हिंदू धर्म के लोगों के लिए चार धाम की यात्रा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। कहा जाता है कि जो कोई भी चार धाम की यात्रा कर लेता है, उसका जीवन सफल हो जाता है। हिंदुओं के चार धाम द्वारका, बद्रीनाथ, पुरी और रामेश्वरम है। हर साल लाखों श्रद्धालु चार धाम की यात्रा करते हैं। चारों धाम में से सबसे ज्यादा प्रसिद्ध बद्रीनाथ है।
बद्रीनाथ उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। यहां पर दूर दूर से श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। हर हिंदू को जीवन में एक बार चार धाम की यात्रा तो जरूर करनी चाहिए। इस आर्टिकल के माध्यम से आज हम आपको बद्रीनाथ में घूमने की प्रसिद्ध जगह के बारे में जानकारी देने वाले हैं। इसके अलावा आप यह भी जानेंगे कि बद्रीनाथ का इतिहास क्या है, बद्रीनाथ कैसे जाएं, बद्रीनाथ जाने का सही समय क्या है, बद्रीनाथ में कहां पर रुक सकते हैं, कम पैसे में बद्रीनाथ कैसे घूमें, बद्रीनाथ का फेमस फूड कौन सा है इत्यादि।
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बद्रीनाथ घूमने के बारे में सारी जानकारी – Badrinath Traveling Details in Hindi
जगह का नाम | बद्रीनाथ |
राज्य का नाम | उत्तराखंड |
ऊंचाई | 9200 फीट |
किस लिए प्रसिद्ध है | धार्मिक स्थल के कारण प्रसिद्ध है |
घूमने का सही समय | सितंबर और अक्टूबर |
कैसे पहुंचे | बस, ट्रेन और हवाई जहाज सभी रास्ते हैं |
बद्रीनाथ का इतिहास – History of Badrinath in Hindi
जिस प्रकार हर धार्मिक स्थल के पीछे का कोई ना कोई इतिहास होता है, बद्रीनाथ का भी एक महत्वपूर्ण इतिहास रहा है। बद्रीनाथ के इतिहास के पीछे कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। कहा जाता है कि बद्रीनाथ का नाम बद्री शब्द से बना है। एक बार भगवान विष्णु बद्रीनाथ के जंगलों में तपस्या करने के लिए बैठे थे। बहुत ज्यादा धूप हो रही थी। इसलिए माता लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को धूप से बचाने के लिए बेरी के वृक्ष का रूप धारण कर लिया था। तभी से इस स्थान को बद्रीनाथ के रूप में जाना जाता है।
बद्रीनाथ के बारे में यह भी कहा जाता है कि इसका इतिहास काफी प्राचीन है। कई पौराणिक कथाओं में बद्रीनाथ का जिक्र मिलता है। यह सिर्फ भगवान विष्णु का ही घर नहीं है, यहां पर अनेक साधु, संत, ऋषि, मुनि और देवता भी रहते थे। कश्यप, कपिल मुनि और अन्य कई संतों के द्वारा बद्रीनाथ में तपस्या की गई थी।
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बद्रीनाथ में क्या खास है – Why Badrinath is Most Famous
वैसे तो बद्रीनाथ में दर्शन करने के लिए एक से एक धार्मिक स्थल हैं। लेकिन सबसे अधिक फेमस बद्रीनाथ मंदिर है। बद्रीनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए हर वर्ष लाखों श्रद्धालु भारत से ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी आते हैं। बद्रीनाथ मंदिर में काफी ज्यादा ठंड होती है। क्योंकि यह मंदिर काफी ऊंचाई पर स्थित है। इसलिए सालभर में सिर्फ 6 महीने के लिए ही इस मंदिर को भक्तों के लिए खोला जाता है।
बद्रीनाथ मंदिर की खास बात यह है कि जब इस मंदिर के कपाट को 6 महीने के लिए बंद किया जाता है, तो फिर से कपाट खोलने के बाद भी अखंड ज्योती ऐसे ही जलती रहती है। बद्रीनाथ में बद्रीनाथ मंदिर के अलावा कई धार्मिक स्थल और भव्य मंदिर हैं, जहां दर्शन करने के लिए श्रद्धालु आते हैं।
बद्रीनाथ में घूमने की प्रसिद्ध जगह – Famous Places in Badrinath
