Haridwar travel places – भारत में बहुत सारे धार्मिक स्थल हैं, जिनमें से कुछ धार्मिक स्थल ऐसे भी हैं जो काफी ज्यादा प्रसिद्ध हैं। बद्रीनाथ, अमरनाथ, वैष्णो माता मंदिर के अलावा हरिद्वार भी हिंदू धर्म के लोगों के लिए काफी पवित्र स्थान माना जाता है। हर साल लाखों लोग हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए आते हैं। संसार के रचयिता ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों यहां पर उपस्थित हैं। इसलिए हरिद्वार को पवित्र भूमि माना जाता है।
ऋषि मुनि, राजा, देवताओं व अन्य महान हस्तियों ने किसी न किसी कारण हरिद्वार में अपना योगदान व बलिदान दिया है। इसलिए हरिद्वार की पावन धरती पर दर्शन करने के लिए हर समय हजारों लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जमा रहती है। हरिद्वार में गंगा बहती है। कहते हैं कि जो एक बार गंगा नदी में नहा लेता है, उसे सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।आज हम आपको हरिद्वार के इतिहास के बारे में जानकारी देने वाले हैं।
इसी के साथ-साथ हम यह भी जानेंगे कि हरिद्वार में पर्यटकों (Tourists) के लिए ऐसी कौन सी जगह है, जो जिंदगी में एक बार तो जरूर देखनी चाहिए। अगर आप हरिद्वार आ रहे हैं, तो आपको कैसे आना है और आप कहां पर सस्ते में रुक सकते हैं, यह सभी जानकारी इस पोस्ट के माध्यम से हम जानेंगे।
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हरिद्वार के बारे में संपूर्ण जानकारी हिंदी में | Haridwar Travel Places Details in Hindi
जगह का नाम | हरिद्वार |
राज्य का नाम | उत्तराखंड |
कुल क्षेत्र | 12.3 km² |
किस लिए प्रसिद्ध है | गंगा में स्नान, हर की पौड़ी और अन्य धार्मिक स्थल के कारण |
घूमने का सही समय | पूरे साल कभी भी जा सकते हैं |
कैसे पहुंचे | बस, ट्रेन और हवाई जहाज सभी रास्ते हैं |
हरिद्वार का इतिहास – History of Haridwar in Hindi
हरिद्वार भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है। हरिद्वार सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं है, यहां से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। हरिद्वार का इतिहास प्राचीन काल से भी पुराना है। हरिद्वार एक ऐसा धार्मिक स्थल है, जिसका इतिहास पौराणिक काल, प्राचीन काल, मध्यकाल से लेकर वर्तमान काल तक भी रहा है।
कुछ मान्यताओं के अनुसार यह भी कहा जाता है कि राजा भागीरथ ने मां गंगा को स्वर्ग से धरती लोक पर अवतरित कराया था। राजा भगीरथ के द्वारा काफी वर्षों तक तपस्या की गई थी। जिसके बाद मां गंगा ने धरती पर अपना रूप लिया था। हिंदू धर्म में जब किसी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके दाह संस्कार के बाद उसकी अस्थियों को गंगा में ही विसर्जित किया जाता है।
चाहे भारत के किसी भी कोने में लोग रहते हों। लेकिन हरिद्वार में अस्थियां विसर्जित करने जरूर आते हैं। हरिद्वार में स्थित गंगा के किनारे हर की पौड़ी भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। हर की पौड़ी के पीछे यह वजह बताई जाती है कि यहां पर भगवान विष्णु जी ने कदम रखा था। इसी कारण इन पौड़ी को हर की पौड़ी का नाम भी दिया गया है। जब राक्षसों और देवताओं के बीच में समुद्र मंथन हुआ था, तो अमृत की कुछ बूंदें हरिद्वार में भी गिरी थीं।
