैसिलिटी देते हैं। उनके चार्ज भी ज्यादा हैं। अगर हम सामान्य रूप से देखें, तो एक व्यक्ति का ₹3000 से लेकर ₹8000 तक का खर्चा आ सकता है। 

अगर आप उत्तराखंड फूलों की घाटी से काफी दूर रहते हैं, तो आपको ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है। अगर आप फूलों की घाटी के आसपास के राज्य में रहते हैं, तो आपको थोड़े कम पैसे खर्च करने पड़ेंगे। 

फूलों की घाटी के अलावा अगर आप आसपास स्थित बद्रीनाथ मंदिर, हेमकुंड साहिब और अन्य जगह घूमना चाहते हैं, तो यहां पर आपको आने के लिए अलग से खर्च करना पड़ेगा।

फूलों की घाटी में कहां रुके – Where To Stay in Valley of Flowers

फूलों की घाटी घूमने के लिए आ रहे हैं, तो आपको अपने रुकने के लिए भी इंतजाम करना होगा। आप ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन किसी भी तरीके से अपने रुकने की व्यवस्था कर सकते हैं। फूलों की घाटी के सबसे पास शहर गोविंद घाट है। यहीं पर आपको रुकने के लिए एक से एक शानदार होटल मिल जाएंगे। आप अपने बजट के हिसाब से किसी भी होटल में रह सकते हैं।

इसके अलावा बहुत से होटल ऐसे भी हैं, जिनके लिए आपको ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा मिल जाएगी। आप फूलों की घाटी आने से पहले ही यहां पर बुकिंग करवा सकते हैं। इसके अलावा आप जब फूलों की घाटी पहुंच जाएंगे, तब आप ऑफलाइन भी बुकिंग करवा सकते हैं। यहां Per-Day के हिसाब से रूम का चार्ज लिया जाता है। होटल में रह कर आप जो भी ब्रेकफास्ट, लंच या डिनर करेंगे, उसका अलग से चार्ज लिया जाएगा।

फूलों की घाटी कैसे जाएं – How To Reach Valley of Flowers

How To Reach Valley of Flowers

सड़क मार्ग से (By Road) –

आप पुलना गांव पहुंच कर आगे फूलों की घाटी जाना चाहते हैं, तो आपको बता दें पुलना गांव तक ही आपको यहां आने के लिए वाहन मिलेगा। इस गांव में पहुंचने के बाद लगभग 13 किलोमीटर का ट्रैक पूरा करके आपको फूलों की घाटी पहुंचना होगा।

गोविंद घाट अगर आप उतरेंगे, तो यहां आने के लिए आपको बस और अन्य मोटर वाहन मिल जाएंगे। आपको गोविंद घाट पहुंचकर फिर आगे फूलों की घाटी जाना होगा। कर्णप्रयाग, ऊखीमठ, श्रीनगर, चमोली, ऋषिकेश, पौड़ी और रुद्रप्रयाग से आपको गोविंद घाट पहुंचने के लिए वाहन मिल जायेंगे।

ट्रेन से (By Train) –

अगर आप ट्रेन से सफर कर रहे हैं, तो फूलों की घाटी पहुंचने के लिए आपको ऋषिकेश स्टेशन पर उतरना होगा। ऋषिकेश स्टेशन फूलों की घाटी से 272 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर उतरकर आपको गोविंद घाट जाने के लिए बस या फिर अन्य वाहन लेना होगा।

यहां पर आपको आसानी से ऋषिकेश से गोविंद घाट जाने के लिए उत्तराखंड राज्य की बस मिल जाएगी और अन्य वाहन जैसे टैक्सी वगैरह भी मिल सकती है। गोविंद घाट पहुंचकर आपको ट्रेक करके फूलों की घाटी तक पहुंचना होगा। यहां से लगभग 16 किलोमीटर का ट्रेक रूट है।

हवाई जहाज से (By Helicopter) –

आप हवाई जहाज से भी फूलों की घाटी पहुंच सकते हैं। आपको हवाई जहाज घांघरिया के हेलीपैड मैदान पर उतार देगा और यहां से आपको फिर ट्रैक करके फूलों की घाटी पहुंचना होगा।

सबसे पहले आपको गोविंद घाट पहुंचना होगा। फिर गोविंद घाट से आगे जाने के लिए आपको घांघरिया तक हेलीकॉप्टर की सुविधा मिल जाएगी। यहां पर उतरकर आपको फूलों की घाटी के लिए फिर आगे जाना होगा।

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निष्कर्ष – Conclusion

हमने आपको फूलों की घाटी (Valley of flowers) के बारे में पूरी जानकारी दे दी है। अब आप आसानी से फूलों की घाटी घूमने के लिए प्लान बना सकते हैं। अगर आपको फूलों की घाटी के बारे में और भी कुछ जानना है, तो आप हमें कमेंट सेक्शन में कमेंट कर सकते हैं।

फूलों की घाटी से संबंधित प्रश्न – FAQ 

प्रश्न – भारत में फूलों की घाटी किस जगह पर स्थित है?

उत्तर – भारत में उत्तराखंड राज्य में फूलों की घाटी स्थित है।

प्रश्न – फूलों की घाटी कैसे जा सकते हैं?

उत्तर – बस, ट्रेन और हवाई जहाज से फूलों की घाटी जा सकते हैं। 

प्रश्न – फूलों की घाटी के आसपास घूमने की कौन सी जगह है?

उत्तर – हेमकुंड साहिब, बद्रीनाथ, जोशीमठ, औली और अन्य कई प्रसिद्ध पर्यटक स्थल यहां पर स्थित हैं।

प्रश्न – फूलों की घाटी कौन से जिले में स्थित है?

उत्तर – फूलों की घाटी उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है।

प्रश्न – फूलों की घाटी में कौन सी नदी बहती है?

उत्तर – यहां पर पुष्पावती नदी बहती है, यह भारत की प्रसिद्ध नदियों में से एक है।

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