गुप्तकाशी जाने वालों के लिए 10 सबसे दिलचस्प जगहें | Guptkashi tour

guptkashi tour

गुप्तकाशी (guptkashi tour) उत्तराखंड में बहुत ही दिलचस्प जगह है, क्योंकि यहाँ बहुत पुराना विश्वनाथ मंदिर है। गुप्तकाशी को गुह्यकाशी के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत के उत्तराखण्ड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक गाँव है। गुप्तकाशी और केदारनाथ के बीच की दूरी मात्र 34 किलोमीटर है। 

जो लोग बहुत धार्मिक होते हैं या जिन्हें घूमने का बहुत शौक होता है, वो ही लोग ज्यादा इस जगह पर आते हैं। ऐसे में अगर आप भी गुप्तकाशी जाने का प्लान बना रहे हैं, तो वहां के बारे में विस्तार से जान लें। जिससे कि आपकी ट्रिप मजेदार और आरामदायक हो। तो आइए इस आर्टिकल में हम गुप्तकाशी के बारे में सब कुछ जानते हैं।

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गुप्तकाशी से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स

गांव का नामगुप्तकाशी
जिले का नामरुद्रप्रयाग
राज्य का नामउत्तराखंड
कुल जनसंख्यातकरीबन 1130
बोली जाने वाली भाषाहिन्दी, गढ़वाली
क्यों प्रसिद्ध हैविश्वनाथ मंदिर के लिए प्रसिद्ध है

गुप्तकाशी का आकर्षक इतिहास (History of Guptkashi)

गुप्त काशी को ‘छिपा हुआ बनारस’ के नाम से भी जाना जाता है। इसके इतिहास का सम्बन्ध महाभारत काल से है। पौराणिक कथा के अनुसार जब महाभारत का युद्ध ख़त्म हो गया था, तब पांडव अपने लोगों की हत्या के पाप से मुक्त होना चाहते थे। इसके लिए वह भगवान शिव को ढूढ़ने लगे। लेकिन शिव जी पांडवों को दर्शन नहीं देना चाहते थे।

इसलिए वह काशी में आकर छुप गए थे और उन्होंने बैल का रूप धारण कर लिया था, ताकि उन्हें कोई पहचान न सके। पांडव शिव जी को ढूंढते हुए काशी आ गए। बहुत कोशिश करने के बाद उन्होंने भगवान शिव को पहचान लिया। तब शिव जी ने उन्हें आशीर्वाद दिया। तभी से इस स्थान को गुप्तकाशी के नाम से जाना जाने लगा। 

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गुप्तकाशी क्यों प्रसिद्ध है (Why Guptkashi is Famous)

गुप्तकाशी काशी की ही तरह अपना महत्व रखता है। इसी जगह पर प्राचीन विश्वनाथ मंदिर, अर्धनारीश्वर मंदिर और मणिकर्णिका कुंड भी स्थित है। यहीं पर गंगा और यमुना दोनों नदियों का संगम देखने को मिलता है, जो यहाँ के आकर्षण का केंद्र है। गुप्तकाशी शानदार घाटियों के लिए भी प्रसिद्ध है। यह कैलाश का प्रवेश द्वार है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव और माता पार्वती इसी पर्वत पर रहा करते थे। 

गुप्तकाशी की संस्कृति (Culture of Guptkashi in Hindi)

गुप्तकाशी छोटी सी जगह होने के साथ ही बहुत खूबसूरत भी है। यहाँ का शांत और खुशनुमा वातावरण पर्यटकों के मन को भा जाता है। यहाँ की संस्कृति की बात करें, तो यहाँ के लोगों ने अपनी अपनी संस्कृति को पूजा पाठ के जरिये जीवित रखा हुआ है। आपको यहाँ पर चारों तरफ धार्मिक एहसास महसूस होगा। 

गुप्तकाशी के त्यौहार (Festivals of Guptkashi in Hindi)

महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) –

गुप्तकाशी में सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक महाशिवरात्रि है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह भव्य त्यौहार बहुत ही उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। गुप्तकाशी के प्राचीन विश्वनाथ मंदिर में प्रार्थना करने और आशीर्वाद लेने के लिए दूर-दूर से तीर्थयात्री यहाँ इकट्ठा होते हैं। मंदिर को फूलों से सजाया जाता है, और पूरे दिन विशेष कार्यक्रम किए जाते हैं। 

