आजकल लोग कहीं घूमने जाने के लिए ऐसी जगहों की खोज करते है, जहाँ प्राकृतिक सुकून हो, नदी -झरने और पहाड़ हों। यदि आप भी ऐसी ही जगह घूमना चाहते हैं, तो आपको उत्तराखंड के गंगोत्री धाम (Gangotri Dham) जाना चाहिए। यह एक पवित्र स्थान होने के साथ साथ ऊँचे ऊँचे पहाड़, नदी और घाटों से भरा हुआ है।
इस जगह पर जाने से पहले गंगोत्री के बारे में पूरी जानकारी लेना भी जरूरी है। इसके लिए इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ें। इसमें हम आपको गंगोत्री धाम का ट्रिप प्लान करने के लिए गाइड करने वाले हैं।
गंगोत्री धाम का इतिहास (History of Gangotri Dham)
गंगोत्री धाम भारत के उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। यह समुद्र तल से 3,100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह वह प्राचीन स्थान है, जहां से गंगा नदी गंगोत्री ग्लेशियर से निकलती है।
गंगोत्री धाम का इतिहास सदियों पुराना है। 18वीं शताब्दी में गंगोत्री धाम में गंगोत्री मंदिर का निर्माण गोरखा कमांडर अमर सिंह थापा ने किया था। गंगोत्री से जुड़ी कई कथाएं हैं, जिसमें से एक राजा भागीरथ की कहानी है। उन्होंने अपने पूर्वजों को पापों से मुक्ति दिलाने के लिए देवी गंगा को पृथ्वी पर लाने के लिए कड़ी तपस्या की। भगवान ब्रह्मा ने उनकी इच्छा पूरी की और गंगा भगवान शिव की जटाओं से निकलकर पहली बार पृथ्वी पर आयी। वह धरती के जिस स्थान से निकली उसे गंगोत्री धाम का नाम दिया गया।
गंगोत्री धाम के बारे में जरूरी चीजें –
जिले का नाम | गंगोत्री धाम |
राज्य का नाम | उत्तराखंड |
गंगोत्री धाम की जनसंख्या | तकरीबन 606 |
गंगोत्री धाम में बोली जाने वाली भाषाएं | गढवाली, हिन्दी तथा अंग्रेजी |
क्यों प्रसिद्ध है | गंगा का उद्गम स्थल होने के कारण प्रसिद्ध है। |
गंगोत्री धाम की संस्कृति (Culture of Gangotri Dham) –
गंगोत्री के लोग बहुत सीधे साधे और धार्मिक होते हैं। वो अपने पारंपरिक रीति-रिवाजों और परंपराओं का पालन करते हैं। धार्मिक स्थान होने के कारण यहाँ पर आपको पूजा पाठ और उससे जुड़ी संस्कृति देखने को मिलेगी।
गंगोत्री धाम के त्यौहार (Festivals of Gangotri Dham) –
गंगोत्री धाम में कई त्यौहार मनाए जाते हैं, जैसे –
गंगा दशहरा उत्सव (Ganga Dussehra Festival) :-
गंगा दशहरा का त्यौहार मई-जून के महीने में मनाया जाता है। देवी गंगा के लिए मनाया जाने वाला यह त्यौहार गंगोत्री में विशेष महत्व रखता है। इस कारण यहाँ के लोग इस दिन का बेसब्री से इन्तजार करते हैं। यह त्यौहार 10 दिनों तक मनाया जाता है।
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) :-
अक्षय तृतीया का यह त्यौहार हर साल अप्रैल-मई के आसपास मनाया जाता है। यह वह दिन है जब मंदिर सर्दियों के मौसम में कुछ महीनों तक बंद रहने के बाद फिर से खुलता है। इस त्यौहार पर मंदिर को सजाया जाता है।
इसके अलावा दिवाली, शिवरात्रि, होली, बसंत पंचमी जैसे त्यौहारों को भी यहां बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
