अगर इस धरती पर स्वर्ग का आनंद लेना है तो आपको एक बार हर्षिल वैली (Harshil Valley) घूमने जरूर जाना चाहिए। यह भारत के उत्तराखंड में स्थित है। हरसिल एक बहुत ही खूबसूरत घाटी है, जो उत्तराखंड के गढ़वाल उत्तरकाशी जिले में है। दरअसल यह अद्भुत घाटी उत्तरकाशी और गंगोत्री नदी के बिल्कुल बीच में बसी हुई है। यहां पर दूर-दराज से लोग घूमने फिरने के अलावा अपनी धार्मिक श्रद्धा की वजह से भी आते हैं।
यहां पर भागीरथी नदी के किनारे लक्ष्मी नारायण मंदिर बना हुआ है। इस मंदिर में श्री कृष्ण के दर्शन के लिए भारी तादाद में लोग जमा होते हैं। अब चाहे श्रद्धालुओं की बात हो या फिर घूमने के लिए आने वाले Tourists की, Harsil Valley सबका मन मोहने के लिए काफी है। हरसिल घाटी हिमालय पर्वत के बीच में है और यहां पर जो 7 झीलें हैं, उन्हें देखकर आपका दिल जरूर खुश हो जाएगा।
तो अगर आप हरसिल घूमने का प्रोग्राम बना रहे हैं तो आज के हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें, क्योंकि आज हम आपको Harshil Valley से जुड़ी सारी जानकारी विस्तार से देने वाले हैं।
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हर्षिल वैली से जुड़ी कुछ जरूरी बातें (Some Important Things About Harshil Valley)
घाटी का नाम | हर्षिल |
कहां पर है | उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी में |
समुद्र तल से ऊंचाई | 2745 मीटर |
किसने खोज की | इंग्लैंड के निवासी फ्रेड्रिक विल्सन |
कुल जनसंख्या | 1470 (2023 के अनुसार) |
बोली जाने वाली भाषाएं | गढ़वाली, हिंदी और इंग्लिश |
हर्षिल घाटी से गंगोत्री की दूरी कितनी है | तकरीबन 25 किलोमीटर |
क्यों फेमस है | बॉलीवुड फिल्म राम तेरी गंगा मैली की शूटिंग के कारण और लक्ष्मी नारायण मंदिर एवं प्राकृतिक सुंदरता के कारण |
हर्षिल का इतिहास (History of Harshil Valley) –
अगर हम हर्षिल के इतिहास के बारे में बात करें तो इसका इतिहास काफी पुराना है। इसकी खोज East India Company के Frederick Wilson नाम के एक अंग्रेज ने की थी। इंग्लैंड के फ्रेड्रिक को यह जगह इतनी ज्यादा पसंद आई कि उन्होंने यहीं पर रहने का फैसला ले लिया और इसके लिए उन्होंने अपनी Job तक भी छोड़ दी थी।
हर्षिल वैली इतनी ज्यादा आकर्षक है कि फ्रेड्रिक विल्सन ने इसे भारत के Switzerland के नाम से नवाजा था। इस घाटी में उन्होंने फिर बहुत सारे सेब के पौधे लगाए थे, जिसकी वजह से इस स्थान पर सेब बहुत ज्यादा पैदा होने लगे। उस समय से ही यहां पर फिर Apple Business बड़े पैमाने पर होने लगा था। बाद में जब 1962 में भारत और चीन की लड़ाई हुई थी तो उसके बाद Harshil Valley में विदेशियों के आने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी।
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हर्षिल क्यों फेमस है (Why is Harshil Famous)?