हरिद्वार में क्या खास है – Why Haridwar is Most Famous
भारत की आजादी के बाद हरिद्वार को पहले उत्तर प्रदेश का भाग बनाया गया था। लेकिन फिर कुछ वर्षों के बाद हरिद्वार को उत्तरांचल यानी कि उत्तराखंड का हिस्सा बना दिया गया। गौमुख से गंगा नदी निकलती है और हरिद्वार के समतल मैदान क्षेत्र में बहती है। भारत में चार जगह कुंभ का मेला लगता है, जिनमें से एक हरिद्वार भी है।
हरिद्वार में भी कुंभ का मेला लगाया जाता है। जहां पर दर्शन करने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं। हरिद्वार को ऋषि मुनियों की तपोभूमि भी कहा जाता है। वैसे तो हरिद्वार में मुख्य रूप से श्रद्धालु गंगा में स्नान करने और हर की पौड़ी के दर्शन करने के लिए आते हैं। लेकिन हरिद्वार में कई पौराणिक मंदिर और ऐसी जगह है, जहां पर जरूर जाना चाहिए।
हरिद्वार में शांतिकुंज नाम से एक आश्रम भी है, जो आयुर्वेद पर अनुसंधान के लिए भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।
हरिद्वार में घूमने की प्रसिद्ध जगह – Famous Places to Visit in Haridwar
(1) मनसा माता का मंदिर (Mansa Mata Mandir) –
मनसा माता का मंदिर उत्तर भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह हरिद्वार से लगभग 2.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शिवालिक की पहाड़ियों में यह मंदिर लगभग 178 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि वासुकी नाग की पत्नी मनसा देवी इसी स्थान पर निवास करती है।
इसलिए मनसा देवी मंदिर के नाम से यह काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। जो भी कोई हरिद्वार घूमने के लिए जाता है, वह मनसा देवी माता का दर्शन जरूर करता है। जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मनसा देवी मंदिर में स्थित पेड़ पर अपना धागा बांधता है, उसकी मनोकामना पूरी होती है। इसलिए आप भी हरिद्वार जा रहे हैं, तो यहां दर्शन करने जरूर जाएं।
(2) नील धारा हरिद्वार (Neeldhara Haridwar) –
नील धारा में गंगा मैया बहती है। यह घाट चारों तरफ से पहाड़ों और हरियाली से घिरा हुआ है। यहां पर एक तरफ मां चंडी देवी का मंदिर स्थित है और इसके दूसरे क्षेत्र में मां मनसा देवी का मंदिर है। इसलिए इस घाट पर दर्शन करने के साथ-साथ मां चंडी देवी के दर्शन करने भी श्रद्धालु आते हैं।
(3) पिरान कलियर (Piran Kaliyar) –
दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी के द्वारा 18वीं शताब्दी में चिश्ती संप्रदाय के संत हजरत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर को समर्पित यह दरगाह बनवाई गई थी। यह दरगाह हरिद्वार के दक्षिण भाग में स्थित है। दरगाह में काफी अच्छी वास्तुकला का इस्तेमाल किया गया है। इसलिए जो भी पर्यटक या श्रद्धालु हरिद्वार घूमने के लिए आते हैं, वो यहां पर भी घूमना पसंद करते हैं।
(4) भीमगोड़ा कुंड (Bhimgoda Kund) –
वैसे तो हरिद्वार में देखने लायक एक से बढ़कर एक कुंड है, जो श्रद्धालुओं की आस्था से भी जुड़े हुए हैं। लेकिन इन सब में भीमगोड़ा कुंड काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। इस कुंड के पीछे एक मान्यता बताई जाती है। कहा जाता है कि एक समय भीम यहां पर आए थे और उन्होंने इस स्थान पर जोर से घुटना मारा था और पाताल लोक से पानी जमीन पर आ गया था।