गंगोत्री धाम का रहन सहन (Lifestyle of Gangotri Dham) –
गंगोत्री में आपको ज्यादातर लोग हिंदू पुजारी मिलेंगे। इसके अलावा यहां पर नेपाली लोग भी हैं। यहाँ की पहाड़ी रास्तों में आने वाले परेशानी से बचने के लिए ये लोग पर्यटकों की बहुत मदद करते हैं। यहां के लोग बहुत मिलनसार होते हैं। आपको मंदिर के आसपास बहुत से गरीब और भिक्षुक भी भिक्षा के लिए मिल जायेंगे।
गंगोत्री धाम का पहनावा (Traditional Dress of Gangotri Dham) –
गंगोत्री की महिलाएं घाघरा और आंगड़ी पहनती हैं। इसके अलावा यहां साड़ी भी पहनी जाती है। गंगोत्री में ठण्ड अधिक होने के कारण ऊनी कपड़ों को भी ज्यादा पहना जाता है। यहां के पुरुष चूड़ीदार पजामा और कुर्ता पहनते हैं। वहीं ठण्ड में इनके द्वारा टोपी भी पहनी जाती है।
गंगोत्री धाम में किए जाने वाले नृत्य (Dance of Gangotri Dham)
गंगोत्री धाम उत्तराखंड का एक विशेष हिस्सा है, जिस कारण उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक नृत्यों को गंगोत्री में भी बहुत उत्साह के साथ किया जाता है, जैसे –
झोड़ा नृत्य (Jhoda Dance) –
झोड़ा नृत्य को वसंत ऋतु आने पर किया जाता है। इस नृत्य को गंगोत्री के लोग एक गोला बनाकर करते हैं। इस नृत्य में लोगों की संख्या कितनी भी हो सकती है।
भोटिया नृत्य (Bhotiya Dance) –
उत्तराखंड में केवल ख़ुशी के समय ही नृत्य नहीं किया जाता, बल्कि यह दुःख को भी अपने नृत्य के जरिये दिखाते हैं। गंगोत्री धाम में यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उस समय भी नृत्य किया जाता है, जिसे भोटिया नृत्य कहते है।
छोलिया नृत्य (Chholiya Dance) –
छोलिया नृत्य तलवार के साथ किया जाने वाला नृत्य है। इस नृत्य को देखने पर ऐसा लगता है कि कोई योद्धा नृत्य कर रहा है।
मुखौटा नृत्य (Mask Dance) –
वैशाख आने पर इस नृत्य को बहुत उत्साह के साथ किया जाता है। लोग इस नृत्य में अपने मुंह पर मुखौटा लगाते हैं, इसलिए इसे मुखौटा नृत्य कहा जाता है।
गंगोत्री धाम का खाना (Gangotri Dham Food in Hindi) –
गंगोत्री धाम में आपको सभी जगहों पर शाकाहारी खाना मिलेगा, जिसका स्वाद आप कभी भी ले सकते हैं, जैसे –
बूस्टर – यह डिश न केवल अपने स्वाद के लिए बल्कि गंगोत्री में ऊर्जा वर्धक के रूप में भी जानी जाती है। इस डिश को रेडिश और आलू से बनाया जाता है। दोनों को उबाल कर मैश किया जाता है। इसके बाद इन्हें कुछ कच्चे मसालों जैसे लहसुन, जीरा और धनिया के साथ तला जाता है। कच्चे मसालों और लहसुन के स्वाद से मुंह में पानी आ जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यह डिश जीरो डिग्री तापमान में रक्त संचार को काफी बेहतर बनाती है।
फासू मिक्सचर – यह एक प्रकार का पैन केक है, जो कई दालों से मिलकर बनता है। इसे बनाने के लिए दालों को कम से कम चार से पांच घंटे तक गर्म पानी में भिगोया जाता है। यह डिश दो भागों में बनाई जाती है एक तो पैनकेक और दूसरा ग्रेवी, जिसे पैनकेक के साथ परोसा जाता है। यह सभी पर्यटकों के बीच बहुत फेमस है।
