धनौल्टी में घूमने वाले ये हैं 10 प्रमुख पर्यटन स्थल | Dhanaulti places to visit

History of Dhanaulti

उत्तराखंड की हसीन वादियों में अगर धनौल्टी का जिक्र न किया जाए, तो आप बहुत कुछ मिस कर सकते हैं। उत्तराखंड में मसूरी से मात्र 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बहुत ही सुंदर और मन को सुकून देने वाला हिल स्टेशन है धनौल्टी। देवदार के लंबे वृक्षों से सजी पहाड़ियां और खूबसूरत दृश्यों वाला छोटा सा  धनौल्टी पर्यटन का एक अच्छा केंद्र है।  धनौल्टी समुद्र तल से लगभग 2280 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। जहां आप प्रकृति की गोद में एकदम शांति का अनुभव करेंगे। 

अगर आप बर्फबारी का आनंद लेना चाहते हैं, तो सर्दियों के मौसम में धनौल्टी आपकी यह इच्छा भी पूरी करेगा। धनौल्टी के बारे में पूरी जानकारी के लिए इस ब्लॉग को पूरा पढ़े। 

धनौल्टी को अच्छे से जानने के लिए पहले जानते हैं इसके इतिहास को।

धनौल्टी का आकर्षक इतिहास (History of Dhanaulti)

History of Dhanaulti
History of Dhanaulti: Image sources

17 वीं शताब्दी में राजा सुदर्शन शाह द्वारा टिहरी गढ़वाल नगर की स्थापना की गई थी, जिनके वंश ने यहां 1949 तक शासन किया। धनौल्टी के इतिहास के अनुसार, भारत की आजादी से पहले धनौल्टी टिहरी गढ़वाल क्षेत्र में एक रियासत थी। 1815 से 1949 तक राजा सुदर्शन शाह ने टिहरी को अपनी राजधानी बनाया और इस पर शासन किया।

इस क्षेत्र के लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लिया और भारत छोड़ो आंदोलन का हिस्सा भी बनें। लोगों ने टिहरी रियासत के राजा के शासन के खिलाफ विद्रोह भी किया। विद्रोह के बाद वे महाराजा से आजादी पाने में सफल रहे और बाद में इस जिले को भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में मिला दिया गया। वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश के विभाजन के बाद, टिहरी गढ़वाल जिला उत्तराखंड के नये राज्य का हिस्सा बन गया।

धनौल्टी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें (Some Important Points About Dhanaulti)

जिले का नामधनौल्टी
राज्य का नामउत्तराखंड
कुल जनसंख्यातकरीबन 74,083
बोली जाने वाली भाषाएंहिन्दी, गढ़वाली
किस लिए फेमस हैखूबसूरत वादियों और सुन्दर ऊँचे ऊँचे पेड़ों के लिए

धनौल्टी की संस्कृति (Culture of Dhanaulti in Hindi)

धनौल्टी शहर की आबादी बहुत कम है, इसलिए यहाँ पर कला, संगीत और हस्तशिल्प को बहुत ही कम बढ़ावा मिलता है। हालाँकि अब उत्तराखंड सरकार, स्थानीय लोगों और पर्यटन उद्योग की मदद से हस्तशिल्प, कला और लोक संगीत धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रहे हैं। हाथ से बुने हुए ऊनी कपड़े भी इस क्षेत्र में लोकप्रिय हैं। 

यहाँ पर ज्यादातर निवासी हिंदू हैं, इसलिए ज्यादा लोकप्रिय हिंदू त्यौहार धनौल्टी में मनाये जाते हैं। धनौल्टी में कई आलू के खेत हैं, जो न केवल शहर की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में मदद करते हैं, बल्कि पसंदीदा पर्यटन स्थलों में से एक है।

धनौल्टी में मनाये जाने वाले त्यौहार (Festivals of Dhanaulti in Hindi)

बद्री केदार महोत्सव (Badri Kedar Festival) –

यह त्यौहार धनौल्टी का लोकप्रिय त्योहार है, जो जून में केदारनाथ में मनाया जाता है। 8 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में हज़ारों लोग और साथ ही हर जगह से कलाकार शामिल होते हैं।