तभी इस कुंड का निर्माण हुआ और इसी मान्यता को मानते हुए हर साल टूरिस्ट यहां पर घूमने के लिए आते हैं। यह चारों तरफ से हरियाली से घिरा हुआ है और काफी सुंदर तरीके से इस कुंड को बनाया गया है। अगर आप हरिद्वार आ रहे हैं, तो यहां पर जरूर आएं।
(5) माया देवी मंदिर (Maya Devi Mandir) –
हरिद्वार में स्थित हर की पौड़ी से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर माया देवी का मंदिर स्थित है। कहा जाता है कि माता सती के पिता ने एक बार यज्ञ का आयोजन किया था और उस आयोजन में सभी देवी देवताओं को बुलावा भेजा गया था। लेकिन माता सती के पिता ने भगवान शिव जी को निमंत्रण नहीं भेजा था।
माता सती ने अपने पिता से पूछा कि आपने भगवान शिव जी को क्यों नहीं बुलाया? ऐसे में उनके पिता क्रोधित हो जाते हैं और भगवान शिव जी के बारे में गलत शब्दों का उपयोग कर लेते हैं। जिसके कारण माता सती क्रोधित हो जाती हैं और वह अग्नि में कुद कर अपनी जान दे देती हैं। भगवान शिव जी माता सती की यह हालत देखकर काफी गुस्से में आ जाते हैं। वह उनका पार्थिव शरीर लेकर पूरे ब्रह्मांड में तांडव करने लगते हैं।
वह अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर के 51 टुकड़े कर देते हैं। वो टुकड़े धरती पर जहां-जहां भी गिरे, वहां पर शक्तिपीठ का निर्माण हुआ। 51 शक्तिपीठ में से एक माया देवी मंदिर भी है। इसलिए यहां पर श्रद्धालु दर्शन के लिए काफी दूर-दूर से आते हैं।
(6) क्रिस्टल वर्ल्ड (Cristal World) –
अगर आप हरिद्वार में आ रहे हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि क्रिस्टल वर्ल्ड भी आप घूम सकते हैं। यह धार्मिक स्थल नहीं है, लेकिन यहां आप अपनी फैमिली के साथ इंजॉय कर सकते हैं। यहां पर बड़े-बड़े शानदार झूले लगे हुए हैं, जो आपके बच्चों को काफी ज्यादा अच्छे लगेंगे। इसके अलावा यहां पर आप स्विमिंग भी कर सकते हैं। अलग-अलग एक्टिविटीज भी यहां पर करवाई जाती है।
(7) दक्ष महादेव मंदिर (Daksh Mahadev Mandir) –
हरिद्वार में हर की पौड़ी के पास स्थित दक्ष महादेव का मंदिर भी प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। कहा जाता है कि इस मंदिर का नाम माता सती के पिता प्रजापति दक्ष के नाम पर ही रखा गया है। यह मंदिर भगवान शिव जी को समर्पित है। यहां आपको वास्तुकला का भी एक अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। अगर आप हरिद्वार आ रहे हैं, तो दक्ष महादेव मंदिर में दर्शन करना ना भूलें।
(8) पावन धाम (Pawan Dham) –
पावन धाम हरिद्वार के रेलवे स्टेशन से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर सप्त सरोवर रोड पर स्थित है। अगर आपको शांति और ध्यान लगाना है, तो पावन धाम में जरूर जाएं। यहां पर मंदिर के अंदर कांच का काम किया गया है। मंदिर में कांच पर नक्काशी का काम अच्छे से हुआ है।
अगर आप एक बार इस मंदिर में जाएंगे, तो आपका मन बार-बार इस मंदिर में दर्शन करने के लिए करेगा। पूरा मंदिर कांच से बना है, जिस पर देवी देवताओं की प्रतिमा को भी अच्छे से बनाया गया है।
(9) सप्त ऋषि आश्रम (Saptrishi Ashram) –
