जैसे ही मानसून आता है वैसे ही हम सब सबसे पहले गूगल पर यही सर्च करते हैं Top 10 Hill Stations in Madhya Pradesh। आज के इस ब्लॉग में हम बात करने वाले हैं मध्यप्रदेश के कुछ प्रसिद्ध हिल स्टेशन के बारे में। मध्यप्रदेश भारत का एक ऐसा राज्य जिसे उसका दिल कहा जाता है, क्योंकि यह देश के केंद्र में स्थित है, जिसकी वजह से जब से यंहा पर गर्मी के मौसम में गर्मी, सर्दी के मौसम में सर्दी और बरसात के मौसम में बारिश की भरमार होती है। इसी रीज़न से लोग गर्मी में और बरसात के मौसम में हिल स्टेशन जाना पसंद करते हैं, ताकि गर्मी के मौसम में प्राकृतिक हवाएं और बरसात के मौसम में खूबसूरत जलप्रपात का सुखद आनंद ले सकें। हिल स्टेशन ही एक ऐसी जगह है, जो आपको शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी से दूर शांति और पहाड़ियों का सुन्दर दृश्य का अनुभव कराती है।
मध्यप्रदेश के 10 शानदार हिल स्टेशन – Best Hill Station in Madhya Pradesh
यदि आप मध्यप्रदेश या इसके पास के किसी भी राज्य के निवासी हैं, और आप किसी अच्छे हिल्स स्टेशन के बारे में सर्च कर रहे हैं, तो आप सही पेज पर आ चुके हैं। क्योकि हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले हैं Top 10 Hill Stations in Madhya Pradesh के बारें में और इन Hill Stations में कब जाना चाहिए और ये क्यों प्रसिद्ध है। आज हम आप लोगों को जिन खूबसूरत हिल स्टेशन के बारे में बताने वाले हैं, जरूरी नहीं है कि आप गर्मी के मौसम में ही जाएँ, बल्कि आप किसी भी मौसम में जा सकते हैं। इसलिए इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़िए, क्योकि इसके बाद और कोई आर्टिकल पढ़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी। और कोई सुझाव हो, तो कमेंट सेक्शन में जरूर बताइयेगा।
पचमढ़ी (Pachmarhi) – Must Visited Hill Station MP
Top 10 Hill Stations in Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश में हो और अभी तक पचमढ़ी नहीं घूमें, तो क्या घूमें। पचमढ़ी मध्यप्रदेश का सबसे ऊँचा और खूबसूरत हिल स्टेशन है। पचमढ़ी को कैंट के नाम से भी जाना जाता है। अगर आप एक स्टूडेंट हो तो अक्सर आपके एग्जाम में ये सवाल जरूर पूछा जाता होगा कि सतपुड़ा की रानी किसे कहा जाता है, तो वो है पचमढ़ी। पचमढ़ी होशंगाबाद जिले में स्थित है, जिसकी ऊंचाई 1100 मीटर है। पचमढ़ी में आप कई ऐतिहासिक स्मारक, प्राकृतिक सौंदर्य, झरने, गुफा, जंगल और कई अन्य दर्शनीय स्थलों का दीदार कर सकते हैं। मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश पचमढ़ी में होती है।
ओंकारेश्वर (Omkar Eshwar)-Hill Stations Near Indore
ओंकारेश्वर (Omkar Eshwar) : ओंकारेश्वर नर्मदा और कावेरी नदियों के संगम पर स्थित मध्यप्रदेश के अत्यधिक खूबसूरत हिल स्टेशनों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि इस हिल स्टेशन का नाम भगवान शिव के ‘ओंकारा’ से पड़ा है, जो उनका एक और नाम है। ओंकारेश्वर को 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक होने का गौरव प्राप्त है। इस हिल स्टेशन पर आप ओंकारेश्वर मंदिर, अमरकेश्वर मंदिर, केदारेश्वर मंदिर और अहिल्या घाट आदि घूम सकते हैं।
अमरकंटक (Amarkantak)
अमरकंटक (Amarkantak): मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में स्थित विंध्य और सतपुड़ा पर्वत श्रृंखलाओं के बीच 1065 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरकंटक एक बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन है। यह हिल स्टेशन अपने मंदिरों, पहाड़ों, झरनो और अपने ऐतिहासिक रहस्यों के लिए प्रसिद्ध है। यदि आप मध्य प्रदेश की यात्रा पर हैं, तो अमरकंटक जाना बिल्कुल न भूलें। यहां आप नर्मदा कुंड, सोनमुडा, जैन मंदिर, कपिल धारा, त्रिमुखी मंदिर, दूध धारा जल प्रपात आदि घूम सकते हैं।
शिवपुरी ( Shivpuri)