हर्षिल के Famous होने के पीछे एक नहीं, बल्कि बहुत सारे कारण हैं। दरअसल यह एक बहुत ही आकर्षक और अद्भुत Hill Station है, जहां का वातावरण बहुत ही शांत है। यहां पर बना हुआ लक्ष्मी नारायण मंदिर भी लोगों के लिए एक मुख्य आकर्षण का केंद्र है। इसके अलावा यहां पर आपको करने के लिए बहुत सारी Activities मिल जाएंगी।
इस वजह से यहां पर आप अकेले या फिर अपनी पूरी Family के साथ भरपूर मौज मस्ती कर सकते हैं। इसके अलावा जानकारी के लिए बता दें कि 1985 में राम तेरी गंगा मैली फिल्म की शूटिंग इसी जगह पर हुई थी और उस समय हर्षिल घाटी अभूतपूर्व सुंदर क्षेत्र के रूप में दुनिया के सामने आई, जिसकी खूबसूरती को देखकर सभी लोग मंत्रमुग्ध होकर रह गए।
हर्षिल की संस्कृति (Culture of Harshil ) –
हर्षिल की संस्कृति की अगर हम बात करें तो यहां पर हमें पहाड़ी संस्कृति दिखाई देती है, जो कि यहां की सांस्कृतिक विरासतों में बसी है। Harshil Valley की जीवनशैली, स्थानीय नृत्य, संगीत, और धरोहर में स्थानीय रंग हैं। धार्मिक तौर पर भी यहां के मंदिरों और तीर्थ स्थलों को विशेष महत्व प्रदान है। यहां पर रहने वाले लोगों के खानपान में भी हमें पहाड़ी झलक साफ तौर पर दिखाई देती है।
हर्षिल के त्यौहार (Festivals of Harshil ) –
हर्षिल एक ऐसा Tourist Place है, जहां पर हमें उत्तराखंड के त्यौहारों की झलकी दिखाई देती है। दरअसल यह घाटी उत्तराखंड के उत्तरकाशी में है, तो इस वजह से जो Festivals उत्तराखंड में मनाए जाते हैं वही हर्षिल में भी Celebrate किए जाते हैं। Harshil Valley के कुछ प्रसिद्ध त्यौहार निम्नलिखित इस प्रकार से हैं –
- उत्तरकाशी मेला (Uttarkashi Mela)
- बसंत पंचमी (Basant Panchami)
- होली (Holi)
- दिवाली (Diwali)
- मकर संक्रांति (Makar Sankranti)
- गंगा दशहरा (Ganga Dussehra)
- माघ मेला (Magh Mela)
- सेब महोत्सव (Apple Festival)
हर्षिल का रहन-सहन (Lifestyle of Harshil Valley) –
हर्षिल के लोग अपनी स्थानीय जीवनशैली में सीधा-साधा जीवन जीते हैं। इन लोगों का रहन-सहन सादगीपूर्ण होता है। यहां के लोग पहाड़ी जीवन, वन्यजीव और प्राकृतिक सौंदर्य का काफी समर्थन करते हैं। हर्षिल निवासी अपनी परंपराओ, स्थानीय नृत्य, और संगीत पर बहुत गर्व महसूस करते हैं। ये लोग शांत जीवन जीना पसंद करते हैं।
इसलिए हर्षिल के लोग ज्यादातर पशुपालन, कृषि, और पर्यावरण से जुड़े हुए क्षेत्रों में काम-काज करते हैं। ये लोग अपने पारंपरिक व्यवसायों से जुड़ें हुए हैं, जैसे कि खेती करना, बकरी-पालन करना और कुछ लोग Tourism Industry में भी नौकरी करते हैं।
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हर्षिल की पारंपरिक वेशभूषा (Harshil Traditional Dress) –
हर्षिल क्योंकि एक पहाड़ी इलाका है, इसलिए यहां के लोगों की Traditional Dress में इसकी झलक साफ दिखाई देती है। पुरानी रीतियों को ध्यान में रखते हुए यहां के स्थानीय लोग Colourful Dress पहनना पसंद करते हैं। हर्षिल वैली की महिलाएं विभिन्न प्रकार के लहंगा और ओड़नी पहनतीं हैं। जबकि पुरुष अपने Traditional पहाड़ी वस्त्रों में रहते हैं, जो उनकी स्थानीय संस्कृति को दर्शाते हैं।
हर्षिल का नृत्य (Dance of Harshil ) –
हर्षिल क्योंकि भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है, इसलिए यहां के ज्यादातर नृत्य भी वही हैं जो उत्तराखंड के हैं। इस पर्यटन स्थल के सबसे Famous Dance के नाम इस प्रकार से हैं –