बद्रीनाथ में घूमने के लिए काफी सारी जगह है। लेकिन हम आपको कुछ Famous Tourist Places के बारे में जानकारी दे रहे हैं। अगर आप बद्रीनाथ जाने का प्लान बना रहे हैं, तो इन सभी जगहों पर घूमने जरूर जाएं –
(1) बद्रीनाथ मंदिर (Badrinath Temple) –
अलकनंदा नदी के किनारे स्थित बद्रीनाथ मंदिर चार धाम में से एक है। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु बद्रीनाथ में माथा टेकने के लिए आते हैं। बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु जी को समर्पित है। बद्रीनाथ में भगवान विष्णु जी की मूर्ति शालिग्राम शीला से बनी हुई है।
बद्रीनाथ मंदिर भारत के उन 108 मंदिरों में गिना जाता है, जिनको दिव्या देशम कहा जाता है। हिंदू धर्म के लोगों के लिए बद्रीनाथ मंदिर के दर्शन करना चार धाम की यात्रा का अंतिम हिस्सा माना जाता है। कहा जाता है कि बद्रीनाथ की यात्रा के बिना चार धाम की यात्रा पूरी नहीं होती।
बद्रीनाथ मंदिर के परिसर में लक्ष्मी जी, हनुमान जी, नारायण और अन्य भगवान की प्रतिमा भी स्थापित की गई है। बद्रीनाथ मंदिर में भक्तों के लिए मिश्री, गरी का गोला, तुलसी की माला और चने की कच्ची दाल को प्रसाद के रूप में दिया जाता है।
अगर आप बद्रीनाथ जा रहे हैं, तो सबसे पहले बद्रीनाथ मंदिर के दर्शन जरूर करें। लेकिन दर्शन करने से पहले समय भी जरूर जान लें। मंदिर के कपाट रोजाना 4:30 बजे खुल जाते हैं और 11:30 तक भक्तों को दर्शन करने का मौका दिया जाता है। इसके बाद शाम 3:00 बजे से रात 9:00 बजे तक आप दर्शन कर सकते हैं।
(2) वसुधारा जलप्रपात (Vasudhara Falls) –
बद्रीनाथ मंदिर के अलावा बद्रीनाथ में वसुधारा जलप्रपात भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। यह बद्रीनाथ से लगभग 8.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। माणा गांव से यह झरना लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है। यह कोई आम झरना नहीं है। इस झरने के पीछे कहानी छिपी हुई है। कहा जाता है कि यहां पर जो कोई भी इस झरने के पानी में नहा लेता है, उसे त्वचा संबंधी रोगों से छुटकारा मिल जाता है।
इस झरने के पानी में औषधीय गुण भी पाए जाते हैं, जो कई बीमारियों को जड़ से खत्म कर सकते हैं। इस झरने में लगभग 145 मीटर की ऊंचाई से पानी जमीन पर गिरता है। पानी का रंग एकदम ऐसा लगता है कि मानो यह पानी नहीं, बल्कि दूध है। अगर आप बद्रीनाथ जा रहे हैं, तो यहां जाना बिल्कुल भी ना भूलें।
(3) तप्त कुंड (Tapta Kund) –
बद्रीनाथ की तलहटी में मौजूद तप्त कुंड भगवान अग्नि का निवास स्थल है। जो भी श्रद्धालु बद्रीनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए जाता है, वह पहले इस कुंड में नहाता है।
इस कुंड का तापमान लगभग 45 डिग्री रहता है। कहा जाता है कि जो कोई भी श्रद्धालु इस कुंड में स्नान करता है, उनके शारीरिक दोष दूर हो जाते हैं। शरीर पवित्र हो जाता है। इस कुंड के नीचे एक अन्य कुंड भी है, जिसका नाम नारद कुंड है। इस कुंड के पास पांच बड़ी-बड़ी चट्टाने भी स्थित हैं।
(4) चरण पादुका (Charan Paduka) –
बद्रीनाथ मंदिर से 3 किलोमीटर की दूरी पर नर नारायण पर्वत पर चरण पादुका स्थित है। इसके दर्शन करने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं। यह शिलाखंड पैरों के आकार का बना हुआ है। इसलिए इसे चरण पादुका के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि इन शिला खंड पर भगवान विष्णु के चरणों के निशान बने हुए हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान विष्णु वैकुंठ से उतरे थे, तो सबसे पहले उन्होंने इन्ही शिला खंड पर अपने चरण रखे थे। तभी उनके पैरों के निशान इस शिलाखंड पर मौजूद हैं। बद्रीनाथ से आप ट्रेकिंग के जरिए लगभग 2 घंटे में चरण पादुका शिलाखंड तक पहुंच सकते हैं।
