आपका मन यदि धार्मिक स्थल पर जाने साथ ही ऊँचे ऊँचे पहाड़ो पर भी घूमने का कर रहा है, तो आपको यमुनोत्री का ट्रिप (Yamunotri trip) प्लान करना चाहिए। यहाँ आपको इतने सुन्दर सुन्दर प्राकृतिक नज़ारे देखने को मिलेंगे कि आपका मन वहां से वापस आने का नहीं करेगा।
आप यदि यमुनोत्री जाने का ट्रिप प्लान कर रहे हैं, तो हम आपको सलाह देते हैं कि आप सिर्फ यमुनोत्री न जाएँ, बल्कि आस-पास के अन्य स्थानों पर भी घूमें। यमुनोत्री में घूमने के लिए बहुत सारे पर्यटन स्थल हैं। सभी स्थानों पर हिमालय की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने पर आपको यमुनोत्री से जुड़ी सारी जानकारी मिल जाएगी, इसलिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
यमुनोत्री के बारे में कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स –
जिले का नाम | यमुनोत्री |
किस राज्य में है | उत्तराखंड में |
कुल जनसंख्या कितनी है | तकरीबन 300,000 |
भाषा कौन सी है | गढवाली, हिन्दी तथा अंग्रेजी |
क्यों प्रसिद्ध है | प्राचीन मंदिरों और यमुना के उद्गम स्थल की वजह से |
यमुनोत्री का इतिहास (History of Yamunotri) –
यमुनोत्री उत्तराखंड के सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थानों में से एक है। यमुनोत्री में यमुना नदी एक जमी हुई ग्लेशियर से निकलती है। यह जगह यमुनोत्री के मुख्य मंदिर के पास है। यमुनोत्री उत्तराखंड के चार धाम यात्रा के स्थलों में से एक है। साथ ही यह उत्तराखंड के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से भी एक माना जाता है।
यमुनोत्री धाम का इतिहास प्राचीन काल का है। यमुनोत्री के दिव्य मंदिर का निर्माण 1839 में टेहरी के राजा नरेश सुदर्शन शाह द्वारा किया गया था। भूकंप के कारण मंदिर टूट गया था। उसके बाद मंदिर का पुनर्निर्माण 19वीं ई. में जयपुर की महारानी गुलेरिया देवी ने कराया था।
यमुनोत्री की संस्कृति (Culture of Yamunotri) –
यमुनोत्री एक धार्मिक स्थल है। इस कारण यहाँ पर सदियों से चली आ रही परम्पराओं को आज भी निभाया जाता है। लोग अपनी संस्कृति से जुड़े हुए हैं और उसी के अनुसार ही अपना जीवन जीते हैं। आपको यहाँ की संस्कृति से बहुत कुछ सीखने को मिल जायेगा।
यमुनोत्री के त्यौहार (Festivals of Yamunotri in Hindi) –
यमुनोत्री के लोग पारंपरिक तरीके से अपने त्यौहारों को मनाते हैं। उनके त्यौहारों में इतना जोश होता है कि जो लोग दूर दूर से यहाँ आते हैं वो भी उनके त्यौहारों में शामिल होने से पीछे नहीं हटते। लोग यहाँ के त्यौहारों को मनाने के लिए उस विशेष दिन पर आते हैं। यहाँ के प्रमुख त्यौहार हैं – बसंत पंचमी, गंगा दशहरा, शिवरात्रि, मकर संक्रांति, होली आदि। आप भी यहाँ पर त्यौहारों का मजा ले सकते हैं।
यमुनोत्री का रहन सहन (Lifestyle of Yamunotri in Hindi) –
यमुनोत्री में आपको हिन्दू लोग ज्यादा देखने को मिलेंगे। यहाँ पर आपको चारों तरफ शांति और धार्मिक वातावरण मिलेगा। यह लोग हर समय भगवान में डूबे रहते हैं। साथ ही बहुत व्यावहारिक भी होते हैं। जो लोग बाहर से आते हैं उनकी इस पहाड़ी क्षेत्र में मदद करते हैं। आपको यहाँ के लोग बहुत पसंद आएंगे, क्योंकि ये लोग मिलनसार होते हैं।
यमुनोत्री की पारंपरिक वेशभूषा (Traditional Dress of Yamunotri) –