बसंत पंचमी (Basant Panchami) –

बसंत पंचमी हमेशा साल जनवरी और फरवरी के बीच मनाई जाती है। इस त्यौहार पर लोग देवी सरस्वती की पूजा करते हैं। इस दिन पीले कपड़े पहनते हैं।

महा शिवरात्रि (Maha Shivaratri) –

महा शिवरात्रि हिंदुओं में मनाया जाने वाला पवित्र त्यौहार है। इसे पद्मराज रात्रि के नाम से भी जाना जाता है। 

गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) –

गंगा दशहरा उत्तराखंड के हर क्षेत्र में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। गंगा नदी के तट पर विशाल गंगा आरती की जाती है, जिसमें हजारों की संख्या में लोग आते हैं। 

इसके अलावा मकर संक्रांति, दीपावली, होली जैसे त्योहारों को भी यहां मनाया जाता है।  

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धनौल्टी का रहन सहन (Lifestyle of Dhanaulti in Hindi)

धनौल्टी में ज्यादातर गढ़वाली लोग रहते हैं। इस शहर की आबादी केवल 346 है। ये लोग बहुत ही साधारण जीवनशैली जीते हैं और स्वभाव से बहुत ही सरल होते हैं। यह शहर बहुत आधुनिक या व्यावसायिक नहीं है। 

यहाँ के लोग पर्यटकों का दिल से स्वागत करते हैं और उनका व्यवहार बहुत ही दोस्ताना है। इनमें से ज्यादातर लोग कृषि और पर्यटन उद्योग से जुड़े हैं। स्थानीय लोग प्रकृति को बचाने में बहुत माहिर होते हैं, जिसके चलते उत्तराखंड के वन विभाग को इको पार्क स्थापित करने में मदद भी मिली है। 

धनौल्टी की पारंपरिक वेशभूषा (Traditional Costumes of Dhanaulti in Hindi)

इस गढ़वाल क्षेत्र में महिलाएं एक खास तरीके से साड़ी को पहनती हैं, जो देखने में बहुत आकर्षक लगती है। इसमें साड़ी का पल्लू आगे की तरफ रहता है और कपड़े से बना कमरबंद होता है। इस तरह से साड़ी पहनने से महिलाओं को काम करने में परेशानी नहीं होती है। साथ ही पहाड़ी जगहों में चढ़ने उतरने में भी दिक्कत नहीं होती। इसके साथ ही महिलाएं सिर पर दुपट्टा भी बांधती हैं। 

गढ़वाली पुरुष ज्यादातर कुर्ता और पायजामा पहनते हैं। यह यहाँ की बहुत आम पोशाक है। साथ ही वह सिर पर टोपी भी लगाते हैं। 

धनौल्टी का नृत्य (Dance of Dhanaulti in Hindi)

छोलिया नृत्य (Chholiya Dance) – यह यहां का लोकप्रिय नृत्य है। इसमें महिलाएं भाग नही लेती। सिर्फ पुरुष ही इस नृत्य को करते हैं, क्योंकि इसे योद्धाओं का नृत्य भी कहा जाता है। यह नृत्य एक हज़ार साल से भी ज़्यादा पुराना है। यह नृत्य ख़ास तौर पर उत्तराखंड के कुमाऊं जिले का है। 

छपेली नृत्य (Chhapeli Dance) –

इस नृत्य को महिलाओं और पुरुष द्वारा जोड़ों में किया जाता है। संगीत के लिए हुरका, मंजीरा और बांसुरी बजाये जाते हैं। यह नृत्य प्रेम और रोमांस का प्रतीक है।

जागर नृत्य (Jagar Dance) – इस नृत्य को भगवान की आवाज़ के रूप में किया जाता है। इस नृत्य के जरिये कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्र की जनजातियाँ न्याय पाने के लिए स्थानीय देवी-देवताओं की पूजा करती हैं।