(5) ब्रह्म कपाल (Brahma Kapal) –
ब्रह्मा कपाल एक पवित्र घाट माना जाता है। कहा जाता है कि इस घाट पर पूजा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और घर में सुख शांति आती है। यही कारण है, जब हर वर्ष बद्रीनाथ के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु आते हैं, तो ब्रह्मा कपाल के दर्शन करना नहीं भूलते। यहां पर आकर वो विधि विधान से पूजा करते हैं, ताकि उनके पितरों को शांति मिल सके और उनके जीवन में सुख शांति बनी रहे।
(6) नीलकंठ चोटी (Neelkanth Choti) –
अगर आपको ट्रेकिंग करना पसंद है, तो आप जब बद्रीनाथ जाएं तो नीलकंठ की चोटी पर जरूर जाएं। नीलकंठ की चोटी पर चढ़ाई करके आपको काफी ज्यादा अच्छा महसूस होगा। यहां पर आकर आप हिमालय के अद्भुत दृश्य देख सकते हैं। जिन लोगों को ट्रेकिंग करना अच्छा लगता है, वो लोग बद्रीनाथ की ट्रिप पर इस जगह को जरूर शामिल करते हैं।
(7) व्यास गुफा (Vyasa Cave) –
महाकाव्य महाभारत की रचना से जुड़ी व्यास गुफा काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। पौराणिक कथा के अनुसार ऋषि व्यास ने भगवान गणेश की मदद से महाकाव्य महाभारत की रचना यहीं पर की थी। यह गुफा बद्रीनाथ मंदिर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
अगर आपने एक बार इस गुफा के दर्शन कर लिए, तो आपके मन में हमेशा के लिए इस गुफा की छाप छप जाएगी। क्योंकि आपको यहां पर काफी अद्भुत दृश्य देखने को मिल जायेंगे। बद्रीनाथ से ट्रेकिंग करने के बाद आप यहां पर पहुंच सकते हैं।
(8) जोशीमठ (Joshimath) –
बद्रीनाथ से 42 किलोमीटर की दूरी पर जोशीमठ नगर स्थित है। जोशीमठ में चारों तरफ हरियाली ही हरियाली फैली हुई है। आपको यहां पर आकर शांत वातावरण में एक अलग ही अनुभव प्राप्त होगा। अगर आप बद्रीनाथ जा रहे हैं, तो दर्शन करने के बाद जोशीमठ में भी जरूर जाएं।
(9) पंचधारा (Panchdhara) –
बद्रीनाथ धाम से लगभग 1.5 किलोमीटर की दूरी पर पांचधारा स्थित है। यह पांच जल धाराओं का एक समूह है, जो काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं। अगर आप बद्रीनाथ जा रहे हैं, तो यहां पर भी जरूर घूमने जाएं।
(10) सरस्वती नदी (Saraswati River) –
बद्रीनाथ धाम में एक काफी सुंदर गांव है, जिसका नाम माणा गांव है। इस गांव से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर एक ग्लेशियर से सरस्वती नदी बहती है। व्यास गुफा से होते हुए सरस्वती नदी केशव प्रयाग में अलकनंदा में खो जाती है। आगे जाकर इलाहाबाद में गंगा, यमुना और सरस्वती नदी का संगम हो जाता है। यह नदी देखने में काफी खूबसूरत है।
(11) भीम पुल (Bheem Pul) –
बद्रीनाथ के आसपास घूमने की प्रसिद्ध जगहों में से एक भीम पुल भी है। यह माणा गांव से लगभग कुछ किलोमीटर की दूरी पर ही बना है। जब आप माणा गांव जाएंगे, तो माणा गांव से होते हुए रास्ता भी पुल की तरफ जाएगा। सरस्वती नदी और अलकंडा नदी का संगम भी यहीं देखने को मिलता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक बार द्रोपती पांडवों के साथ जा रही थी, तो वह इस नदी को पार नहीं कर पा रही थी। इस वजह से भीम ने बड़ी चट्टान के जरिए यहां पर एक पुल का निर्माण किया था, जिसे पूरी दुनिया आज भीम पुल के नाम से जानती है। इस पुल को देखने के लिए दूर-दूर से यहां पर श्रद्धालु आते हैं।