शिवपुरी मध्य प्रदेश का एक पुराना शहर और एक पुण्य स्थान है। शिवपुरी को पहले सिपरी के नाम से जाना जाता था। शिवपुरी का इतिहास मुगल काल से है। शिवपुरी के घने जंगल पहले के समय में शाही शिकार के मैदान थे। शिवपुरी की समुद्र तल से ऊंचाई 478 मीटर है। यह शहर सभी विदेशी आकर्षणों में से एक है, जो इसे पर्यटकों के लिए एक बहुत ही शांतिपूर्ण स्थान बनाता है। पुरानी कथाओं के अनुसार, इस शहर का नाम भगवान शंकर के नाम पर रखा गया है। सन 1804 तक यह शहर कच्छवाहा राजपूतों के स्वर्ग के रूप में जाना जाता था। उसके बाद यहाँ सिंधिया राजवंश द्वारा शासन किया गया। इसके अलावा शिवपुरी स्वतंत्रता संग्राम से भी महत्व रखता है, क्योंकि यह वह स्थान है जहां महान स्वतंत्रता सेनानी तात्या टोपे जी को फांसी दी गई थी।
रोचक तथ्य:-
शिवपुरी एक समय ग्वालियर के सिंधिया शासको की ग्रीष्मकालीन राजधानी थी और इसके घने जंगल शिकार क्षेत्र थे। शिवपुरी पक्षियों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है, और कई पर्यटक पक्षियों की विशाल प्रजातियों को देखने के लिए यहां आते हैं। शिवपुरी ग्वालियर और झांसी के बीच एक नेचर गेटवे है।
माण्डू (Mandau) – Top-Rated Hill Station in MP
जब भी बात किलों की नगरी की हो, तो हमारे जहन में केवल एक ही है, वो है मांडू, जो कि मध्यप्रदेश के मांडव शहर धार से लगभग 35 किमी और इंदौर से 100 किमी की दूरी पर स्थित है। यह मध्य प्रदेश राज्य का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जहाँ हर महीने शैलानियों की भीड़ लगी रहती है। मांडू मालवा क्षेत्र में स्थित है, और इसकी आधिकारिक भाषा हिंदी है। मांडू अपने अद्भुत किले के लिए प्रसिद्ध है। किला 82 किमी की परिधि में है, और इसे भारत में सबसे बड़ा माना जाता है।
इसमें महल सजावटी नहरों, स्नान मंडपों आदि के खंडहर हैं। मांडू में 40 से अधिक स्मारक हैं, जिन्हें तीन श्रेणियों में बांटा गया है :
1. केंद्रीय ग्राम समूह
2. रॉयल एन्क्लेव समूह और
3. रीवा कुंड समूह।
यह शहर रानी रूपमती और बाज बहादुर की पौराणिक कथा के लिए भी प्रसिद्ध है, जो आज भी महल का शिकार करता है। मांडू में चंपा बावड़ी – एक कुआं, 15 वीं शताब्दी का और विशाल जामा मस्जिद, खूबसूरत जाहज़ महल (जहाज महल), हिंडोला महल, रोमांटिक बाज़ महल, रूपमती का मंडप और होशंग शाह का मकबरा वास्तुकला के कुछ अनमोल रत्न हैं। इन पर्यटन स्थल को पर्यटकों को जरूर देखना चाहिए।
मांडू में ऐसा माना जाता है कि सम्राट शाहजहाँ ने ताजमहल के निर्माण की प्रेरणा केवल होशंग शाह के मकबरे से ली थी। मांडू घूमने जाने के लिए मानसून का समय सबसे बढ़िया होता है। जब मौसम खुशनुमा होता है और चारों ओर हरियाली और हरे-भरे परिदृश्य और बैंगनी सूर्यास्त आकाश के बीच स्मारकों की रहस्यमय सुंदरता, बीते युग की जीवंत तस्वीर को चित्रित करती है। यह महल अपने “खुसरानी इमली” के लिए भी प्रसिद्ध है।
खंडहर 21 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है। मुस्लिम शासकों ने इसे शादियाबाद या City of joy करार दिया।
तामिया (Tamia)
आज कई ऐसे टूरिस्ट डेस्टिनेशन हैं, जो कि सुन्दर, मनमोहक के साथ साथ अद्भुत भी हैं, और उनके अपने कई रहस्य हैं। उनमें से एक है तामिया हिल स्टेशन। यह मध्यप्रदेश के छिपे खजानो में से एक है। यह चारों तरफ जंगलों से घिरा हुआ है। तामिया हिल स्टेशन सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आता है, जो कि पचमढ़ी से लगा हुआ है। समुद्र तल से अधिक ऊंचाई पर होने के कारण यहाँ अक्सर तेज हवाएं चलती हैं। तामिया में एक स्ताहन है रेस्ट हाउस, जहाँ से यहाँ का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है। यहाँ एक तरफ ऊंची-ऊंची पहाड़ियां तो दूसरी ओर दूर तक फैली हरियाली का अद्भुत नजारा होता है।
मकड़ाई हिल्स (Makdai Hills)
