ट्रेकिंग का लेना चाहते हैं आनंद, तो नाग टिब्बा जरूर जाएं | Nag Tibba Trek

क्या आप ट्रेकिंग के लिए कोई ट्रिप प्लान करने की सोच रहे है? जहाँ आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ जा सके और एक शानदार ट्रिप का मजा भी ले सके? तो आपको बता दे कि इसके लिए नाग टिब्बा ट्रेक परफेक्ट डेस्टिनेशन है। यहाँ पहुंचना बहुत आसान है, और साथ ही आप प्रकृति का भी आनंद ले सकते हैं। इस ट्रिप पर जाने से पहले नाग टिब्बा के बारे में सब कुछ जान लें। इसके लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

नाग टिब्बा का आकर्षक इतिहास (History of Nag tibba trek)

History of Nag tibba trek

नाग टिब्बा एक चोटी है, जो कि हिमालय पर्वत का एक शिखर है। नाग टिब्बा समुद्र तल से 3,022 मी (9,915 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। यहाँ से हिमालय की बंदर पूंछ पर्वत माला का आकर्षक नजारा दिखाई देता है। यह भारत में उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल के लघु हिमालय क्षेत्र और बुग्याल क्षेत्र की सबसे ऊंची चोटी कही जाती है। नाग टिब्बा धौलाधार और पीर पंजाल के साथ लघु हिमालय की तीन प्रमुख श्रेणियों में से एक है, जो हिमालय से जुड़ी हैं। 

नाग टिब्बा के इतिहास की बात करें तो इसका कोई पुराना इतिहास नहीं है। 1950 में यहाँ पर पहली बार प्रसिद्ध पर्वतारोही और शेरपा तेनजिंग नोर्गे ने चढ़ाई की थी। उसके बाद ही धीरे धीरे यह ट्रेकिंग करने वालों का पसंदीदा स्थान बन गया। यहाँ पर देहरादून और मसूरी जैसे आस-पास के शहरों से आसानी से पहुँचने की वजह से नाग टिब्बा एक पसंदीदा ट्रैकिंग प्लेस बन गया।

इसे भी पढ़ें : History of Uttarakhand in Hindi -उत्तराखंड का इतिहास और संस्कृति: एक व्यापक गाइड

नाग टिब्बा से संबंधित कुछ जरूरी बातें (Some Important Points Related to Nag Tibba)

राज्य का नामउत्तराखंड
ट्रेकिंग प्लेसनाग टिब्बा
ऊंचाई3,022 मीटर
बोली जाने वाली भाषाएंहिंदी, गढ़वाली
किस लिए जाना जाता हैट्रेकिंग के लिए

नागटिब्बा क्यों है खास (Why is Nag Tibba Special)

नागटिब्बा ट्रेकिंग के लिए बहुत अच्छी जगह है। इसलिए जिन लोगों को ट्रेकिंग करना पसंद है उनके लिए यह जगह स्वर्ग है। घने जंगलों और प्राकृतिक सौन्दर्य से भरी नागटिब्बा की पहाड़िया ट्रेकिंग के अनुभव में चार चाँद लगा देती हैं। यहाँ से हिमालय का सुन्दर नजारा भी आसानी से देखा जा सकता है।

नागटिब्बा ट्रेकिंग के लिए थत्यूड बेस कैंप की तरह काम करता है। यह चंबा मसूरी रोड पर स्थित सुवाखोली से करीब 16 किमी की दूरी पर बसा एक छोटा सा क़स्बा है। यह अलगाड नदी के किनारे बसा हुआ है। थत्यूड से 7 किमी की दूरी पर देवलसारी होते हुए ट्रेक नागटिब्बा तक जाता है।   

नाग टिब्बा की पौराणिक कथा (Mythology of the Nag Tibba)

