मुनस्‍यारी के ये 7 टूरिस्ट प्लेसेज आपको अपनी ओर कर लेंगे आकर्षित | Munsiyari in Uttarakhand

Munsiyari in Uttarakhand
Munsiyari in Uttarakhand : Complete Travel Guide in Hindi

मुनस्यारी उत्तराखंड का एक बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है। इसे “छोटा कश्मीर” के नाम से भी जाना जाता है। यह कुमाऊँ मण्डल के पिथौरागढ़ जिले में आता है। मुनस्यारी तिब्बत और नेपाल दोनों के बहुत पास है। उत्तराखंड का यह हिल स्टेशन गर्मी और सर्दी दोनों मौसम में अच्छा रहता है। गोरीगंगा नदी का बर्फीला ठंडा पानी मुनस्यारी की घाटियों से नीचे बहता है। यह चारों तरफ से पर्वतों से घिरा हुआ है। 

यदि आप यहाँ जाने के लिए ट्रिप प्लान कर रहे हैं तो आपको इस पर्वतीय जगह के बारे में पहले जानकारी ले लेनी चाहिए। इसके लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।  मुनस्यारी को पूरा जानने के लिए पहले इसके इतिहास के बारे में जान लेते हैं। 

Table of Contents

मुनस्‍यारी का इतिहास (History of Munsiyari) –

History of Munsiyari
Image Source: Allseasonsz

मुनस्‍यारी का इतिहास प्राचीन काल के समय का है। ऐसा कहा जाता है कि पांडवो ने यहीं से स्वर्गारोहण की शुरुआत की थी और द्रौपदी ने इसी स्थान पर अंतिम बार खाना बनाया था। सन 1960 ई. में पिथौरागढ़ जिला बना। उसके बाद ही मुनस्‍यारी का भी विकास होने लगा। 1963 ई. के आस पास यहाँ बहुत कम मकान थे।

यहां से सड़क 132 किमी की दूरी पर पिथौरागढ़ तक थी। सन 1971 ई. में मुनस्यारी को तहसील बना दिया गया। उसके बाद ही यहाँ रोड बनी और शहर का विकास होने लगा। 

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मुनस्‍यारी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स (Some Important Points Related to Munsiyari) –

शहर का नाममुनस्‍यारी
कब स्थापना हुई28 फरवरी 2014
कुल जनसंख्यातकरीबन 46523
साक्षरता75.25%
बोली जाने वाली भाषाएंकुमाऊँनी
किस लिए फेमस हैमुनस्‍यारी के सामने हिमालय पर्वत श्रंखला का विश्‍व प्रसिद्ध पंचचूली पर्वत है जो आकर्षण का केंद्र है।

मुनस्‍यारी की संस्कृति (Culture of Munsiyari) –

मुनस्‍यारी की अपनी एक अलग ही संस्कृति है, जो इसके खान-पान, पहनावा आदि में दिखाई देती है। यहाँ की संस्कृति किसी का भी ध्यान अपनी ओर खींच सकती है। यदि आप यहाँ का टूर प्लान कर रहे हैं तो आपको यहाँ की संस्कृति को अच्छे से जानने का मौका मिल जायेगा। आप यहाँ की संस्कृति को कभी भूल नहीं सकते। 

मुनस्‍यारी के त्यौहार (Festivals of Munsiyari) –

मुनस्यारी महोत्सव (Munsiyari Festival) – मुनस्यारी महोत्सव यहाँ का मुख्य त्यौहार है, जिसे यहाँ के लोग बहुत ही जोश के साथ मनाते हैं। इस उत्सव में रंगा रंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस महोत्सव में मुख्य अतिथि भी शामिल होते हैं। यह उत्सव ठण्ड के दिनों में होता है, जिसका अपना एक अलग ही मजा होता है। 

जौलजीबी का मेला (Jauljibi Fair) – यह त्यौहार नवंबर के महीने में आयोजित किया जाता है। इस मेले का व्यावसायिक महत्व ज्यादा रहता है, क्योंकि लोग घोड़े, तेल आदि का व्यापार करने के लिए नेपाल और उत्तराखंड से यहाँ आते हैं।

मकर संक्रांति (Makar Sankranti) – इस त्यौहार को ऋतु परिवर्तन का प्रतीक माना जाता है और इसे बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। यह बसंत पंचमी वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है। इसमें लोग नए कपड़े पहनते हैं। साथ ही कई तरह की मिठाइयाँ भी बनाई जाती हैं। यह त्यौहार मार्च के महीने में आता है और यह युवा लड़कियों के लिए होता है।