हरिद्वार से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर सप्त ऋषि आश्रम स्थित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यहां पर जमदग्नि, भारद्वाज, अत्रि, ऋषि कश्यप, वशिष्ठ, विश्वामित्र और गौतम सप्त ऋषियों के द्वारा यहां यज्ञ और तप किया जाता था, जिसके कारण इस आश्रम का नाम सप्त ऋषि आश्रम रखा गया।
(10) भारत माता मंदिर (Bharat Mata Mandir) –
हरिद्वार में भारत माता मंदिर भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। यह मंदिर काफी विशाल है। लगभग 180 फीट ऊंचा यह मंदिर जिसमें कुल 8 मंजिलें हैं। इसे मदर इंडिया टेंपल के नाम से भी जाना जाता है। यहां आ कर आपको पौराणिक कथाओं व मान्यताओं के बारे में भी जानकारी मिलेगी। इस मंदिर में स्थित देवी देवताओं की प्रतिमा देखकर आपको काफी अच्छा लगेगा। अगर आप हरिद्वार आ रहे हैं, तो इस मंदिर में दर्शन करना बिल्कुल भी ना भूलें।
(11) हर की पौड़ी (Har Ki Pauri) –
गंगा नदी के किनारे स्थित हर की पौड़ी विश्व प्रसिद्ध है। हर की पौड़ी को लेकर अलग-अलग मान्यताएं बताई जाती हैं। कहा जाता है कि जब राक्षसों और देवताओं में अमृत पाने के लिए समुद्र मंथन किया जा रहा था, तो अमृत की कुछ बंदे इस स्थान पर भी पड़ी थीं, जिसके कारण इस क्षेत्र को हर की पौड़ी का नाम दिया गया है। इसे काफी पवित्र स्थान माना जाता है।
इसके अलावा कुछ मान्यताओं के अनुसार यह भी कहा जाता है कि यहां पर भगवान शिव जी और भगवान विष्णु जी प्रकट हुए थे। उन्होंने अपना कदम इन पौड़ी पर रखा था और इसलिए यहां पर हर की पौड़ी का निर्माण किया गया है।
(12) स्वामी विवेकानंद पार्क (Swami Vivekanand Park) –
हरिद्वार में स्वामी विवेकानंद पार्क भी स्थित है। स्वामी विवेकानंद जी ने किस प्रकार से समाज के लोगों के लिए काम किया है, यह तो हम सभी जानते हैं। स्वामी विवेकानंद जी को समर्पित यह पार्क सच में अद्भुत है। इस पार्क में आपको आकर काफी शांति महसूस होगी। चारों तरफ हरियाली है और पार्क में स्वामी विवेकानंद जी का स्टेचू भी बना हुआ है। अगर आप के पास समय है, तो यहां आ कर आप अपना कुछ समय बिता सकते हैं।
(13) कनवा ऋषि आश्रम (Kanva Ashram) –
यह आश्रम हरिद्वार से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसे हरिद्वार का गेटवे भी कहा जाता है। चारों तरफ से हरियाली से घिरा हुआ, यह आश्रम सच में देखने में काफी खूबसूरत लगता है। यहां आकर आपको काफी शांति महसूस होगी।
(14) पारद शिवलिंग (Parad Shivling) –
हरिद्वार के कनखल क्षेत्र में स्थित पारद शिवलिंग काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। यह हरिद्वार से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां पर भगवान शिव जी के अद्भुत शिवलिंग को विराजित किया गया है। यहां पर रुद्राक्ष वृक्ष, मृत्युंजय महादेव मंदिर और परदेश्वर मंदिर भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है।
(15) पतंजलि योगपीठ (Patanjali Yogpeeth) –
योग ने किस प्रकार से हमारे जीवन को प्रभावित किया है, यह बात तो हम सभी जानते हैं। पतंजलि योगपीठ की स्थापना भी हरिद्वार में ही हुई है और पतंजलि योगपीठ सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।
(16) चिल्ला वन्य जीव अभ्यारण (Chilla Park) –