यहाँ की महिलाओं को रंग-बिरंगे कपड़े पारंपरिक आभूषणों के साथ पहनना बहुत पसंद है। यहां ज्यादातर महिलाएं साड़ी पहनती हैं, जिसे स्थानीय भाषा में सारंग भी कहा जाता है। जबकि पुरुष धोती और लुंगी पहनते हैं। इसके साथ कुरता पहना जाता है। पुरुष टोपी और पगड़ी का भी इस्तेमाल करते हैं। सदियों में ठण्ड ज्यादा होने के कारण यहाँ पर गर्म ऊनी वस्त्रों का चलन भी बहुत होता है। सर्दियों में यहां के लोग लम्बे गर्म कुर्ते भी पहनते हैं।
यमुनोत्री का नृत्य (Dance of Yamunotri) –
यमुनोत्री में आपको प्राचीन मंदिर, सुन्दर नज़ारे, हिमालय के ऊँचे ऊँचे पहाड़ देखने को मिलते हैं। साथ ही आप यहाँ के लोकनृत्यों का भी मजा ले सकते हैं। यहाँ पर कुछ प्रसिद्ध नृत्य हैं, जिन्हें सदियों से किया जाता आ रहा है, जैसे – भोटिया नृत्य, झोड़ा नृत्य, मुखौटा नृत्य, छोलिया नृत्य आदि। यह नृत्य देखने में बहुत ही आकर्षक लगते हैं। यदि आप यमुनोत्री जाते हैं तो इन नृत्यों को जरूर देखें।
यमुनोत्री का खानपान (Yamunotri Foods in Hindi) –
यमुनोत्री एक धार्मिक स्थल है, इसलिए आपको यहाँ पर हर जगह शाकाहारी खाना मिलेगा, जिसका स्वाद लेना न भूलें। आपको यहाँ पर फूल झंगोरा से बनी मीठी डिश खाने को मिलेगी। इसके अलावा आप चावल, दाल, सब्जी, मंडुआ की रोटी और झंगोरे की खीर का भी स्वाद ले सकते हैं। यहाँ आपको कम बजट में बहुत टेस्टी खाना मिलेगा।
यमुनोत्री घूमने का सबसे अच्छा मौसम (Best Season to Visit Yamunotri) –
यमुनोत्री का ट्रिप प्लान करते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि आप जिस मौसम में वहां जा रहे हैं, उसमें आपको कोई परेशानी न आए। आप ज्यादा से ज्यादा जगहों पर आसानी से घूम सकें। आपको बता दें कि यहां घूमने के लिए मई से लेकर जून और सितंबर से लेकर नवंबर तक का समय बहुत अच्छा रहता है। बाकी मौसम में यहाँ पर काफी ठंड रहती है, जिसमें घूमना कठिन हो जाता है।
यमुनोत्री में घूमने लायक जगह (Best Places to Visit Yamunotri) –
यमुनोत्री घूमने के साथ साथ आप आस पास की जगहों पर भी जा सकते हैं, जैसे –
1) खरसाली (Kharsali) –
खरसाली एक छोटा सा खूबसूरत गाँव है। यह जगह यमुनोत्री मंदिर के पास ही है, इसलिए यहाँ पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगता। खरसाली 2,675 मीटर की ऊंचाई पर है। लोग यहाँ पर पिकनिक मनाने आते हैं।
क्या है खास – सर्दी में यहाँ बहुत बर्फबारी होती है, जो बहुत शानदार होती है। इसके अलावा खरसाली में भगवान शिव का आकर्षित मंदिर भी है।
2) सप्तऋषि कुंड (Yamunotri Saptarishi Kund) –
सप्तऋषि कुंड में एक प्राकृतिक झील है, जो 4421 मीटर की ऊंचाई पर है। यहीं पर यमुना का उद्गम स्थल माना जाता है। यहाँ पर ट्रेकिंग भी की जाती है। यमुनोत्री जाने के लिए 10 किलोमीटर लंबा रास्ता है, जिस पर ट्रेकिंग होती है।
क्या है खास – यमुनोत्री जाते समय रास्ते में सुन्दर ग्लेशियर और कई विदेशी पक्षी भी दिखाई देते हैं, जो बहुत आकर्षक लगते हैं।
3) यमुनोत्री मंदिर (Yamunotri Temple) –
यमुनोत्री मंदिर पर्यटकों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र है। यह मंदिर यमुना जी को समर्पित है। यहाँ पर लाखों भक्तों की भीड़ रहती है। चार धामों में भक्त यमुनोत्री मंदिर के भी दर्शन करते हैं।
मंदिर का समय – सुबह 6:00 बजे से लेकर रात 8:00 बजे तक