मुनस्‍यारी का रहन सहन (Lifestyle of Munsiyari) –

मुनस्‍यारी के निवासी काफी सरल स्वाभाव के होते हैं। उनका रहन सहन भी काफी सीधा-सादा होता है। यहाँ के लोग ज्यादातर खेती के काम में लगे रहते हैं। यह किसी भी प्रकार का दिखावा नहीं करते हैं। इसलिए आपको मुनस्‍यारी के लोगो का व्यव्हार बहुत पसंद आएगा। 

मुनस्‍यारी की पारंपरिक वेशभूषा (Munsiyari Traditional Dress) –

यहाँ की महिलाएं सिरोवस्त्र (सिर पर पहने जाने वाला कपड़ा) पहनती हैं, जबकि पुरुष टोपी व टांका पहनते हैं।  

मुनस्‍यारी का नृत्य (Dance of Munsiyari) –

झोड़ा नृत्य (Jhora Dance) – इस नृत्य को गोला बनाकर किया जाता है और एक दूसरे के कन्धों पर हाथ रखकर भी कर सकते हैं। इस नृत्य को चांचरी नृत्य भी कहा जाता है। 

ढुसका नृत्य (Dhuska Dance) – यह नृत्य कुमाऊँ के मुनस्यारी (पिथौरागढ़) और जोहार घाटी में किया जाने वाला नृत्य है। यह चांचरी व झोड़ा नृत्य शैली से मिलता जुलता है।

मुखोठा नृत्य (Mask Dance) – यह नृत्य भी बहुत लोकप्रिय है। इसमें मुखौटा लगाकर नृत्य किया जाता है। इसमें लखिया भूत का अभिनय किया जाता है। 

भगनोल नृत्य (Bhagnol Dance) – इस नृत्य को मेलों में किया जाता है। हुड़का व नगाड़ा वाद्य यंत्र पर इस नृत्य को किया जाता है। 

छोलिया नृत्य (Choliya Nritya) – यह नृत्य एक प्रकार का युद्ध शैली नृत्य होता है, जिसे ढाल व तलवार के साथ किया जाता है। 

मुनस्‍यारी का खानपान (Munsiyari Food) –

मुनस्यारी में खाने के ऑप्शन बहुत सीमित हैं। यहां आपको खाना काफी साधारण मिलेगा। लेकिन इसका भी अपना स्वाद होता है। यहाँ पर कुछ स्थानीय फूड्स हैं, जिसे आप खा सकते हैं, जैसे – चावल और मटन करी, भांग की चटनी, भुटा आलू कुक्ला और लाल राजमा। 

मुनस्‍यारी घूमने का सबसे बेहतरीन समय (Best Time to Visit Munsiyari) –

वैसे तो पर्यटक (Tourists) किसी भी समय इस जगह को घूमने का आनंद ले सकते हैं। लेकिन मुनस्यारी घूमने जाने का सबसे बेहतरीन समय मार्च से लेकर जून और सितम्बर से लेकर अक्टूबर महीने तक का होता है।

यदि आप चाहते हैं कि आपको टूर के समय मौसम से जुड़ी कोई परेशानी न हो तो आप इन महीनो में ही मुनस्‍यारी घूमने का प्लान बनाएं।   

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मुनस्‍यारी में घूमने वाली जगह (Best Places to Visit in Munsiyari) –

मुनस्यारी ऊँची ऊँची पहाड़ियों और चारों ओर के सुन्दर दृश्यों के लिए जाना जाता है। मुनस्यारी में जो Tourists आते हैं वो इन स्थानों पर जरूर जाते हैं, जैसे – 

बिरथी फॉल्स (Birthi Falls) –

इस फॉल्स का नजारा भी बहुत ही मनमोहक है। यह मुनस्यारी से 35 किमी की दूरी पर स्थित है। यह एक खूबसूरत झरना है। इसके चारों ओर घने जंगल हैं, जो इसकी शोभा में चार चाँद लगा देते हैं। इस फॉल्स को देखने के लिए लोग विदेशों से भी यहां आते हैं। साल भर यहाँ पर टूरिस्ट की भीड़ देखने को मिलती है। 

कैसे पहुंचे –  इस झरने तक पहुंचने के लिए कालामुनी दर्रे से एक छोटी सी ट्रेकिंग करते हुए आसानी के साथ पहुंचा जा सकता है।

पंचाचूली चोटी (Panchachuli Peak) –

यह मुनस्यारी की प्रमुख चोटियों में से एक है। यह छोटी छोटी पांच चोटियों से मिलकर बनी है। इसलिए इसे पंचाचूली चोटी के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ पर पर्यटकों को शानदार बर्फ भी देखने को मिलती है। पौराणिक कथा के अनुसार पांडवो ने इसी चोटी से अपनी यात्रा शुरू की थी।