हरिद्वार में अगर आप धार्मिक स्थल के इलावा अभ्यारण देखना चाहते हैं, तो चिल्ला वन्य जीव अभ्यारण आपको काफी ज्यादा अच्छा लगेगा। साल 1977 में इस अभ्यारण की स्थापना की गई थी। इस अभ्यारण को 1983 में राजाजी राष्ट्रीय अभ्यारण से जोड़ दिया गया है।
249 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ यह अभ्यारण सच में देखने में काफी ज्यादा अद्भुत है। यह अभ्यारण हरिद्वार से सिर्फ 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर आपको बिल्ली, भालू, बाघ और हाथी जैसे शानदार जानवर देखने को मिल जाएंगे। आप अपने परिवार के साथ यहां पर आ सकते हैं। इसका टिकट भी काफी सस्ता है।
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हरिद्वार का प्रसिद्ध खाना – Haridwar Famous Food in Hindi
अगर आप Haridwar Tour के लिए आ रहे हैं, तो हरिद्वार के प्रसिद्ध खाने का भी लुफ्त जरूर उठाएं। हरिद्वार अपने स्ट्रीट फूड के कारण काफी ज्यादा फेमस है। यहां आपको खाने की क्वालिटी भी अच्छी मिलेगी। इसका रेट भी काफी सस्ता रखा गया है। हरिद्वार के स्ट्रीट फूड इस प्रकार हैं –
- भरवा पराठा
- आलू पूरी
- छोले भटूरे
- कचोड़ी
- कुल्फी
- मूंग की दाल की चाट
हरिद्वार घूमने में कितना खर्चा आएगा – Haridwar Travel Cost
अगर आप हरिद्वार शहर के आस-पास रहते हैं, तो आप कम खर्चे में पूरा हरिद्वार घूम सकते हैं। लेकिन यदि आप हरिद्वार से काफी दूर के राज्य में रहते हैं, तो आपको ज्यादा खर्चा करना पड़ सकता है। हरिद्वार आने के लिए आपको आपके राज्य या शहर से सीधी बस भी मिल जाएगी।
इसके अलावा ट्रेन से भी आप हरिद्वार आ सकते हैं। आप यदि अपनी गाड़ी में आएंगे, तो पेट्रोल का खर्चा ज्यादा लगेगा। वहीं अगर आप बस या ट्रेन से सफर करते हैं, तो पूरा हरिद्वार घूमने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को 2000 से ₹3000 ही खर्च करना होगा। जैसे कि हमने आपको बताया कि हरिद्वार में काफी सस्ती सुविधा आपको मिल जाएगी।
पर्यटक स्थल व धार्मिक स्थल पर घूमने के लिए आपको बस या टैक्सी मिल जाएगी, जो काफी सस्ते में आपको पहुंचा देगी।
अन्य धार्मिक स्थल या पर्यटक स्थल के मुकाबले में हरिद्वार काफी सस्ता है। इसलिए यहां आप कम पैसे में अच्छा अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।
हरिद्वार घूमने का सही समय क्या है – Right Time to Visit Haridwar
हरिद्वार भारत का एक ऐसा धार्मिक स्थल है, जो पूरे साल श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है। यहां आप साल भर में कभी भी जा सकते हैं। लेकिन कुछ स्पेशल त्यौहार या फिर व्रत के दिनों में यहां पर काफी ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है।
सावन के महीने में यहां पर काफी ज्यादा श्रद्धालु आते हैं। अगर आप हरिद्वार जाने का प्लान बना रहे हैं, तो आप किसी भी महीने जा सकते हैं।
हरिद्वार में कहाँ ठहरें – Where to Stay in Haridwar
हरिद्वार में घूमने के लिए काफी सारी जगह हैं। इसलिए आप हरिद्वार का प्लान अगर बना रहे हैं, तो दो-तीन दिन के लिए आएं। ताकि आप सभी धार्मिक स्थल और Tourist Places को अच्छे से घूम सकें। हरिद्वार में आपको रुकने के लिए कोई भी परेशानी नहीं होगी। क्योंकि यहां पर काफी सारे होटल और धर्मशालाएं हैं, जहां पर आप ठहर सकते हैं।