फूलदेई फूलों और फसलों का त्यौहार (Festival of Flowers and Harvest) –

फूलदेई वसंत ऋतु की शुरुआत के दौरान मनाया जाने वाला त्यौहार है। यह त्यौहार नई फसल का मौसम आने का प्रतीक है। युवा लड़कियां और लड़के घरों में जाते हैं, पारंपरिक गीत गाते हैं और फूलों, अनाज के साथ घरों के दरवाजे सजाते हैं। 

गुप्तकाशी सांस्कृतिक महोत्सव (Guptkashi Cultural Festival) –

गुप्तकाशी सांस्कृतिक महोत्सव एक वार्षिक फेस्टिवल है। यह फेस्टिवल स्थानीय कलाकारों, संगीतकारों, नर्तकों और कारीगरों को एक साथ लाने का काम करता है। इस फेस्टिवल में प्रदर्शन, पारंपरिक शिल्प कला, वहां की लोकल डिश और लोक संगीत माहौल को खुशियों से भर देते हैं।  

केदारनाथ मंदिर का उद्घाटन समारोह (Kedarnath Temple Inauguration Ceremony)

गुप्तकाशी के पास स्थित केदारनाथ मंदिर का वार्षिक उद्घाटन समारोह बहुत ही शानदार होता है। यह पर्यटकों को आकर्षित करता है। भारी बर्फबारी की वजह से सर्दियों के महीनों के समय मंदिर बंद रहता है, और जब मंदिर खुलता है, तो यह फेस्टिवल मनाया जाता है।  

गुप्तकाशी का रहन सहन (Lifestyle of Guptkashi in Hindi)

गुप्तकाशी के लाइफ स्टाइल की बात करें, तो आपको यहाँ के लोगों का जीवन बहुत ही सिंपल देखने को मिलेगा। यहाँ के लोग भगवान में आस्था रखते हैं, और अपने कामों को करते हैं। यहाँ के लोग ज्यादातर पर्यटकों पर निर्भर रहते हैं। वो उनका दिल से स्वागत करते हैं। 

गुप्तकाशी की पारंपरिक वेशभूषा (Traditional Dress of Guptkashi)

यहाँ के लोगों की पारम्परिक वेशभूषा सभी का मन मोह लेती है। यहाँ के पुरुष ज्यादातर लुंगी या धोती पहनते हैं, और उसके साथ कुर्ता पहनते हैं। यहाँ के पुरुष सिर पर पगड़ी पहनना पसंद करते हैं और यह उनकी पारंपरिक वेशभूषा का एक हिस्सा है। यहाँ के पुरुष कुर्ता पायजामा, ऊनी जैकेट और स्वेटर भी पहनते हैं।

यहाँ की महिलाएँ अपने चारों ओर साड़ी लपेटती हैं, जिसे सारंग कहते हैं। इनकी साड़ी में सिर्फ़ इतना अंतर है कि साड़ी बाँधते समय पल्लू बाएँ कंधे पर जाता है, लेकिन यहाँ पल्लू को फिर से कमर के चारों ओर बाँधा जाता है, ताकि साड़ी की प्लेट्स सामने की तरफ आये। 

गुप्तकाशी का नृत्य (Dance of Guptkashi in Hindi)

उत्तराखंड के लोक नृत्यों को गुप्तकाशी में भी बहुत ही धूमधाम के साथ किया जाता है। यहाँ के लोग इन नृत्यों को बहुत ही अच्छे से करते हैं, जैसे –

  • मुखौटा नृत्य 
  • झोरा नृत्य
  • छोलिया नृत्य
  • भोटिया नृत्य
  • पांडव नृत्य

गुप्तकाशी का खानपान (Guptkashi Food in Hindi)

आप यदि गुप्तकाशी घूमते हुए वहां के लोकल खानों का स्वाद लेना चाहते हैं, तो आपको कचमौली, गढ़वाली दाल, मंडुआ की रोटी, भांग की चटनी, बाल मिठाई जैसी डिशेज का टेस्ट जरूर लेना चाहिए। 

गुप्तकाशी जाने का उचित समय (Best Time to Visit Guptkashi)

गुप्तकाशी गर्मी के महीनों में घूमने वाली जगह है।  इस टाइम यहाँ का मौसम आरामदायक होता है। मार्च से जून और सितम्बर से नवम्बर के महीनों में यहाँ जाना सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि सर्दियों में गुप्तकाशी का तापमान 0 डिग्री तक गिर जाता है और मानसून में यहाँ बहुत बारिश होती है, जो घूमने के मजे को ख़राब कर देती है।