- लंगवीर नृत्य (Langvir Dance)
- पांडव नृत्य (Pandav Dance)
- थड़िया नृत्य (Thadiya Dance)
- सरौं नृत्य (Saraun Dance)
- चौंफला नृत्य (Chaunphala Dance)
- मंडाण नृत्य (Mandaan Dance)
- हारूल नृत्य (Harool Dance)
- बुड़ियात नृत्य (Budiyaat Dance)
- झुमैलो नृत्य (Jhumelo Dance)
- रणभूत नृत्य (Ranbhoot Dance)
- लोटा नृत्य (Lota Dance)
- झोंड़ा नृत्य (Jhonda Dance)
- बगवाल नृत्य (Bagvaal Dance)
हर्षिल का खानपान (Famous Foods of Harshil ) –
हर्षिल गढ़वालियों का स्थान है और इसी वजह से यहां पर आपको गढ़वाली Food का स्वाद चखने को मिलता है। अगर आप हर्षिल की यात्रा (Tour) पर निकले हैं तो आपको गढ़वाली खाने का Taste जरूर लेना चाहिए। हम यहां आपको हर्षिल के कुछ Famous Foods के बारे में बता रहे हैं, जिनके नाम इस प्रकार से हैं –
- थेंचवान (Thenchwan)
- चाउंसा (Chaunsa)
- फाना ( Phaana)
- मैथिली रोटी (Maithili Roti)
- कड़े की रोटी (Kade Ki Roti)
- काफुली/ कापली (Kafuli/ Kaapli)
- छोली रोटी (Chholi Roti)
- भांग की चटनी (Bhang Ki Chutney)
- कापा मिठाई (Kaapa Sweet)
हर्षिल घूमने जाने का सही समय (Best Time to Visit Harshil Valley) –
आप हर्षिल घूमने जाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सबसे अच्छे मौसम में ही जाना चाहिए। यहां आपको बता दें कि इस शानदार पर्यटन स्थल की सुंदरता का आनंद लेने के लिए आप अप्रैल, मई, जून, सितंबर और अक्टूबर के दौरान जा सकते हैं। इसके अलावा आप बरसात के मौसम में इस स्थान पर ना जाएं, क्योंकि बारिश की वजह से जगह-जगह के रास्ते फिसलन वाले बन जाते हैं। इसके साथ ही यहां कई जगह पर Landscape होने की समस्या भी हो जाती है, जो आपकी ट्रिप के लिए सही नहीं है।
हर्षिल में घूमने लायक जगह (Top Places To Visit in Harshil ) –
हर्षिल एक अद्भुत और सुंदर घूमने की जगह है, जो लोगों को अपनी तरफ काफी Attract करती है। यहां पर अगर आप घूमने के लिए आते हैं तो आपको एक नहीं बहुत सारे पर्यटन स्थल मिल जाएंगे। यहां घूमने के बाद आपको बहुत ही अलग तरह का आनंद महसूस होगा। प्रकृति की गोद में बसे हुए हर्षिल में आप ऊंची पहाड़ियों, झीलों, घने जंगलों को देखकर आनंदित हो सकते हैं। यहां हम आपको हर्षिल में घूमने लायक कुछ स्थान बता रहे हैं, जो आपको हर्षिल की यात्रा (Harshil Trip) के दौरान जरूर घूमने चाहिए –
1. मुखवास गांव – Mukhwas Village
मुखवास गांव Harshil Valley से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह यहां का एक बहुत ही Famous Tourist Place है। यह Village गंगोत्री देवी का घर है, जहां पर श्रद्धालु दर्शन के लिए और देवी की पूजा करने के लिए भारी संख्या में आते हैं। इस गांव में बहुत अधिक बर्फबारी होती है, जिसकी वजह से यह जगह बहुत ही अनूठी और सुंदर दिखाई देती है।
यहां पर पूरे साल भर में केवल ठंडा मौसम ही रहता है, इसलिए अगर आपको देवी की पूजा के अलावा बर्फ से जुड़ी हुई Activities करने में मजा आता है तो आपको मुखवास गांव जरूर जाना चाहिए। यहां का Weather ठंडा है, इसलिए यदि आप इस जगह पर घूमने जाना चाहते हैं तो आप अपने साथ गर्म कपड़े लेकर जाना ना भूलें।
2. उत्तरकाशी मेला – Uttarkashi Mela