बरदा नाटी नृत्य (Barda Nati Dance) – बरदा नाटी लोक नृत्य सबसे खूबसूरत नृत्यों में से एक है। यह खूबसूरत नृत्य किसी धार्मिक त्योहार पर किया जाता है। इस नृत्य को पुरुष और महिला दोनों एक साथ करते हैं। इस लोकप्रिय नृत्य का ड्रेस कोड रंग-बिरंगी पारंपरिक पोशाक है।

लंगवीर नृत्य (Langveer Nritya) – यह नृत्य राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में प्रसिद्ध है। इसे सिर्फ पुरुष ही करते हैं। नृत्य के दौरान, एक लंबा बांस का खंभा लगाया जाता है। पुरुष नर्तक इस खंभे के सबसे ऊपर चढ़ता है और फिर अपने पेट पर संतुलन बनाए रखता है।

खंभे के नीचे, एक बैंड ‘ढोल’ और ‘दमाना’ की मदद से संगीत तैयार करता है, और नर्तक डंडे के सबसे ऊपर की ओर घूमता है। 

धनौल्टी का खानपान (Dhanaulti Food in Hindi)

धनौल्टी में जा रहे हैं तो इन फ़ूड को जरूर चखना चाहिए, जैसे –  

कफुली (सब्जी) – यह हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक या मेथी के पत्तों से बना एक गाढ़ा ग्रेवी डिश होता है, जिसे मसालों द्वारा तैयार किया जाता है। 

आलू के गुटके (सब्जी) – यह उबले हुए आलू से बना एक मसालेदार डिश है, जिसमें स्थानीय मसाले जैसे धनिया पत्ती, जख्या और सरसों का तेल मिलाया जाता है।

गहत की दाल (सब्जी) – यह स्थानीय किस्म की राजमा से बनी एक स्वादिष्ट दाल है, जिसे गहत के नाम से जाना जाता है। इसे मसालेदार बनाया जाता है और चावल के साथ परोसा जाता है।

फानू (सब्जी) – भीगी हुई दाल को पीसकर पेस्ट बनाकर करी के रूप में पकाया जाता है। फानू प्रोटीन से भरपूर व्यंजन है।

सिंगोरी (मिठाई) – सिंगोरी खोया और नारियल से बनी एक शंकु के आकार की मिठाई है, जो मालू के पत्ते में लिपटी होती है। 

इसके अलावा आप यहां झंगोरा की खीर, चैनसू, बाल मिठाई जैसे खाने का भी टेस्ट ले सकते हैं। 

धनौल्टी घूमने जाने का सही समय (Best Time to Visit Dhanaulti in Hindi)

धनौल्टी घूमने के लिए यदि आप अच्छा मौसम खोज रहे हैं, तो आपको बता दें कि मार्च से जून का समय यहाँ घूमने के लिए सबसे अच्छा होता है। इस मौसम में यहाँ का वातावरण खुशनुमा रहता है। इस मौसम में 7-30 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान रहता है। 

धनौल्टी में घूमने लायक जगह (Dhanaulti places to visit)

धनौल्टी पहुंचने के बाद आपको यहाँ पर घूमने के लिए कई आकर्षक जगहें मिल जाएँगी, जहां पर आप अपना अच्छा समय बिता सकते हैं जैसे –

1 इको पार्क (Echo Park) –

धनौल्टी में पर्यटन के लिहाज से वन विभाग और स्थानीय नागरिकों की मदद से यहाँ पर 2 इको पार्क बनाये गए हैं। इनके नाम अंबर और धरा है। ये दोनो ईको पार्क पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। देवदार और ओक के लंबे लंबे पेड़ और मखमली हरियाली आंखो को ठंडक और मन को शांति देती है। कई एकड़ में फैले ये पार्क आपको प्रकृति के पास होने अहसास कराते हैं। 

2 धनौल्टी एडवेंचर पार्क (Dhanaulti Adventure Park)

ऊंची पहाड़ियों और नीले आसमान के बीच रोमांच से भरपूर आधुनिक एडवेंचर गतिविधियों का लुफ्त उठाने के लिए धनौल्टी का यह एडवेंचर पार्क एक अच्छी जगह है। यहां पर तमाम एडवेंचर एक्टिविटीज उपलब्ध हैं, जिसमे फ्लाइंग बॉक्स, ट्रैकिंग, हैकिंग, पंजी जंपिंग जैसे एडवेंचर्स मौजूद हैं। 