आप चाहें तो ऑनलाइन भी हरिद्वार के प्रसिद्ध होटलों में रहने के लिए बुकिंग करवा सकते हैं। यदि आप पहले से बुकिंग नहीं कर पाते हैं, तो यहां आकर भी आपको रूम मिल जाएगा। यहां पर काफी सस्ते रूम की सुविधा भी मिलती है।
रहने के अलावा होटल में आपको खाने की Facility भी मिल जाएगी। हरिद्वार में आपको ₹1000 से ₹1500 तक का प्रतिदिन किराया के हिसाब से होटल में रूम मिल जाएगा। जहां आपको काफी अच्छी फैसिलिटीज भी मिलेंगी। अगर आप ज्यादा लग्जरी फैसिलिटी चाहते हैं, तो फाइव स्टार होटल या फिर 3 स्टार होटल में भी रुक सकते हैं।
हरिद्वार कैसे जाएं – How To Reach Haridwar
सड़क मार्ग से (By Road) –
अगर आप सड़क मार्ग से हरिद्वार आना चाहते हैं, तो सड़क मार्ग से हरिद्वार आने के लिए काफी सारे रास्ते हैं। आप बस, टैक्सी या फिर पर्सनल कार से आसानी से हरिद्वार आ सकते हैं। आप अपने राज्य या शहर से गूगल मैप के जरिए भी रूट चेक कर सकते हैं।
ट्रेन से (By Train) –
हरिद्वार के लिए रेल सेवाएं भी उपलब्ध हैं। काफी सारी ट्रेनें ऐसी हैं, जो सीधा आपको हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर उतार देंगी। आप रेल एप्लीकेशन व गूगल में रेल ट्रैक कर सकते हैं। आपको जानकारी मिल जाएगी कि आपके स्थान से हरिद्वार जाने के लिए कौन सी ट्रेन उपलब्ध है।
अगर आपके राज्य या स्थान से कोई ट्रेन Available नहीं है, तो आप अपने आसपास के स्थान से हरिद्वार के लिए ट्रेन चेक करें। आपको कोई ना कोई ट्रेन तो मिल ही जाएगी।
हवाई जहाज से (By Helicopter) –
अगर आप हवाई जहाज से हरिद्वार आना चाहते हैं, तो यह फैसिलिटी भी आपको मिल जायेगी। हरिद्वार के सबसे पास देहरादून एयरपोर्ट पड़ता है। आप अगर हरिद्वार से काफी दूर रहते हैं, तो हवाई जहाज में सफर कर सकते हैं। आपको देहरादून उतरना होगा और फिर देहरादून से आपको हरिद्वार के लिए बस, ट्रेन या टैक्सी आसानी से मिल जाएगी।
निष्कर्ष – Conclusion
इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको हरिद्वार घूमने के लिए शानदार जगह की पूरी जानकारी विस्तार से बता दी है। हरिद्वार भारत में ही नहीं, बल्कि विदेश में भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। विदेश से लोग हर साल गंगा में स्नान करने और हरिद्वार में स्थित धार्मिक स्थलों पर घूमने के लिए आते हैं।
हरिद्वार में आकर आपको कहां रुकना है, कितना खर्चा आएगा और हरिद्वार कैसे पहुंच सकते हैं, यह सभी जानकारी आप तक पहुंचा दी है। अगर कोई अन्य जानकारी चाहिए, तो आप हमें कमेंट में कमेंट भी कर सकते हैं।
ज्यादा जानकारी के लिए हरिद्वार की ऑफिसियल वेबसाइट विजिट कर सकते हैं।
हरिद्वार से संबंधित प्रश्न – FAQs
प्रश्न – हरिद्वार से खरीदने के लिए प्रसिद्ध चीज क्या है?
उत्तर – हरिद्वार से खरीदने के लिए प्रसिद्ध चीज पीतल और तांबे के बर्तन हैं।
प्रश्न – हरिद्वार में सबसे साफ घाट कौन सा है?
उत्तर – विष्णु घाट हरिद्वार का सबसे साफ घाट है।
प्रश्न – हरिद्वार में फ्री धर्मशाला कौन सी है?
उत्तर – हरिद्वार में फ्री धर्मशाला शांतिकुंज आश्रम है।
प्रश्न – हरिद्वार के लिए कितने दिन अच्छे हैं?
उत्तर – हरिद्वार घूमने के लिए 5 से 7 दिन निकालना अच्छा है।
प्रश्न – क्या हरिद्वार में फ्री खाना मिल सकता है?
उत्तर – हरिद्वार के शांतिकुंज आश्रम में आपको रहने के साथ ही फ्री का खाना भी मिल जाता है।