गुप्तकाशी में घूमने लायक जगह (Places to Visit in Guptkashi)

विश्वनाथ मंदिर (Vishwanath Temple)

यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर को पत्थर की वास्तुकला और लकड़ी की संरचना से खूबसूरती से सजाया गया है। मणिकर्णिका कुंड विश्वनाथ मंदिर के परिसर के अंदर स्थित है, जिसमें शिवलिंग है।

विश्वनाथ मंदिर अपनी पवित्रता और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा, इस पवित्र स्थान पर प्रार्थना करने से व्यक्ति की इच्छाएं पूरी होती हैं और जीवन में लाभकारी बदलाव आते हैं।

गौरीकुंड मंदिर (Gaurikund Temple) 

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित गौरीकुंड मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है। यह मंदिर भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि केदारनाथ मंदिर में दर्शन करने से पहले गौरीकुंड के पवित्र जल में डुबकी लगाने से आशीर्वाद और कृपा मिलती है।

देवरिया ताल झील (Devariya Tal Lake)

उत्तराखंड की हरियाली में स्थित देवरिया ताल झील, शहरी जीवन की हलचल से दूर एक शांतिपूर्ण पार्क है। यह प्राचीन झील अपने क्रिस्टल-क्लियर पानी के लिए प्रसिद्ध है, जो आसपास की बर्फ से ढकी चोटियों को दर्शाता है, जो एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला नजारा देता है।

पिकनिक, प्रकृति की सैर और पक्षी देखने के लिए यह जगह बहुत सुन्दर है। लोग यहाँ पर ट्रेकिंग के लिए भी आते हैं। 

मणिकर्णिका कुण्ड (Manikarnika Kund)

गुप्तकाशी में मणिकर्णिका कुंड, समुद्र तल से लगभग 1340 मीटर की ऊँचाई पर स्थित एक शांत जगह है। इसमें पानी दो नदियों यानी कि गंगा और यमुना से आता है। कहा जाता जाता है कि एक गणेश का सिर और दूसरा गाय का सिर है। यह विश्वनाथ मंदिर के अंदर ही है। मणिकर्णिका कुंड की दिव्य आभा और शांति पर्यटकों को आकर्षित करती है। 

त्रियुगीनारायण मंदिर (Triyuginarayan Temple)

त्रियुगीनारायण मंदिर गुप्तकाशी से सिर्फ एक घंटे की ड्राइव पर है। यह जगह भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह स्थल के रूप में प्रसिद्ध है।

यह मंदिर 6,000 फीट से अधिक की ऊँचाई पर स्थित है। मंदिर में शांतिपूर्ण वातावरण का अनुभव होता है। बर्फ से ढके पहाड़ों, हरी-भरी घाटियों और झरनों से घिरे मंदिर के आस-पास की जगह मनमोहक होती है।

अर्धनारीश्वर मंदिर (Ardhanarishwar Temple)

उत्तराखंड के गुप्तकाशी में विश्वनाथ मंदिर में आने वाले पर्यटकों को पास के अर्धनारीश्वर मंदिर को देखना नहीं भूलना चाहिए। विश्वनाथ मंदिर के बाईं ओर स्थित यह एक अनोखा मंदिर है, जो भगवान शिव और पार्वती को समर्पित है। मंदिर में जो मूर्ति है उसमें आधे पुरुष और आधी महिला की प्रतिमा है, जो शिव-पार्वती को दर्शाती है।

चौखंबा और मंदाकिनी घाटी (Chaukhamba and Mandakini Valley)

चौखंबा और मंदाकिनी घाटी हिमालय के बीच है।  मंदाकिनी नदी का प्रवाह घाटी के आकर्षण को बढ़ाता है। इसे देखने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं। पिकनिक और ट्रेकिंग के लिए भी इस जगह पर विजिट किया जा सकता है। 

उखीमठ मंदिर (Ukhimath Temple)

उखीमठ, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। उखीमठ में प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है।  पर्यटक यहां हजारों की संख्या में आते हैं। ऊखीमठ गुप्तकाशी से मात्र 12 किमी की दूरी पर है।  ऊखीमठ में ही केदारनाथ के मुख्य पुजारी भी रहते हैं।

केदारनाथ (Kedarnath)