गंगोत्री धाम घूमने कब जाएं (Best Time to Go Gangotri Dham) –
गंगोत्री का ट्रिप प्लान करने से पहले वहां कब जाना अच्छा रहता है, इसके बारे में भी पता होना चाहिए। आपको बता दे कि गंगोत्री धाम जाने के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून तक और सितंबर से अक्टूबर तक का होता है। इस मौसम में यहाँ का वातावरण सामान्य रहता है, इसलिए घूमने में परेशानी नहीं आती है। बाकी मौसम में यहां पर ठंड ज्यादा होती है।
गंगोत्री धाम में घूमने की प्रसिद्ध जगह (Famous Places in Gangotri Dham) –
गंगोत्री धाम घूमने के लिए आपको यहाँ पर बहुत सारी जगहें मिल जाएँगी, जहाँ पर आप एक अच्छा समय बिता सकते हैं, जैसे –
1) मनेरी गंगोत्री (Maneri Gangotri) –
यह जगह भी पर्यटकों को बहुत पसंद आती है। मनेरी गंगोत्री एक खूबसूरत बांध है, जो कि तिलोथ में स्थित है। यहाँ के कैचमेंट एरिया में लोग मछली पकड़ने का भी मजा लेते हैं।
क्या है खास – यहां पर लोग पिकनिक का आनंद लेते हैं।
2) गंगोत्री मंदिर (Gangotri Temple) –
गंगोत्री धाम गंगोत्री मंदिर के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। यह मंदिर गंगा देवी को समर्पित है। यह 3100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। चार धाम यात्रा में यह मंदिर तीर्थ स्थलों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि देवी गंगा यहीं से प्रकट हुई थी।
मंदिर का समय – 4:00 AM से लेकर 2:00 PM तक और 3:00 PM से लेकर 9:00 PM तक
क्या है खास – यह खूबसूरत सफेद मंदिर है, जो देवदार, ग्रेटर और पाइंस हिमालयन पहाड़ियों से घिरा है।
3) जलमग्न शिवलिंग (Jalmagna Shivling) –
गंगोत्री धाम की घूमने वाली जगहों में यह मंदिर भी बहुत फेमस है। पानी में डूबा हुआ यह शिवलिंग यहाँ आकर्षण का केंद्र बना रहता है, जिसे देखने लाखों लोग आते रहते हैं। गर्मियों के समय यह शिवलिंग पानी में डूबा रहता है और सर्दियों के मौसम से पानी कम होने पर यह दिखाई देता है।
मंदिर का समय – 8 :00 AM से लेकर 6 :00 PM तक
क्या है खास – शिवलिंग का पानी में डूबे रहना इस मंदिर को खास बनाता है।
4) गोमुख तपोवन ट्रेक (Gomukh Tapovan Trek) –
गोमुख तपोवन ट्रेकिंग के लिए बहुत ही शानदार जगह है। इस ट्रेक में शंकु आकार के चीड़ के पेड़ खूबसूरत लगते हैं, जो ट्रेकिंग के आनंद को ओर बढ़ा देती है। गोमुख तपोवन में घास के मैदान, सुंदर फूल, नदियाँ और आसपास की हिमालय चोटियों को भी देखा जा सकता है।
क्या है खास – यहां की ऊँची चोटी पर जाकर आप ब्लू माउंटेन बकरियों के झुंडों को देख सकते है।
5) विश्वनाथ मंदिर (Vishwanath Temple) –
गंगोत्री का विश्वनाथ मंदिर भी एक प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर को परशुराम जी ने बनवाया था। वर्ष 1857 में महारानी खनेटी ने इस मंदिर की मरम्मत करवाई थी।
मंदिर का समय – 6:15 AM से लेकर 2:00 PM तक और 3:00 PM से लेकर 9:30 PM तक
क्या है खास – इस मंदिर में खास शिवलिंग है, जो कि 60 सेमी लंबा है और इसकी परिधि 90 सेमी है।