नाग टिब्बा का मतबल है नाग देवता का स्थान। इसके पहले शब्द का अर्थ नाग से है और दूसरा शब्द टिब्बा पहाड़ या पर्वत से लिया गया है। नाग टिब्बा से एक किलोमीटर की दूरी पर नाग मंदिर है। हिंदू धर्म में सांपों का हमेशा से एक महत्वपूर्ण स्थान रहा है। इसलिए यहाँ के लोग नाग देवता को बहुत मानते हैं। 

स्थानीय ग्रामीण अपने जानवरों की सुरक्षा करने के लिए नाग देवता से प्रार्थना करने आते थे। नाग टिब्बा घाटी के ग्रामीणों का मानना है कि नाग देवता उनके जानवरों और भेड़ों के रक्षक हैं और उनके पशु उनकी सबसे मूल्यवान संपत्ति हैं।  

नाग टिब्बा की संस्कृति (Culture of Nag Tibba in Hindi)

नाग टिब्बा की संस्कृति की बात करें, तो यहाँ के लोग आज भी अपनी पुरानी परंपराओं को मानते हैं। वह उसी के अनुसार अपने रीति रिवाजों को फॉलो करते हैं। आपको यहां पहुंचकर नाग टिब्बा की अनोखी संस्कृति को जानकर बहुत अच्छा अनुभव होगा। 

नाग टिब्बा में मनाये जाने वाले त्यौहार (Festivals of Nag Tibba in Hindi)

नाग टिब्बा में त्यौहारों को बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। उत्तराखंड के सभी त्यौहारों यानी कि बसंत पंचमी, गंगा दशहरा, होली दिवाली इन त्यौहारों को नाग टिब्बा में भी मनाया जाता है। यहाँ पर विशेष रूप से नाग देवता के त्यौहारों को विशेष रूप से मनाते हैं। 

नाग टिब्बा का रहन सहन (Lifestyle of Nag Tibba in Hindi)

नाग टिब्बा के आस पास रहने वाले ज्यादातर लोग ग्रामीण हैं। यह लोग मिट्टी से जुड़े हुए हैं। इस कारण इनका रहन-सहन भी बहुत ही सरल है। पहाड़ी इलाके होने के कारण यहाँ के लोग जानवरों को पालते हैं। यहाँ आपको बकरियां ज्यादा देखने को मिलेंगी। 

नाग टिब्बा की पारंपरिक वेशभूषा (Traditional Costumes of Nag Tibba in Hindi)

यहाँ की महिलाओं की पारम्परिक पोशाक साड़ी है। यहां की महिलाएं साड़ी को कुछ इस तरह से पहनती हैं कि देखने में आकर्षक लगती है। साथ ही पहाड़ों पर चलने के लिए बहुत आरामदायक भी रहती हैं। वो साड़ी के साथ गले में माला, कान में झुमके आदि भी पहनती हैं। 

यहाँ के पुरुष कुर्ता और धोती पहनते हैं। इसके साथ ही सर पर पगड़ी और टोपी भी पहनी जाती है।

नाग टिब्बा का नृत्य (Dance of Nag Tibba in Hindi)

लोकनृत्यों को मनाने में भी नाग टिब्बा के लोग पीछे नहीं रहते हैं। यहाँ पर कुछ लोक नृत्य बहुत प्रसिद्ध हैं, जैसे – छोलिया नृत्य, सर्प नृत्य, भोटिया नृत्य, चमोली नृत्य, पांडव नृत्य आदि। यहाँ आने वाले पर्यटक (Tourists) इन स्थानीय लोक नृत्यों को देखकर बहुत एन्जॉय करते हैं। 

नाग टिब्बा का खानपान (Nag Tibba Food in Hindi)

आपको बता दें कि नाग टिब्बा की ट्रेकिंग करते समय आपको कोई फ़ूड स्टॉल नहीं मिलेगा। आप चाहें तो खुद से खाना ऊपर तक ले जा सकते हैं। इसके अलावा आपको नाग टिब्बा जाते समय रास्ते में कुछ रेस्टोरेंट मिलेंगे, जहां का खाना बहुत टेस्टी होता है, जैसे – 