कैसे पहुंचे –  पंचाचूली बेस कैंप उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में है। यहां पर ट्रेक करके पहुंचा जा सकता है, जो कि दार गांव से शुरू होता है।  

कालामुनी मंदिर (Kalamuni Temple) –

यहाँ पर देवी कालिका का मंदिर है। साथ ही नाग भगवान भी हैं। यह पर्यटकों के लिए आस्था का केंद्र है। यह समुद्र तल से करीब 9500 फीट की ऊँचाई पर स्थित है।

कैसे पहुंचे – यह मंदिर मुनस्यारी से 15 किलोमीटर दूर स्थित है। यहाँ पर स्थानीय वाहन द्वारा पहुंचा जा सकता है।  

माहेश्वरी कुंड (Maheshwari Kund) –

यह जगह भी खूबसूरत पर्यटन स्थलों (Tourist Places) में गिनी जाती है। यह एक शानदार तालाब है। पौराणिक कथा के अनुसार यहाँ पर यक्ष रहते थे। उस यक्ष को गांव की एक लड़की से प्रेम हुआ। परन्तु गाँव वाले लड़की का विवाह यक्ष के साथ नहीं करना चाहते थे। इस पर यक्ष को बहुत गुस्सा आया और उसने गाँव में सूखा पड़ने का श्राप दिया। जब सभी गांव वाले सूखे से परेशान हो गए तो उन्होंने यक्ष से माफ़ी मांगी। तब यक्ष ने सूखे से गाँव को आजाद कर दिया।  

कैसे पहुंचे –  यह तालाब मुनस्यारी से कुछ किलोमीटर की दूरी पर मदकोट रोड पर स्थित है। 

नंदा देवी मंदिर (Nanda Devi Temple) –

मुनस्यारी में यह मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध है, जिस कारण यहाँ भी पर्यटकों की भीड़ रहती है। यह मंदिर 1000 वर्षों से ज्यादा पुराना है। यहाँ पर अगस्त महीने में मेले का भी आयोजन किया जाता है। 

कैसे पहुंचे – यह मंदिर मुनस्यारी से केवल 3 किलोमीटर की दूरी पर मदकोट रोड पर स्थित है।

आदिवासी विरासत संग्रहालय (Tribal Heritage Museum) –

मुनस्यारी आदिवासिओं का स्थान है। यहाँ पर भोटिया जनजाति के लोग भी रहते थे। इसलिए वे अपनी विरासत को संभाल कर रखते थे। इस कारण यहाँ पर आदिवासी विरासत संग्रहालय का निर्माण किया गया है। यहाँ पर आदिवासियों की जीवन शैली के बारे में बताया गया है, जो पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है। 

कैसे पहुंचे – यह संग्रहालय मुनस्यारी से 2 किलोमीटर दूर स्थित नन्सैन्न गाँव के सुरेंदर सिंह के घर में स्थित है। 

थमरी कुण्ड (Thamri Kund) –

यह जगह भी घूमने के लिए बहुत सुन्दर है। यह एक तालाब है। जब भी यहाँ पर कम बारिश होती है तो स्थानीय लोग यहाँ कुंड पर आकर बारिश के लिए पूजा करते हैं। इस कुंड के आस पास कागज और अल्पाइन के पेड़ देखने को मिलते हैं। यहाँ पर आपको कस्तूरी मृग भी देखने को मिलेगा। 

कैसे पहुंचे – यह मुनस्यारी से 10 किलोमीटर दूर स्थित है। 

इसके अलावा मुनस्यारी में आप इन स्थानों पर भी जा सकते हैं, जैसे – 

  • बैतूली धार
  • गोरी गंगा नदी
  • दरकोट
  • लाइकेन पार्क
  • दरकोट गांव

मुनस्‍यारी कैसे जाएं (How to Reach Munsiyari) –

मुनस्यारी पहुंचने के लिए आप ट्रेन, बस और हवाई जहाज किसी भी ऑप्शन को चुन सकते हैं – 

ट्रेन द्वारा (By Train) – यदि आप मुनस्यारी की यात्रा ट्रेन से करना चाहते हैं तो आपको सबसे नजदीक का रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन मिलेगा। इसकी दूरी मुनस्यारी से लगभग 275 किलोमीटर है। स्टेशन पर उतरने के बाद आप टैक्सी या बस से मुनस्यारी पहुंच सकते हैं। 

हवाई जहाज द्वारा (By Air) – यदि आप हवाई जहाज से मुनस्यारी जाना चाहते हैं तो आपको सबसे नजदीक देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा पड़ेगा। यहां से मुनस्यारी की दूरी 214 किमी है। आपको एयरपोर्ट से टैक्सी मिल जाएगी। 