6) भैरों घाटी में भैरों नाथ मंदिर (Bhairavnath Temple in Bhairon Valley) –
गंगोत्री से लगभग 10 किमी नीचे की तरफ गंगा नदी, भागीरथी में मिलती है। उसी स्थान पर भैरो नाथ का मंदिर प्रसिद्ध है। पौराणिक कथा के मुताबिक भगवान शिव ने भैरवनाथ को क्षेत्र के रक्षक के रूप में चुना था, इसलिए कहा जाता है कि गंगोत्री मंदिर की यात्रा के बाद भैरों के मंदिर के दर्शन जरूर करना चाहिए।
मंदिर का समय – 06:00 AM से लेकर 8:00 PM तक
क्या है खास – भैरों घाटी से करीब 3 किमी आगे जान्हवी नदी पर बना पुल है, जो अपने आप में आकर्षक है।
7) केदार ताल (Kedartal) –
यह एक बहुत ही सुन्दर झील है, जिसका पानी बहुत साफ और पारदर्शी रहता है। ट्रेक के लिए लोग इस जगह पर आते हैं। लेकिन इस जगह पर आप केदार स्थानीय गाइड के साथ ही ट्रेक को पूरा कर सकते हैं। क्योंकि यह ट्रेक एक मुश्किल ट्रेक है, जो कि करीब 18 किमी का है।
क्या है खास – ट्रेकिंग के लिए यह शानदार जगह है।
8) जोगिन एडवांस्ड बेस कैंप (Jogin Advanced Base Camp) –
गंगोत्री में इस जगह का भी आनंद लिया जा सकता है। लोग इस कैंप पर भी घूमने आते है। यह 16,000 फीट की ऊंचाई पर है।
क्या है खास – यहाँ से ऊँची ऊँची पहाड़ियों का सुंदर नजारा दिखाई देता है।
9) भोजवासा गंगोत्री (Bhojbasa Gangotri) –
गंगोत्री धाम घूमते समय भोजवासा गंगोत्री भी घूमने के लिए बहुत सुन्दर जगह है। यह करीब 3,775 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। ट्रेकिंग के लिए भी यहाँ पर जाया जा सकता है।
क्या है खास – यहां पर ट्रेकिंग के लिए 14 किलोमीटर लंबी ट्रेक है, जो किसी रोमांच से कम नहीं है।
10) दयारा बुग्याल (Dayara Bugyal) –
यह एक मैदानी क्षेत्र है, जो कि समुद्र तल से करीब 3,048 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। दयारा बुग्याल के लिए केवल एक सड़क भटवारी गाँव से लेकर रैथल गाँव तक जुड़ती है। यहाँ से दयारा बुग्याल करीब 6 किमी दूर तक एक लंबा ट्रेक है।
क्या है खास – यहाँ पर शेषनाग मंदिर पर्यटकों को बहुत पसंद आता है।
गंगोत्री धाम में रुकने की जगह (Best Places to Stay in Gangotri –
गंगोत्री धाम में आप यदि रुकने की जगह सर्च कर रहें हैं तो आपको यहाँ पर कम बजट से लेकर हाई बजट तक के अच्छे होटल्स और रिजॉट मिल जायेंगे, जैसे –
- द वांडरर्स नेस्ट
- होटल गंगा पुत्र
- द देवद्वार रिसोर्ट
- होटल बत्सेरी सनग्ला
- गंगा निकेतन होटल
- जीएमवीएन ट्रैवलर्स लॉज
- होटल भागीरथी सदन आदि।
गंगोत्री की यात्रा कैसे करें (How to Reach Gangotri Dham) –
आप यदि गंगोत्री धाम पहुंचने के लिए ऑप्शन ढूंढ रहे हैं तो आपको इसके लिए कई साधन मिल जायेंगे, जो कि निम्नलिखित हैं –
ट्रेन से गंगोत्री धाम कैसे पहुंचे – आप ट्रेन से ट्रेवल करना चाहते हैं, तो आपके लिए सबसे नजदीक का रेलवे स्टेशन ऋषिकेश रहेगा। यहाँ से गंगोत्री धाम की दूरी केवल 250 किलोमीटर है। रेलवे स्टेशन से गंगोत्री के लिए आपको आसानी से बस या फिर टैक्सी मिल जाएगी। इसके अलावा आप हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर भी उतर सकते हैं। यहाँ से भी गंगोत्री धाम के लिए कई सुविधाएं मिल जाती हैं।