केदारनाथ मंदिर की ऊंचाई समुद्र तल से 3584 मीटर है। इसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। गुप्तकाशी से होते हुए ही केदारनाथ पहुंचा जा सकता है। बर्फ़बारी के कारण यह मंदिर 6 महीने बंद रहता है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर के दर्शन करने से मोक्ष मिलता है। 

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चोपटा (Chopta)

यह गुप्तकाशी की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। यहाँ पर तुंगनाथ मंदिर और अन्य पंच केदार मंदिरों के प्रवेश द्वार के रूप में काम करता है। ट्रेकर्स के लिए यह किसी स्वर्ग से कम नहीं है। क्योंकि ट्रेकिंग के लिए यह जगह बहुत खूबसूरत है। चोपटा के खुले घास के मैदान ट्रेकर्स को आकर्षित करते हैं। 

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गुप्तकाशी कैसे जाएं (How to Reach Guptkashi)

हवाई मार्ग (By Air)

जॉली ग्रांट हवाई अड्डा गुप्तकाशी के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है। हवाई अड्डे से आसानी से टैक्सी मिल जाती है, जो आपको गुप्तकाशी तक ले जा सकती है। 

रेल मार्ग (By Train)

गुप्तकाशी के लिए ऋषिकेश यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन है। ऋषिकेश से गुप्तकाशी की दूरी 168 किलोमीटर है। स्टेशन के बाहर से टैक्सी एवं बस आसानी से मिल जाती है।

सड़क मार्ग (By Road)

दिल्ली से ऋषिकेश तक प्राइवेट बस या टैक्सी ले सकते हैं। गुप्तकाशी नेशनल हाईवे 109 पर है, जहां से आप बहुत आसानी से गुप्तकाशी पहुंच सकते हैं। 

गुप्तकाशी में रुकने की जगह (Where To Stay In Guptkashi)

केदारनाथ जाते टाइम बहुत से पर्यटक यहाँ रुकते है। यहाँ पर्यटक अपनी सुविधा और बजट के अनुसार होटल ले सकते है। यहाँ आपको निजी रूम भी मिलता है। होटल में खाने, गर्म पानी, और कमरे में बाथरूम की उचित व्यवस्था रहती है। सी सी टीवी, पार्किंग का उचित इंतजाम रहता है।  होटल की बुकिंग ऑनलाइन ऑफलाइन दोनों तरह से हो सकती है। 

गुप्तकाशी के लिए टूर पैकेज (Best Guptkashi Tour Packages)

गुप्तकाशी – केदारनाथ जाने के लिए प्रति व्यक्ति का कुल खर्च लगभग 18000/- का है। 

शॉपिंग (Shopping)

गुप्तकाशी एक छोटा सा धार्मिक शहर है, जहाँ हर साल हजारों पर्यटक आते हैं। यहाँ गंगा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स नाम से एक बड़ा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स है, जहाँ ऊनी कपड़ों से लेकर सुविधाजनक सामान तक सब कुछ मिलता है। यदि आप यहाँ से शॉपिंग करना चाहते हैं, तो आप शिवलिंग और धार्मिक कलाकृतियाँ जरूर खरीदें। यह बहुत सुन्दर और आकर्षक होती हैं।

FAQs

Q. गुप्तकाशी को और किस नाम से जाना जाता है?

A. गुप्तकाशी को गुह्यकाशी के नाम से भी जाना जाता है।

Q. गुप्तकाशी किस देवता के लिए प्रसिद्ध है? 

A. गुप्तकाशी भगवान शिव के लिए फेमस है।

Q. गुप्तकाशी में कौन सी नदियां बहती हैं?

A. गुप्तकाशी में गंगा और यमुना दो नदिया बहती हैं।

Q.केदारनाथ और गुप्तकाशी के बीच कितने किलोमीटर की दूरी है? 

A.केदारनाथ से गुप्तकाशी के बीच की दूरी 34 किलोमीटर की है।

निष्कर्ष (Conclusion)

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको गुप्तकाशी के बारे में पूरी जानकारी दी है। जिसमें हमने आपको गुप्तकाशी का इतिहास, संस्कृति, रहन सहन, वहां कैसे जाएं, कहाँ रुकें, कहाँ कहाँ घूमें यह भी बताया है। साथ ही किस मौसम में जाना सही रहेगा, वहां जाने का कितना खर्च आएगा, यह भी बताया है। 

आशा करते हैं कि आपको गुप्तकाशी से जुड़ी सारी जानकारी मददगार लगी होगी। यदि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आए, तो आप इसे सोशल मीडिया पर भी शेयर करें।

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