(12) माणा गांव (Mana Village) –
बद्रीनाथ की प्रसिद्ध जगहों में से एक माणा गांव भी है। दरअसल यह गांव भारत का पहला गांव है। साल 2022 तक इसे भारत का अंतिम गांव माना जाता था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा इसे भारत का पहला गांव घोषित किया जा चुका है।
इस गांव की खासियत यह है कि यह गांव काफी ज्यादा साफ सुथरा है और यह तिब्बत चीन की सीमा पर स्थित है। इस गांव में देश की पहली चाय की दुकान भी बनी हुई है। इस गांव में आकर आपको काफी अच्छा लगेगा। क्योंकि यहां चारों तरफ हरियाली ही हरियाली है। साथ ही गांव के घरों के बाहर सुंदर पेंटिंग देखने के बाद आपको अच्छी फीलिंग आयेगी। जो कोई भी बद्रीनाथ में घूमने के लिए आता है, वह इस गांव में जरूर जाता है।
(13) नारद कुंडी (Narad Kundi) –
बद्रीनाथ में नारद कुंडी भी एक स्थल है, जो घूमने लायक है। यह वही स्थान है, जहां पर नारद ऋषि ने नारद भक्ति सूत्र की किताब लिखी थी। इस कुंड की खास बात यह है कि यहां से गर्म पानी निकलता है। इसलिए हर श्रद्धालु यहां पर घूमने के लिए जरूर जाता है।
बद्रीनाथ का प्रसिद्ध भोजन – Famous Food of Badrinath
बद्रीनाथ उत्तराखंड में स्थित है, इसलिए यहां पर गढ़वाली भोजन अधिक चलता है। बद्रीनाथ में मोटी दाल को भी काफी ज्यादा खाया जाता है। चलिए हम आपको बद्रीनाथ के प्रसिद्ध खानों के बारे में बता देते हैं –
- फाना/फानू
- थेचवानी
- काफुली
- चैनसू/चांसू
- बड़ी
बद्रीनाथ घूमने में कितना खर्चा आएगा – Badrinath Traveling Expenses
बद्रीनाथ में मुख्य रूप से श्रद्धालु बद्रीनाथ मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं। इसलिए साल के 6 महीने बद्रीनाथ में काफी ज्यादा भीड़ रहती है। अगर आप बद्रीनाथ घूमने जाना चाहते हैं, तो प्रति व्यक्ति ₹3000 से लेकर ₹4000 तक खर्च हो सकता है।
बद्रीनाथ में काफी सारे धाम हैं। इसके अलावा कई प्रसिद्ध मंदिर भी बने हुए हैं। अगर आप बद्रीनाथ में स्थित सभी धाम, मंदिर और पर्यटक स्थल घूमने के लिए जाएंगे, तो आपका अलग-अलग खर्चा आएगा। इसलिए अगर आप बद्रीनाथ जा रहे हैं, तो प्रति व्यक्ति ₹10000 भी आपका खर्चा आ सकता है। बद्रीनाथ में जाकर आप क्या खरीदारी करते हैं या फिर कहां पर रहते हैं, इसके हिसाब से भी आपका कुल खर्चा होगा।
बद्रीनाथ घूमने का सही समय क्या है – Right Time to Visit Badrinath
अगर आप Badrinath Trip Plan कर रहे हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि सितंबर और अक्टूबर के महीने में आप बद्रीनाथ घूमने के लिए जाएं। बद्रीनाथ में पूरे साल काफी ज्यादा ठंडा रहता है। बर्फबारी के कारण यहां पर आपको सोच समझ कर जाना चाहिए। कहीं ऐसा ना हो कि आप उस महीने यहां पर पहुंच जाएं, जब बर्फबारी के कारण रास्ते भी बंद हो जाते हैं। इसीलिए सितंबर और अक्टूबर में ही आप बद्रीनाथ टूर पर जाएं।
ऐसा इसलिए क्योंकि यहां मुख्य रूप से श्रद्धालु बद्रीनाथ मंदिर के दर्शन करने के लिए जाते हैं। बद्रीनाथ मंदिर 1 साल में 6 महीने के लिए खोला जाता है। साल 2024 में 14 मई 2024 को बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खोले जाएंगे।
लगभग सितंबर अक्टूबर के बाद तक कपाट खुले रहेंगे। इसलिए शुरुआती महीने में बद्रीनाथ में आपको काफी ज्यादा भीड़ देखने को मिलेगी। हम आपको सलाह देंगे कि आप सितंबर अक्टूबर में ही यहां जाएं। यहां पर इस समय भीड़ कम होती है। आप आसानी से यहां के सभी धार्मिक स्थल घूम सकते हैं।
बद्रीनाथ में कहां रुके – Where to Stay in Badrinath