बस से गंगोत्री धाम कैसे पहुंचे – सड़क मार्ग से आप गंगोत्री के लिए ट्रैवेल करना चाहते हैं, तो आपको बता दें कि गंगोत्री सड़क मार्ग से भी अन्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आपको गंगोत्री धाम के लिए कई बसें मिल जाएंगी। इसके अलावा आप यदि निजी वाहन से जाना चाहते हैं तो भी आसानी से पहुंच सकते हैं।
हवाई जहाज से गंगोत्री धाम कैसे पहुंचे – गंगोत्री धाम ट्रैवेल करने के लिए सबसे नजदीक का हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है। यहाँ से गंगोत्री धाम की दूरी 115 किलोमीटर है। एयरपोर्ट से गंगोत्री पहुंचने के लिए आपको टैक्सी मिल जाएगी।
गंगोत्री धाम के लिए टूर पैकेज (Best Gangotri Dham Tour Packages) –
गंगोत्री यमनोत्री दो धाम टूर पैकेज –
2 x 3 Person | 4 x 6 Person | 7 to 10 Person | Above 12 Person |
लग्जरी | 45000 प्रति व्यक्ति | 40000 प्रति व्यक्ति | 35000 प्रति व्यक्ति |
डीलक्स | 40000 प्रति व्यक्ति | 35000 प्रति व्यक्ति | 32000 प्रति व्यक्ति |
शॉपिंग (Shopping) –
गंगोत्री धाम में शॉपिंग के लिए आपको छोटे-छोटे बाज़ार मिलेंगे। मंदिर के पास कई छोटी-छोटी दुकानें और स्टॉल हैं, जहां से आप धार्मिक वस्तुएं ले सकते हैं, जैसे – देवी-देवताओं की सुंदर मूर्तियां, पूजा की थाली इत्यादि। इसके अलावा आप हस्तशिल्प वस्तुएं भी यहां से खरीद सकते हैं।
FAQs –
Q. गंगोत्री में किस भगवान की पूजा होती है?
A.गंगोत्री में देवी गंगा की पूजा आरती की जाती है।
Q.गंगोत्री क्यों प्रसिद्ध है?
A.गंगोत्री गंगा नदी का उद्गम स्थान होने के कारण प्रसिद्ध है।
Q.क्या गंगोत्री एक हिल स्टेशन है?
A.जी हां, गंगोत्री एक हिल स्टेशन होने के साथ साथ धार्मिक स्थल भी है।
Q.गंगोत्री धाम को घूमने के लिए कितने दिन लगते है?
A.गंगोत्री धाम को घूमने के लिए लगभग 2 से 3 दिन लगते हैं।
Q. गंगोत्री में कौन सी नदी बहती है?
A.गंगोत्री में गंगा नदी बहती है।
निष्कर्ष (Conclusion) –
हमने आपको इस आर्टिकल में गंगोत्री धाम के बारे में पूरी जानकारी दी है। ताकि आप अपना ट्रिप प्लान करने से पहले गंगोत्री के बारे में अच्छे से जान लें। इसमें हमने आपको गंगोत्री का इतिहास, वहां की संस्कृति, रहन सहन, खान पान और वहां मनाये जाने वाले त्यौहारों के बारे में भी बताया है। गंगोत्री के नृत्य, पारंपरिक वेशभूषा, वहां जाने के लिए अच्छा समय यह भी बता दिया है।
इसके अलावा आप गंगोत्री में कहां कहां घूम सकते हैं और गंगोत्री घूमने के लिए बढ़िया टूर पैकेज कौन सा है, इसकी जानकारी भी दी है। उम्मीद करते हैं कि आपको गंगोत्री धाम से जुड़ी सारी जानकारी Helpful लगी होगी। यदि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो, तो आप इसे सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी शेयर करें,
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