4) हनुमानचट्टी (Hanumanchatti) –
जो लोग यमुनोत्री के मंदिर में दर्शन करने आते हैं, वो हनुमानचट्टी घूमने जरूर जाते हैं। यह जगह ट्रेकिंग के लिए भी बहुत अच्छी मानी जाती है। यहाँ से हिमालय पर्वत के नज़ारे दिखाई देते हैं। यहाँ पर लोग बेस कैंप का भी मजा लेते हैं।
क्या है खास – यमुनोत्री से 13 किमी की दूरी पर हनुमान गंगा और यमुना नदियों का संगम होता है। यहीं से डोडी ताल के लिए ट्रेकिंग की शुरुआत होती है।
5) सूर्यकुंड यमुनोत्री (Surya Kund) –
यमुनोत्री में घूमने के लिए सूर्यकुंड भी अच्छी जगहों में से एक है। यमुना जी के पिता सूर्य देव है और यह सूर्यकुंड उन्ही को समर्पित है।
क्या है खास – यहाँ पर गर्म पानी का झरना है। इसमें भक्त चावल और आलू को पानी में उबाल लेते हैं और फिर यही प्रसाद मंदिर में चढ़ाया जाता है।
6) बड़कोट (Barkot) –
यह भी एक दर्शनीय स्थान है, जो कि यमुनोत्री से करीब 49 किलोमीटर की दूरी पर है। बड़कोट भी पर्यटकों को बहुत पसंद आता है। यहाँ पर प्राचीन मंदिर है, जिसके दर्शन के लिए लाखों लोग यहां पर आते हैं।
क्या है खास – यह जगह ध्यान के लिए खास है।
7) दिव्य शिला (Divya Shila) –
यह एक पवित्र शिला है, जो सूर्य कुंड के पास है। धार्मिक स्थल होने के कारण लोग इस शिला के दर्शन करने आते हैं।
क्या है खास – ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त यमुनोत्री आते हैं, उन्हें यमुनोत्री जाने से पहले इस दिव्य शिला पर पूजा अर्चना करनी चाहिए।
8) जानकी चट्टी (Janki Chatti) –
यह समुद्र तल से 2,650 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। जानकी चट्टी भी गर्म पानी के झरनों के लिए जाना जाता है। इसके अलावा यह ट्रेकिंग के लिए भी मशहूर है। यह चारों तरफ से ऊँचे ऊँचे पहाड़ों से घिरा हुआ है। हनुमान चट्टी और जानकी चट्टी को बहनें माना जाता है।
क्या है खास – यहाँ का हॉट स्प्रिंग्स सबसे बड़ा आकर्षण है।
9) शनिदेव मंदिर (Shanidev Temple) –
खरसाली में ही शनिदेव जी का प्रसिद्ध मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि यहाँ पर दर्शन जरूर करना चाहिए। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार शनि देव, देवी यमुना के भाई हैं।
क्या है खास – गर्मियों में जब यमुनोत्री मंदिर के दरवाजे खुलते हैं, तब शनिदेव जी यमुनोत्री में देवी यमुना के दर्शन करने आते हैं। वहीं जब सर्दी आती है तो देवी यमुना भी खरसाली में शनिदेव जी के दर्शन करने आती हैं।
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यमुनोत्री में रुकने की जगह (Where to Stay in Yamunotri) –
यमुनोत्री में रुकने के लिए जगह देख रहे हैं तो आपको यहाँ पर कम बजट से लेकर हाई बजट तक के अच्छे होटल्स मिल जायेंगे। आप अपनी सुविधानुसार उन्हें बुक कर सकते हैं। इन होटल्स में आपको ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा भी मिल जाएगी, जैसे –
- यमुनोत्री धाम
- होटल हिम दर्शन
- दुर्गा रिज़ॉर्ट
- रतूड़ी राजकीय होटल
- शांति कुंज होटल
- शिखर नेचर रिसोर्ट
- होटल अतिथि निवास
- होटल कालिंदी
- द देवद्वार का रिसोर्ट
- सम्राट होटल आदि
इसके अलावा आपको यहां धर्मशाला और आश्रम भी मिल जाएंगे, जहां आप रुक सकते हैं।
यमुनोत्री कैसे जाएं (How to Reach Yamunotri)?