3 आलू खेत (Potato Farm)

यह धनौल्टी का एक यूनिक पर्यटन केंद्र है। पहाड़ी क्षेत्रों में पहाड़ों पर किसानों द्वारा सीढ़ी नुमा खेत बनाकर खेती की जाती है। ये खेत देखने में बहुत सुंदर होते हैं और इनमे घूमने का अपना ही आनंद है। यहाँ के किसानों से बातें करके खेती के बारे में जानने और रीति-रिवाजों के साथ ही, आम जन जीवन को भी बहुत ही करीब से देखने का मौका मिलता है। 

4 सुरकंडा देवी मंदिर (Surkanda Devi Temple)

समुद्र तल से 10000 फीट की उंचाई पर स्थित यह मंदिर 52 शक्ति पीठों में शामिल है। यह मंदिर धनौल्टी से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर है। हरियाली से ढकी हुई पहाड़ी पर इस मंदिर का अनोखा संगम देखने को मिलता है। 

पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान शिव माता सती के शव को लेकर दुखी थे, तो भगवान विष्णु ने इस दुःख को दूर करने के लिए माता सती के शरीर को 52 हिस्सो में बांट दिया था। माता सती के शरीर के हिस्से जहां गिरे, वहां पर शक्ति पीठों की स्थापना हुई। 

मान्यता है कि इस स्थान पर माता सती का सिर गिरा था। इसी कारण इसका नाम सुरकंडा या सरकंडा देवी है। इस मंदिर का निर्माण चोल वंशीय राजा ने किया था। सुरकंडा देवी मंदिर चेतना और दिव्यता का परमधाम है।

5 दशावतार मंदिर (Dashavtara Temple)

भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर काफी प्राचीन है, इसका निर्माण गुप्त वंश के राजा ने करवाया था। ऊंची चबूतरे के ठीक ऊपर सीढ़ीदार तहखाने में खूबसूरती से नक्काशीदार पैनल लगे हुए हैं।

6 एप्पल ऑर्चर्ड रिसोर्ट (Apple Orchard Resort) –

यह रिसोर्ट अपने ताजे फलों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पर आपको अलग किस्म के सेब देखने को मिलेंगे। यहां पर सेबों की खेती होती है। साथ ही इन्हे बेचा भी जाता है। जब भी आप यहाँ पर घूमने जाएँ, तो सनबेरी और गोल्डन डिलीशियस सेबों का स्वाद जरूर लें। 

7 शिविर थंगधर (Camp Thangadhar) –

यह धनौल्टी में मुख्य बाजार से करीब 14 किमी की दूरी पर स्थित है। जो कि लगभग 8300 फीट की ऊँचाई पर है। यह शिविर पर्यटन स्थल के खूबसूरत जगहों में से एक है। यहाँ पर आप स्नो कैंपिंग, रॉक क्लाइम्बिंग और माउंटेन बाइकिंग का भी मजा ले सकते हैं। 

8 देवगढ़ किला (Devgarh Fort) –

अगर आप धनौल्टी में घूमने के लिए जगहें तलाश रहे हैं, तो 16वीं सदी के इस विशाल किले को जरूर देखें। यहां की नक्काशी आपका मन मोह लेगी। इस जगह पर कई जैन मंदिर भी हैं, जो धनौल्टी के खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक हैं। 

9 टिहरी डैम (Tehri Dam ) –

अगर आप एक दिन में धनौल्टी में घूमने की जगहें तलाश रहे हैं, तो आप आसानी से टिहरी डैम को कवर कर सकते हैं। हरे-भरे बगीचे और पहाड़ियों के सुंदर नज़ारे आपको यहाँ देखने को मिलेंगे। इस डैम में भरपूर हरियाली है, जो पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए पिकनिक मनाने की एकदम सही जगह है। धनौल्टी से थोड़ी दूर पहाड़ियों के बीच में स्थित यह जगह पानी के साथ आनंद लेने के लिए एक बेहतरीन जगह है। 