हर्षिल वैली क्योंकि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में है इसलिए यहां पर हर साल बहुत से मेलों का आयोजन होता है। यहां आपको हम बता दें कि उत्तरकाशी मेले का आनंद उठाने के लिए यात्री हर साल आते हैं, क्योंकि Tourists उत्तरकाशी मेला काफी ज्यादा पसंद किया जाता है।
यदि बात करें कि उत्तरकाशी में कौन-कौन से मेले लगते हैं तो हम आपको बता दें कि इसके अंतर्गत बहुत सारे मेले आते हैं। यहां पर इन मेलों का जो प्रमुख आकर्षण है वह है नागराज देवता मेला (Nagraj Devta Fair, माहा मेला (Maha Fair), माघ मेला (Magh Fair), कंडक मेला (Kandak Fair), खरसाली मेला (Kharsali Fair), संकलू मेला (Sanklu Fair) इत्यादि।
3. धराली गंगोत्री – Dharali Gangotri
धराली गंगोत्री हर्षिल घाटी से तकरीबन 2 किलोमीटर की दूरी पर बना है और यह एक बहुत ही आकर्षक स्थान है। यहां पर आपको सेब के बाग और लाल सेम के बाग बहुत ज्यादा देखने को मिलते हैं। हम आपको बता दें कि पौराणिक कथाओं में भी इस जगह का बहुत ज्यादा जिक्र किया गया है।
दरअसल धराली गंगोत्री ही वह जगह है जहां पर भागीरथ ने गंगा नदी को इस पृथ्वी पर लाने के लिए कठोर तपस्या की थी। इस पर्यटन स्थल में भगवान शंकर का एक बहुत ही भव्य और प्राचीन मंदिर भी बना हुआ है, जिसकी वजह से यहां पर साल भर हिंदुओं का आना-जाना लगा रहता है।
4. गंगोत्री – Gangotri
गंगोत्री हर्षिल का एक बहुत ही प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो इस घाटी से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां आपको हम बता दें कि उत्तराखंड में जो चार धामों की यात्रा होती है वह इसी जगह पर आकर पूरी होती है। यह मंदिर काफी ऊंचाई पर बना हुआ है, इसलिए यहां से भागीरथी नदी का दृश्य देखते ही बनता है।
गंगा माता को समर्पित गंगोत्री धाम माता के अद्भुत एवं निराले रूप का एक अनूठा वर्णन है। साथ ही आपको बता दें कि समुद्र तल से इसकी ऊंचाई तकरीबन 3700 मीटर है। यहां पर सबसे ज्यादा श्रद्धालु May के महीने से लेकर October के महीने तक आते हैं। दरअसल अक्षय तृतीया वाले दिन इस मंदिर का कपाट खुलता है और इसके बाद फिर दिवाली वाले दिन इस मंदिर का कपाट बंद हो जाता है। क्योंकि दीपावली के बाद से यहां पर भारी मात्रा में बर्फबारी होने लगती है, जिस वजह से यहां पर श्रद्धालु पहुंच नहीं सकते।
5. सत्ताल टूरिज्म – Sattal Tourism
हर्षिल वैली से लगभग 3 किलो मीटर दूरी पर Sattal Tourism बना हुआ है। यह पर्यटन स्थल 7 बड़ी-बड़ी झीलों का एक बहुत ही खूबसूरत समूह है। इन झीलों में ताजा पानी भरा रहता है और इनके नाम राम ताल, सीता ताल, लक्ष्मण ताल, भरत सुक्खा ताल, ओक्स ताल, पन्ना ताल, नलद्यमंती ताल हैं। इन 7 झीलों के समूह का नजारा इतना अदभुत है कि आप इसकी खूबसूरती में खोकर रह जाएंगें। अगर आपको फोटोग्राफी का शौक है तो प्रकृति की सुंदरता से भरपूर यह स्थान आपको जरूर पसंद आएगा।
6. गंगनानी – Gangnani
गंगनानी पर्यटन स्थल बहुत ही आकर्षक है, जो हर्षिल में घूमने वाली एक अनोखी जगह है। दरअसल यह Harshil Valley से तकरीबन 26 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और इसे ऋषिकुंड तीर्थ के नाम से भी प्रसिद्धि प्राप्त है। यहां हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि यह जगह गर्म पानी वाले झरने के लिए Famous है। यहां पर महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग स्नान करने के लिए कुंड बने हुए हैं।