ट्रेन से यमुनोत्री धाम कैसे पहुंचे – आप यमुनोत्री के लिए यदि ट्रेन से सफर करना चाहते हैं, तो आपके लिए सबसे नजदीक का रेलवे स्टेशन देहरादून और हरिद्वार का रहेगा। यहाँ से आपको यमुनोत्री के लिए बस, टैक्सी जैसी सुविधाएं आसानी से मिल जाएंगी, जो आपको यमुनोत्री पंहुचा देंगी।
बस से यमुनोत्री धाम कैसे पहुंचे – आप यदि बस से यमुनोत्री जाना चाहते हैं, तो आपको जानकी चट्टी तक के लिए बस सुविधा आसानी से मिल जाएगी। लेकिन इसके बाद आपको ट्रेकिंग के द्वारा यमुनोत्री मंदिर तक पहुंचना होगा या फिर आप टट्टू और पालकी भी किराये पर ले सकते हैं।
हवाई जहाज से यमुनोत्री कैसे पहुंचे – अगर आप हवाई जहाज से यमुनोत्री जाना चाहते हैं, तो आपके लिए सबसे नजदीक का एयरपोर्ट जॉली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून का रहेगा। यहाँ से आपको यमुनोत्री के लिए टैक्सी किराए पर मिल जाएगी।
यमुनोत्री के लिए टूर पैकेज (Best Yamunotri Tour Packages) –
7 दिन और 6 रातें –
डेस्टिनेशन – दिल्ली – हरिद्वार – देहरादून – बड़कोट – यमुनोत्री – उत्तरकाशी – गंगोत्री – ऋषिकेश
टूर रेट – 28,400 /
क्या क्या खरीद सकते हैं (What to Buy) –
शॉपिंग के लिए आपको यमुनोत्री में ज्यादा चीजें नहीं मिलेंगी। यहाँ पर बहुत छोटी छोटी दुकानें हैं। आप यहाँ से धार्मिक चीजें खरीद सकते हैं, जैसे – भगवान जी की मूर्ति, शंख, मंदिर का सामान आदि।
FAQs –
Q. यमुनोत्री में कितनी दूरी तक पैदल चलना होता है?
A. जानकीचट्टी से यमुनोत्री तक 6 किलोमीटर तक पैदल चलना होता है।
Q. यमुनोत्री में किसकी पूजा की जाती है?
A. यमुनोत्री में देवी गंगा की पूजा की जाती है।
Q. यमुनोत्री क्यों प्रसिद्ध है?
A. यमुनोत्री में प्राचीन मंदिर है, साथ ही यह यमुना जी का उद्गम स्थल है।
Q. यमुनोत्री में घूमने के लिए कितने दिन लगते हैं?
A. पूरा यमुनोत्री घूमने में कम से कम 6 दिन लगते हैं।
Q. यमुनोत्री का क्या महत्व है?
A. यमुनोत्री मंदिर चारो ओर से गर्म पानी के झरनों से घिरा हुआ है। ऐसी मान्यता है कि यहां पर नहाने से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion) –
हमने आपको इस आर्टिकल में यमुनोत्री के बारे में पूरी जानकारी दी है। ताकि आप अपना ट्रिप प्लान करने से पहले यमुनोत्री के बारे में अच्छे से जान लें। इसमें हमने आपको यमुनोत्री का इतिहास, वहां की संस्कृति, रहन-सहन, खान पान और वहां मनाये जाने वाले त्यौहारों के बारे में भी बताया है। यमुनोत्री के नृत्य, पारंपरिक वेशभूषा, वहां जाने के लिए अच्छा समय यह भी बता दिया है। इसके अलावा यमुनोत्री में आप कहां कहां घूम सकते है, आपने यह भी जान लिया है। यहां आपको यमुनोत्री टूर पैकेज की जानकारी भी मिल गयी है।
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