मकड़ाई भिरंगी रेलवे स्टेशन से तकरीबन 24 किलोमीटर की दूरी पर तथा हरदा मुख्यालय से लगभग 37 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मकड़ाई भूतपूर्व जागीरी रियासत मकड़ाई का एक प्रमुख मार्ग है। इस रियासत का विस्तार समृद्ध ग्रम नर्मदा की खुली घाटियों तक है, लेकिन इसका मुख्य वनाच्छादित अधिकांष भाग सतपुड़ा की निचली ढलानों पर फैला हुआ है। मकड़ाई ग्राम में ऊँची पहाड़ी पर स्थित एक प्राचीन किला बना हुआ है। यहां का राजघराना राजगोंड परिवार का वंषज बताया जाता है। मकड़ाई के किले में राजभवन की काष्ठकला अपने आप में विषिष्ट है।
कुकरू खामला (Kukru Khamla)
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के भैंसदेही तहसील के अंतर्गत आने वाली सतपुड़ा पर्वत माला में कुकरू खामला स्थित है, जो कि जिला मुख्यालय से लगभग 90-92 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कुकरू खामला बैतूल जिले की सबसे ऊँची चोटी में से एक है। सतपुड़ा पर्वत का एक बहुत बड़ा हिस्सा बैतूल जिले में आता है, इसलिए बैतूल जिले को सतपुड़ा की रानी भी कहा जाता है। इस पर्वत और जंगल के इलाके में कोरकू जनजाति रहती है।
इसलिए इस इलाके को कुकरू के नाम से भी जाना जाता है। यह बहुत ही छोटा गांव है, जिसकी जनसँख्या तकरीबन 450-510 के आसपास रहती है। इनकी मुख्य आजीविका का साधन खेती और पशुपालन है। क्योकि यह बहुत अधिक ऊंचाई पर स्थित है, इसलिए यहाँ अक्सर तेज़ हवाएं चलती रहती हैं। इस स्थान की समुद्र तल से ऊंचाई लगभग 1138 मीटर है। यहाँ का सूर्यास्त और सूर्योदय बहुत ही अद्भुत होता है। यह इलाका मध्यभारत का एक मात्र ऐसा स्थान है, जहाँ पर कॉफ़ी के बागान हैं। हिमांचल प्रदेश के कुल्लू से कम नहीं है मध्यप्रदेश का कुकरू खामला।
कुकरू खामला पंहुच मार्ग / How to Reach Kukru Khamla
अगर आप बैतूल जा रहे हैं, तो प्रमुख रूप से बस और रेलसेवा मिल जाएगी। कुकरू खामला जाने के लिए बस सेवाएं उपलब्ध हैं, जो कि भैंसदेही होते हुए जाती है, इसलिए यहाँ पहुंचना और भी आसान हो जाता है।
जानापाव हिल्स, इंदौर – Best Hill Station in MP
अगर बात हिल स्टेशन की हो रही हो और उसमें इंदौर का नाम न हो, ऐसा कभी हो सकता है भला। इंदौर शहर से लगभग 40 किलोमीटर और महू शहर से 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित विंध्यांचल पर्वत माला के एक पर्वत को जानापाव (Janapav Hills) कहते हैं। इसको लोग कई नामों से बुलाते हैं जन्मे से जानापाव कुटी, परशुराम जन्मस्थली, जानापाव हिल्स और भी बहुत कुछ। इस पर्वत की सबसे ऊँची चोटी पर भगवान परशुराम की जन्मस्थली और उनके पिता महर्षि जमदग्रि की तपोभूमि देखने दूर दूर से लोग आते हैं।
जानापाव हिल्स मध्यप्रदेश के इंदौर जिले की महू तहशील में स्थित एक गांव हासलपुर में है। इस पहाड़ी से साढ़े सात नदियां निकलती हैं, जिनमें से कुछ नर्मदा और यमुना में जाकर मिलती हैं। इस पहाड़ की सबसे खास बात यह कि जब आप ऊपर चढ़े होते हैं, तो आपको सिर्फ बादल ही बादल दिखाई देते हैं। बरसात के मौसम में यहाँ अलग ही मजे आ जाते हैं। पिछले साल मैं जानापाव हिल्स घूमने गया था, जो कि मेरे लिए काफी रोमांचकारी था उसके कुछ क्लिप्स आप नीचे दिए गए वीडियो में देख सकते हैं।
रीवा (Rewa)
अंग्रेजों के ज़माने से विंध्य प्रदेश की राजधानी रहा रीवा शहर आज के समय में मध्य प्रदेश का एक प्रमुख जिला और संभाग है, जहां लोगो के घूमने फिरने के लिए किला, जलप्रपात, सफारी और भी बहुत कुछ उपस्थित है। अगर आप रीवा शहर घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो उसके 40 किलोमीटर के अंतराल में तकरीबन 10 से भी ज्यादा जलप्रपात देखने को मिल जायेंगे। रीवा शहर में प्रमुख पर्यटन स्थल के बारे में मैंने पहले ही एक आर्टिकल लिखा है।
आशा करता हूँ आपको इस आर्टिकल के माध्यम से अच्छी जानकरी दे पाया होऊंगा। फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल है, तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं या कांटेक्ट में जाकर हमसे सम्पर्क कर सकते हैं।
धन्यवाद!
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