1 ) Yellow Marigold Experience Studio and House Cafe – 6 Cross Road Ground Floor, Near Jaunpur Range

2) South Indian Vibes –  #2 of 362 Restaurants in Dehradun

3) The Gaia Gourmet – 18 Canal Road Chironwala Jakhan Dehradun-248001 Mauza Jakhan

4) Y Cafe & Restaurant – Hotel White House, Subhash Road Behind St. Joseph Academy School,1.2 km from Nag Tibba

5) Ellora’s Melting Moments – Rajpur Road, 1 km from Nag Tibba

नाग टिब्बा घूमने जाने का सबसे अच्छा समय (Best Time to Visit Nag Tibba in Hindi)

नाग टिब्बा घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको यह भी जानना जरूरी है कि वहां किस मौसम में जाना अच्छा होता है? ऐसा करने से आपका ट्रिप और भी शानदार हो जायेगा। आपको बता दें कि नाग टिब्बा जाने के लिए सबसे अच्छा समय नवम्बर से मार्च के बीच का होता है। इस समय आप आसानी से टेकिंग कर सकते हैं। जनवरी से मार्च के बीच कभी कभी यहाँ पर बर्फ़बारी भी होती है। इसलिए जब भी यहाँ का ट्रिप प्लान करें, तो मौसम की जानकारी लेने के बाद ही जाएँ। 

नाग टिब्बा में घूमने लायक जगह (Places to Visit in Nag Tibba)

नाग टिब्बा की ट्रेकिंग पर जाते समय आप उसके आसपास के नजारो और खूबसूरत वातावरण का आनंद ले सकते हैं। साथ ही आपको कई और जगहें भी देखने को मिल जाएंगी, जहां आप जा सकते हैं, जैसे – 

1) कनाताल हिल स्टेशन (Kanatal Hill Station)

नाग टिब्बा के रास्ते में पड़ने वाला सबसे बेहतरीन दर्शनीय स्थल कनाताल हिल स्टेशन है। गढ़वाल हिमालय के पास स्थित, यह स्थान वह सब कुछ है जिसे आप सच्चे अर्थों में स्वर्ग कह सकते हैं। इसमें पहाड़ों, झिलमिलाते समुद्र, हरी-भरी हरियाली और सूर्यास्त का शानदार नजारा भी आप यहीं देख सकते हैं। यह एक बहुत ही रोमांटिक जगह है। 

2) केम्प्टी फॉल्स (Kempty Falls)

नाग टिब्बा के सबसे बेहतरीन स्थलों में से एक केम्प्टी फॉल्स है। हरे-भरे वातावरण के बीच यह एक शानदार फॉल्स है। चट्टान से गिरती हुई पानी की धारा पर्यटकों का मन मोह लेती है। यदि आप ट्रेकिंग करने के बाद प्रकृति के बीच आराम करने की ज़रूरत महसूस करते हैं, तो केम्प्टी फॉल्स वह जगह है, जहाँ आपको जाना चाहिए। 

3) पंतवारी गांव (Pantwari Village)

पंतवारी गांव नाग टिब्बा में सबसे अच्छे कैंपिंग स्थलों में से एक है, और आप यहीं से अपनी यात्रा शुरू कर सकते हैं। जब आप इस गांव में होते हैं, तो आपके ठहरने के लिए बहुत सारे गेस्ट हाउस, दुकानें और होटल भी हैं। इसके अलावा, इस जगह की सुंदरता देखने लायक है।

4) नैनबाग (Nainbagh)

अगर आप नाग टिब्बा घूमने जा रहे हैं, तो नैनबाग जैसी जगहें आपको लुभाने वाली हैं। यह उत्तराखंड का एक सुंदर जिला है, जहाँ प्राकृतिक नज़ारे और अद्भुत पार्क हैं। यहाँ पर आप शांति से समय बिता सकते हैं। यह आपको तरोताजा और खुश महसूस कराएगा।