इसके अलावा यहां से आपको हिमालय का बहुत ही अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। यहां पर चारों तरफ शांति फैली रहती है। ज्यादातर लोग यहां पर Meditation करना पसंद करते हैं और शांति भरे माहौल में बैठकर अपने मन को शांत करते हैं। यही कारण है कि यहां पर देश-विदेश से लोग भारी मात्रा में आते हैं और इस खूबसूरत झरने के अनूठे आनंद का एहसास करते हैं।
7. गंगोत्री नेशनल पार्क – (Gangotri National Park)
हर्षिल वैली से 30 किलोमीटर की दूरी पर गंगोत्री नेशनल पार्क बना हुआ है। इस नेशनल पार्क में आप प्रकृति का आनंद लेने के साथ-साथ बहुत सारे वन्य जीवों को भी देख सकते हैं। यह जगह बच्चों को बहुत ज्यादा पसंद आती है। इसके अलावा जो लोग प्रकृति से प्रेम करते हैं उनके लिए यह Place जन्नत से कम नहीं है। लगभग 1543 स्क्वायर किलोमीटर एरिया में फैला हुआ गंगोत्री नेशनल पार्क दुर्लभ किस्म के जीव जंतुओं से भरा हुआ है।
गंगोत्री नेशनल पार्क में आप एक नहीं, बल्कि कई तरह के पशु पक्षी और जानवर देख सकते हैं, जो आमतौर पर अब खो चुके हैं। Gangotri National Park में आपको 15 तरह के जानवर और लगभग 150 किस्म के पक्षी देखने को मिल सकते हैं। इस तरह से आपको यहां पर तीतर, बाघ, भूरे भालू, कस्तूरी हिरण, थार, हिमालयन मोनाल और बर्फ में पाए जाने वाले चीते इधर-उधर घूमते हुए दिखाई दे सकते हैं।
हर्षिल घाटी कैसे जाएं (How to Reach Harshil Valley)?
उत्तराखंड के हर्षिल टूरिस्ट प्लेस पर अगर आप जाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको Train और Flight आसानी से मिल सकती है। वहीं यदि आप By Road हर्षिल वैली जाने की योजना बनाना चाहते हैं तो इसके लिए आप बस, टैक्सी या अपनी खुद की कार से भी जा सकते हैं। यहां हम नीचे आपको हर्षिल तक पहुंचाने के लिए सभी यातायात के साधनों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आप अपनी पसंद के हिसाब से Select कर सकते हैं –
फ्लाइट से (By Flight) – यदि आप By Flight हर्षिल वैली जाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको हम बता दें कि सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जॉली ग्रांट है। Jolly Grant Airport Dehradun, हर्षिल से तकरीबन 232 किलोमीटर की दूरी पर है। इस प्रकार से आप जॉली ग्रांट तक पहुंचाने के बाद अपने आगे के सफर को Taxi से या फिर Cab से पूरा कर सकते हैं।
रेल से (By Train) – यदि आपने यह प्लान बनाया है कि आप हर्षिल तक By Train जाएंगे तो ऐसे में आपको अपने राज्य या शहर से रेल की सुविधा मिल जाएगी। इसके लिए आपको Rishikesh Railway Station तक जाना होगा, क्योंकि यही हर्षिल का सबसे समीप का Railway Station है। ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद Harshil Valley तक पहुंचने के लिए Taxi या Cab ले सकते हैं।
रोड से (By Road) – अगर आप By Flight और By Train हर्षिल की यात्रा नहीं करना चाहते तो ऐसे में आप रोड से इस अद्भुत घाटी तक पहुंच सकते हैं। आपको हम जानकारी के लिए बता दें कि भारत के अनेकों शहरों से और राज्यों से Harshil Valley को जोड़ा गया है। इसलिए आप बस के माध्यम से या फिर अपनी कार से भी इस पर्यटन स्थल तक पहुंच सकते हैं।
हर्षिल में कहां रुकें (Where to Stay in Harshil )?