बद्रीनाथ में घूमने के लिए जाएंगे, तो आपको रुकने की कोई भी समस्या नहीं होगी। क्योंकि बद्रीनाथ और जोशीमठ में आपको एक से एक होटल और धर्मशालाएं मिल जाएंगी। कुछ धर्मशालाएं तो ऐसी हैं, जहां पर श्रद्धालुओं को मुफ्त में रुकने की जगह दी जाती है।
लेकिन अगर आप परिवार के साथ बद्रीनाथ जा रहे हैं, तो आप होटल में रुके। बद्रीनाथ में आप अपनी सुविधा के अनुसार कोई भी सस्ता होटल चुन सकते हैं। अगर आपको ज्यादा अच्छी फैसिलिटी चाहिए, तो आप उस हिसाब से बद्रीनाथ आने से पहले ऑनलाइन बुकिंग भी करवा सकते हैं। ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से भी होटल बुक किए जा सकते हैं। बद्रीनाथ में आपको 1500 रुपए से रूम मिल जाएंगे।
बद्रीनाथ कैसे जाएं – How to Reach Badrinath
(1) सड़क मार्ग से (By Road) –
बद्रीनाथ में भारत के कई बड़े मंदिर और चार धाम के लिए बद्रीनाथ मंदिर स्थित है। इसलिए यहां पर सड़क मार्ग से आने में आपको कोई भी दिक्कत नहीं होगी। उत्तराखंड के सभी बस स्टैंड से आपको बद्रीनाथ के लिए बस मिल जाएगी। आपको पहले अपने राज्य से उत्तराखंड के हरिद्वार, देहरादून, ऋषिकेश और रुद्रप्रयाग तक पहुंचना होगा। यहां से आपको बद्रीनाथ के लिए आसानी से बस मिल जाएगी।
(2) ट्रेन से (By Train) –
अगर आप ट्रेन से बद्रीनाथ जाना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले ऋषिकेश पहुंचना होगा। ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से आपको बद्रीनाथ जाने के लिए वाहन मिल जाएगा। आप अपने राज्य से ऋषिकेश जाना चाहते हैं, तो आप ऑनलाइन अपनी ट्रेन की बुकिंग करवा सकते हैं। आप सीधा ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर उतर जाएंगे। वहां से आपको टैक्सी या फिर बस के माध्यम से बद्रीनाथ पहुंचना होगा।
(3) हवाई जहाज से (By Airplane) –
बद्रीनाथ के करीब का एयरपोर्ट जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है। यह बद्रीनाथ से लगभग 314 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अगर आप एयरप्लेन से जाना चाहते हैं, तो आपको दिल्ली से बद्रीनाथ पहुंचने के लिए फ्लाइट मिल जाएगी। आपको जॉली ग्रांट एयरपोर्ट पर उतरना होगा। फिर आगे आपको बस या टैक्सी के माध्यम से बद्रीनाथ पहुंचना होगा।
बद्रीनाथ से संबंधित प्रश्न – FAQ
प्रश्न – बद्रीनाथ में सबसे प्रसिद्ध क्या है?
उत्तर – बद्रीनाथ में बद्रीनाथ मंदिर सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है।
प्रश्न – बद्रीनाथ मंदिर किसने बनवाया था?
उत्तर – बद्रीनाथ मंदिर की स्थापना श्री आदि शंकराचार्य ने आठवीं शताब्दी में की थी।
प्रश्न – बद्रीनाथ का पुराना नाम क्या था?
उत्तर – बद्रीनाथ का पुराना नाम वडप्रियाग था।
प्रश्न – भारत का सबसे पहला धाम कौन सा है?
उत्तर – बद्रीनाथ भारत का पहला धाम है।
प्रश्न – बद्रीनाथ के लिए सबसे अच्छा मार्ग कौन सा है?
बद्रीनाथ के लिए सबसे अच्छा मार्ग NH 7 और NH 58 है।
निष्कर्ष (Conclusion) –
इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको बद्रीनाथ घूमने के प्रसिद्ध स्थानों के बारे में जानकारी दी है। इसके अलावा हमने आपको बद्रीनाथ का इतिहास, खास बातें, बद्रीनाथ जाने का सही समय, बदरीनाथ कैसे जाएं, वहां जाकर आप कहां रुक सकते हैं, बदरीनाथ का फेमस फूड, बद्रीनाथ घूमने में कितना खर्चा आएगा, इस बारे में भी पूरी जानकारी दी है। अगर फिर भी आपको कोई और सवाल पूछना है, तो आप हमें Comment Box में कमेंट भी कर सकते हैं, Thanks!
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