5) नाग मंदिर (Nag Temple)

आपको बता दें कि नाग टिब्बा ट्रेक में लगभग 8-9 किलोमीटर का घुमावदार रास्ता है। लेकिन चोटी पर पहुँचने से पहले उससे लगभग एक किलोमीटर दूर नाग मंदिर है। यहाँ के स्थानीय लोग इस मंदिर को बहुत मानते हैं, और कहा जाता है कि जो कोई भी यहाँ पहुंचता है, उसे आशीर्वाद मिलता है। इसलिए आप चोटी पर पहुँचने से पहले इस मंदिर में रुक सकते हैं या यहाँ कुछ घंटों के लिए कैंप भी लगा सकते हैं।

6) बंदरपूंछ (Bandarpoonch)

नाग टिब्बा ट्रेक से दिखने वाले सबसे मनमोहक नज़ारों में बंदरपूंछ रेंज भी शामिल हैं। बंदरपूंछ-I (20,721 फीट) और बंदरपूंछ-II (श्वेत शिखर – 20,019 फीट) की जुड़वां चोटियाँ बंदर की पूँछ जैसी लगती हैं। 

7) स्वराग्रोहिनी पर्वतमाला (Swaragrohini Range)

बंदरपूंछ के बाईं ओर स्वराग्रोहिनी पर्वतमाला के प्रसिद्ध चार शिखर हैं (3, 2, 1, 4)। नाग टिब्बा शिखर से, आप चोटी संख्या 3, 2 और 1 देख सकते हैं। स्थानीय लोक कथाओं के अनुसार, पांडव, द्रौपदी और उनका कुत्ता इन चोटियों से होते हुए स्वर्ग गए थे।

8) लाल टिब्बा (Lal Tibba)

लाल टिब्बा मसूरी की सबसे ऊंची चोटी का सबसे प्रसिद्ध स्थान है। प्रमुख पर्वत चोटियों के लंबे रास्तों के साथ-साथ यहां पर पर्यटक रोमांटिक सूर्यास्त और सूर्योदय को देखने के लिए आते हैं। लाल टिब्बा लंढौर में डिपो हिल पर स्थित है।

9) धनौल्टी (Dhanaulti)

धनौल्टी भी एक शानदार हिल स्टेशन है, जो कि समुद्र तल से 2286 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ से हिमालय के मनोरम दृश्य दिखाई देते हैं। धनौल्टी उत्तराखंड के लोकप्रिय हिल स्टेशनों जैसे मसूरी, टिहरी, कानाताल और चंबा के पास स्थित है। यह पहाड़ी शहर रोडोडेंड्रोन, देवदार और ऊँचे ओक के जंगलों से घिरा हुआ है। सर्दियों के दौरान हिल स्टेशन पर भारी बर्फबारी होने के कारण यहाँ बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं।

10) मसूरी (Mussoorie)

मसूरी भी एक हिल स्टेशन है। यहाँ पर प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान, आलीशान होटल, आरामदायक कैफ़े, चर्च, इमारतें, कार्यालय, चहल-पहल भरे बाज़ार और पर्यटक स्थल हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। मसूरी भारत के मशहूर हिल स्टेशनों में से एक है, जो वीकेंड गेटअवे, हनीमून डेस्टिनेशन, हिमालयी नज़ारों और मॉल रोड के लिए प्रसिद्ध है।

नाग टिब्बा में रुकने की जगह (Where To Stay In Nag Tibba)

Where To Stay In Nag Tibba

नाग टिब्बा जाते समय यदि आप रुकने के लिए जगहे खोज रहे हैं, तो आपको बता दें कि इसके लिए आपको देहरादून या फिर मसूरी में रुकना होगा। यहाँ पर आपको आपकी सुविधा के अनुसार रहने की जगहें आसानी से मिल जाएँगी। इसके अलावा आप Bhitar Wali में फ़ार्म हाउस, Khuranwa में फ़ार्म हाउस जैसे प्लेसेस भी देख सकते हैं।