आप हर्षिल घूमने जा रहे हैं तो आपको इस बात की फिक्र करने की कोई जरूरत नहीं है कि हर्षिल में आप कहां रुकेंगें। दरअसल यहां पर आपको आपकी जरूरत के हिसाब से बहुत सारे Hotels रुकने के लिए मिल जाएंगें। इस प्रकार से आप सुंदर होम स्टे (Sunder Home Stay), हर्षिल चार धाम कैंप (Harshil Chardham Camp), शिव परिवार रिजॉर्ट (Shiv Parivar Resort), हर्षिल कॉटेज (Harshil Cottage) और हिमालय होटल (Himalaya Hotel) में अपने रुकने का इंतजाम कर सकते हैं।
हर्षिल घूमने के लिए बजट (Budget to Visit Harshil) –
हर्षिल वैली घूमने के लिए आपका बजट पूरी तरह से इस बात के ऊपर Depend करता है कि आप कौन से होटल में रहना पसंद करते हैं। इसके अलावा आप कितने दिन घूमने की योजना बनाते हैं यह बात भी आपके बजट के ऊपर असर डालती है।
हालांकि हर्षिल घूमने के लिए आपको ज्यादा पैसे खर्च नहीं करने पड़ते और 16000-17000 रुपए में 4 लोगों की घूमने की योजना (Plan) बनाई जा सकती है, जिसमें आपका Travel , Food और Hotel में रहने का खर्चा शामिल है।
हर्षिल घूमने के लिए टूर पैकेज (Harshil Tour Package) –
हर्षिल घूमने के लिए आपको कई प्रकार के अलग-अलग Tour Packages मिल सकते हैं। इसलिए सबसे अच्छा तरीका यही है कि आप किसी Tour And Travel Company से Contact करके अपना टूर प्लान करें। आपको ट्रैवल कंपनियों की मदद से काफी किफायती टूर पैकेज मिल सकते हैं, जो आपकी जेब पर भारी नहीं पड़ेंगे, और आपकी यात्रा को भी मेमोरेबल बना सकते हैं।
FAQs –
Q. हर्षिल किस लिए प्रसिद्ध है?
यह पर्यटन स्थल अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सेब उत्पादन के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है।
Q. क्या हर्षिल घाटी में बर्फबारी होती है?
जी हां, हर्षिल घाटी में सर्दियों के मौसम में काफी बर्फबारी होती है।
Q. हर्षिल कहां पर है?
हर्षिल भारत के उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी में है।
Q. हर्षिल वैली में कौन-कौन सी गतिविधियां की जा सकती हैं?
हर्षिल में आपको बहुत सारी गतिविधियां करने को मिल सकती हैं, जैसे कि ट्रैकिंग, फोटोग्राफी, शॉपिंग, Wildlife का भरपूर आनंद इत्यादि।
Q. क्या हर्षिल घूमने के लिए एक आदर्श जगह है?
जी हां, अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं और आपको शांत वातावरण भी पसंद है तो हर्षिल वैली आपके लिए एक बेहद शानदार जगह है, जहां पर आप घूमने के लिए जा सकते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion) –
इस आर्टिकल में हमने आपको हर्षिल के बारे में पूरी जानकारी दी है। इसमें हमने आपको हर्षिल के इतिहास, संस्कृति, रहन सहन, खानपान, त्यौहार, नृत्य और वहाँ की पारम्परिक पोशाक के बारे में बताया है।
इसके अलावा आप किस मौसम में हर्षिल जा सकते हैं, हर्षिल में कौन कौन सी जगहें घूम सकते हैं, कैसे पहुंच सकतें हैं, कहां ठहर सकते हैं, बजट और टूर पैकेज क्या होगा यह भी जानकारी दी है।
उम्मीद है कि आपको यह लेख Helpful लगा होगा। यदि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो तो आप इसे सोशल मिडिया पर भी जरूर शेयर करें, Thanks!
[…] हरसिल घाटी भी उत्तरकाशी की प्रसिद्ध घाटियों में से एक है। यह समुद्र तल से 2620 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। जब आप उत्तरकाशी से गंगोत्री जाएंगे, तो उस रास्ते में यह घाटी पड़ेगी। उत्तरकाशी से लगभग 73 किलोमीटर की दूरी पर यह घाटी स्थित है। अगर आप उत्तरकाशी जा रहे हैं, तो इस घाटी में भी आप एक बार जरूर घूमने जाएं। […]