सड़क मार्ग (By Road) – मुनस्यारी उत्तराखंड की सड़कों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इसलिए यहाँ के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं। आप आसानी से बस द्वारा मुनस्यारी पहुंच सकते हैं।

इसे भी पढ़ें: Chopta Uttarakhand | स्विट्जरलैंड से कम नहीं है उत्तराखंड का चोपता हिल स्टेशन | Travel in Chopta Uttarakhand

मुनस्‍यारी में कहां रुकें (Where to Stay in Munsiyari) –

मुनस्यारी में रुकने के लिए यदि आप एक अच्छी होटल की तलाश कर रहे हैं तो आपको बता दें कि यहाँ आपको कम बजट में अच्छे होटल आसानी से मिल जायेंगे। यहाँ पर कम बजट से लेकर ज्यादा बजट तक के होटल्स उपबलब्ध हैं। जैसे – गोरूमगो होमस्टे मुनस्यारी, पंचाचूली व्यू होटल, जौहर हिलटॉप रिसॉर्ट, होटल लक्ष्मी लॉज आदि। 

मुनस्‍यारी घूमने के लिए बजट (Budget to Visit Munsiyari) –

मुनस्‍यारी घूमने  के लिए कम से कम दो दिन लगते हैं। 

यदि आप दो दिन के लिए ट्रिप प्लान कर रहे हैं तो बजट कुछ इस प्रकार रहेगा – 

ट्रेन द्वारा यात्रा का खर्च – 1000 – 2000 रुपये (एक व्यक्ति के लिए)

होटल खर्च – 500 रुपये (एक व्यक्ति के लिए एक दिन का किराया)

खाने का खर्च – लगभग 600 रुपये 

घूमने का खर्च – 1000 रुपये 

टोटल खर्च – 3600 रुपये 

यानी की आपको आने और जाने के लिए कम से कम 4000 से 5000 रुपये तक का खर्च करना होगा।  

मुनस्‍यारी घूमने के लिए टूर पैकेज (Munsiyari Tour Package) –

मुनस्‍यारी जाने के लिए आपको अपनी लोकेशन से कई टूर पैकेजेस भी मिल जाएंगे, जैसे –

दिल्ली से मुनस्‍यारी के लिए टूर पैकेज का बजट – 12500 रुपये (4 रातों के लिए)

काठगोदाम से मुनस्‍यारी के लिए टूर पैकेज का बजट – 6000 रुपये (2 रातों के लिए)

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FAQs –

Q.मुनस्‍यारी में कौन–कौन से त्यौहार मनाए जाते हैं?

A. मुनस्‍यारी में मुनस्यारी महोत्सव, जौलजीबी का मेला, मकर संक्रांति, फूल दे जैसे त्यौहारों को बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है।  

Q. मुनस्‍यारी का लोक नृत्य कौनसा है?

A. मुनस्‍यारी का ढुसका नृत्य बहुत प्रसिद्ध है। इसके अलावा मुखोठा नृत्य, भगनोल नृत्य भी काफी फेमस है। 

Q. मुनस्‍यारी कब घूमने जाना चाहिए?

A. मुनस्‍यारी घूमने के लिए मार्च से लेकर जून और सितम्बर से लेकर अक्टूबर महीने का समय सबसे अच्छा रहता है। 

Q. मुनस्‍यारी भारत में कहां पर स्थित है? 

A.मुनस्‍यारी उत्तराखंड राज्य में कुमाऊँ मण्डल के पिथौरागढ़ जिले में बसा एक पर्वतीय नगर है। 

Q. मुनस्‍यारी क्यों प्रसिद्ध है?

A. मुनस्‍यारी में विशाल हिमालय पर्वत श्रंखला का विश्‍व प्रसिद्ध पंचचूली पर्वत है, जो कि विश्व प्रसिद्ध है।  

निष्कर्ष (Conclusion) –

इस आर्टिकल में हमने आपको मुनस्‍यारी के बारे में पूरी जानकारी दी है, जिसमे हमने आपको मुनस्‍यारी के इतिहास, संस्कृति, रहन सहन, खानपान, त्यौहार, नृत्य और वहाँ की पारम्परिक पोशाक के बारे में बताया है। इसके अलावा आप किस मौसम में मुनस्‍यारी जा सकते हैं, मुनस्‍यारी में कौन कौन सी जगहें घूम सकते हैं, कैसे  पहुंच सकते हैं, कहां ठहर सकते हैं, बजट और टूर पैकेज क्या होगा यह भी जानकारी दी है।

आशा है कि आपको यह आर्टिकल Helpful लगा होगा। यदि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो तो आप इसे सोशल मिडिया पर भी शेयर करे, Thanks!

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