नाग टिब्बा कैसे जाएं (How to Reach Nag Tibba)

नाग टिब्बा तक पहुंचने के लिए आपको कई ऑप्शन मिल जायेंगे जैसे – 

यदि आप हवाई जहाज से जाना चाहते है, तो देहरादून का जॉली ग्रांट सबसे पास का हवाई अड्डा है। मसूरी जॉली ग्रांट हवाई अड्डे से 60 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ से आप टैक्सी ले सकते हैं। 

आप यदि ट्रेन से सफर करना चाहते हैं तो सबसे नजदीक का रेलवे स्टेशन देहरादून रेलवे स्टेशन रहेगा। मसूरी रेलवे स्टेशन से 33 किमी की दूरी पर स्थित है।

आपको बता दें कि नाग टिब्बा शिखर तक ट्रेकिंग और पंतवारी गांव तक ड्राइव करके भी पहुंचा जा सकता है। पंतवारी में बेस कैंप से नाग टिब्बा 10 किमी की दूरी पर है, और पंतवारी मसूरी से 60 किमी और देहरादून से 90 किमी की दूरी पर स्थित है।

नाग टिब्बा के लिए टूर पैकेज (Best Nag Tibba Tour Packages)

Destinations: Dehradun, Panthwari, Nag Tibba

Duration – 2 days

ऊंचाई – 3.02 m

(For family and groups)

Experiences – ट्रेकिंग – आसान से मध्यम

Budget – 3,650 Rs. Per Person (excluding airfares)

FAQs

Q.नाग टिब्बा ट्रेकिंग में कितने दिन लगते हैं?

A.नाग टिब्बा ट्रेकिंग को 2 दिन में पूरा किया जा सकता है। लेकिन यदि आप इसे एक दिन में पूरा करना चाहते हैं, तो भी कर सकते हैं। पर आपको आराम करने का मौका नहीं मिलेगा।

Q.नाग टिब्बा क्यों प्रसिद्ध है?

A.ऐसा माना जाता है कि यह पर्वत साँपों के देवता का निवास स्थान है। यहाँ से यमुनोत्री की ओर  हिमालय की पूरी बंदरपूंछ पर्वत माला देखी जा सकती है।

Q.क्या नाग टिब्बा में नेटवर्क मिलता है?

A.ट्रेकिंग के समय आपको कई जगहों पर नेटवर्क मिल सकता है, जैसे नाग मंदिर, नाग टिब्बा टॉप और औंटार के पास, घुजीत के पास नेटवर्क मिल जाता है। इस ट्रेक पर नेटवर्क की रेंज अच्छी है।

Q.देहरादून से नाग टिब्बा ट्रेक कितनी दूर है?

A.नाग टिब्बा देहरादून से लगभग 90 किमी और मसूरी से लगभग 60 किमी दूर स्थित है।

निष्कर्ष (Conclusion)

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको नाग टिब्बा के बारे में जानकारी दी है। जिसमें हमने आपको नाग टिब्बा के इतिहास, वहां की संस्कृति, रहन सहन, खान पान और वेशभूषा के बारे में बताया है। इसके अलावा वहां जाने के सही समय के बारे में भी बताया है। नाग टिब्बा कैसे पहुंचे और कहाँ रुके, कहाँ कहाँ घूमें यह भी बताया है। साथ ही वहां जाने में कितना खर्चा आएगा इसके बारे में भी जानकारी दी है।

आशा करते हैं, कि आपको नाग टिब्बा से सम्बंधित सारी जानकारियां मददगार लगी होंगी। यदि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आए, तो आप इसे सोशल मीडिया पर भी शेयर करें, Thanks!

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