10 चंदेरी टाउन (Chanderi Town) –

यहाँ आपको राजपूत और सल्तनत की शानदार वास्तुकला देखने को मिलेगी। यह पर्यटन स्थल मुगल काल की भव्यता की याद दिलाता है। यहां के आकर्षण का केंद्र बादल महल, विजय आर्क और कोशक महल हैं। 

धनौल्टी में रुकने की जगह (Where To Stay In Dhanaulti)

धनौल्टी में रुकने के लिए आपको कई ऑप्शन मिल जायेंगे, जैसे आप यहाँ पर होटल्स में रुक सकते हैं, तो आपको आपके बजट के अनुसार मिल जायेंगे। इसके अलावा यहाँ पर लोगों के अपने घरों में भी पर्यटकों के रुकने की व्यवस्था की गई है, इसलिए आप ये ऑप्शन भी ले सकते हैं। साथ ही कैंप बनाकर भी इस जगह का मजा लिया जा सकता है।  

धनौल्टी कैसे जाएं (How to Reach Dhanaulti)

धनौल्टी के सबसे नजदीक हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन दोनों ही देहरादून में है। देहरादून से धनौल्टी की सड़क मार्ग से दूरी लगभग 60 किलोमीटर है। देहरादून से धनौल्टी के लिए आसानी से कैब या टैक्सी उपलब्ध हो जाती है। 

वैसे मसूरी की भी कनेक्टिविटी भारत के प्रमुख शहरों से है और मसूरी से भी कैब या टैक्सी के माध्यम से धनौल्टी आसानी से पहुंचा जा सकता है। ट्रेन से जाने के लिए आपको देहरादून रेलवे स्टेशन उतरना होगा। यहाँ से धनौल्टी के लिए कई साधन मिल जाते हैं। 

धनौल्टी के लिए टूर पैकेज (Best Dhanaulti Tour Packages)

Destinations: देहरादून-धनौल्टी-टिहरी बांध 

दिन – 05 रातें / 06 दिन

पैकेज  – 18,500/- प्रति व्यक्ति 

शॉपिंग (Shopping)

धनौल्टी एक अच्छा शॉपिंग सेंटर है, जहाँ आप हाथ से बने शॉल, ऊन, स्टोल, एरी सिल्क और पश्मीना खरीद सकते हैं। हाथ से बनी चीजें भी यहाँ पर बहुत मिलती हैं, जिसकी आप शॉपिंग कर सकते हैं। 

FAQs

Q.धनौल्टी क्यों प्रसिद्ध है?

A.धनौल्टी देवदार, ओक और रोडोडेंड्रोन के खूबसूरत पेड़ों के लिए प्रसिद्ध है। 

Q.धनौल्टी से क्या खरीद सकते हैं?

A.हाथ से बुने हुए शॉल, स्कार्फ और पश्मीना खरीद सकते हैं।

Q.धनौल्टी घूमने के लिए कितने दिन लगते हैं। 

A.धनौल्टी घूमने के लिए दो से तीन दिन काफी हैं। 

Q.धनौल्टी में बर्फबारी कब होती है?

 A.जनवरी से लेकर फरवरी महीने में यहां भारी बर्फबारी होती है। 

निष्कर्ष (Conclusion)

इस आर्टिकल के जरिये आपको धनौल्टी के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी मिल गयी होगी। हमने इस आर्टिकल में आपको धनौल्टी के इतिहास, संस्कृति, रहन सहन, नृत्य, पारंपरिक वेशभूषा के बारे में अच्छे से बताया है। इसके अलावा आपको इस मौसम में वहां जाना चाहिए और कौन कौन सी जगहे घूमना चाहिए इसके बारे में भी बता दिया है। 

आप आर्टिकल में दिए गए टूर पैकेज के अनुसार अपने ट्रिप को अच्छे से प्लान कर सकते हैं। यदि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आया हो, तो आप इसे सोशल मीडिया पर भी शेयर करें, Thanks!

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