Tourist place in Rewa: मध्य प्रदेश राज्य जिसे भारत का ह्रदय भी कहा जाता है। Madhya Pradesh में टूरिज्म की बात हो और रीवा शहर (जिसे सफ़ेद शेरो कि नगरी भी कहा जाता है ) का जिक्र ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता। वैसे घूमने के लिए सबसे जरूरी होता है मौसम और बारिश का मौसम तो फिर कुछ बोलो ही नहीं उसका अलग ही मजा आ जाता है।
बरसात के वक़्त जब विंध्य प्रदेश (रीवा शहर को पहले विंध्य प्रदेश के नाम से भी जाना जाता था ) की धरा हरियाली से लहलहाती है तो सब कुछ खूबसूरत हो जाता है और यही वक़्त होता है अपने परिवार, दोस्तों के साथ घूमने-फिरने मौज-मस्ती करने का। आज हम आपको मध्य प्रदेश के रीवा जिले के उन टूरिस्ट प्लेसेस के बारे में बताने वाले हैं जिनमे से कुछ तो इतने हिडेन प्लेसेस पर है जिनका न तो अपने नाम सुना होगा कर न ही कभी गए होंगे।
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रीवा में घूमने के लिए 10 खूबसूरत पर्यटन स्थल (Rewa me ghumne ki jagah)
वैसे तो रीवा को झरनो का शहर कहा जाता है क्योकि रीवा में फेमस वाटरफॉल्स की पूरी की पूरी रेंज है. जैसे घिनौची धाम पियवान, चचाई जल प्रपात, क्योंटी वाटर फाल्स, पूर्वा जल प्रपात, बहुती जल प्रपात लेकिन इन झरनों के अलावा भी रीवा में इतना कुछ है कि घूमते-घूमते आप थक जाएंगे लेकिन यंहा के टूरिस्ट प्लेस कभी ख़त्म नहीं होगा। आइए देखते हैं रीवा के कुछ प्रसिद्ध पर्यटन केंद्र और उनके बारे में।
Top 10 Rewa waterfall
चचाई जल प्रपात (Chachai waterfall)
चचाई जल प्रपात (Chachai waterfall): चचाई जलप्रपात जितना सुन्दर है उससे कंही ज्यादा खतरनाक भी है। वैसे अगर देखा जाये तो चचाई वाटरफॉल्स की जान है रीवा जिले की शान है, लेकिन ज़्यादातर समय यह सूखा ही रहता है क्योंकि जब से डैम बना और वहां विकास हुआ है, तब से इस खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट का विनाश, डेम बनने से अब चचाई में पानी नहीं जाता।
लेकिन बरसात के मौसम में जब डेम में पानी लबालब भरा होता है तो पानी छोड़ना पड़ता है. इसी के साथ चचाई वाटरफॉल के अंदर नई जान आ जाती है और उसकी खूबसूरती कई गुना बढ़ जाती है। यहां वाटरफॉल से ज़्यादा एडवेंचर्स है इसका कुंड, जहां तक जाने के लिए आपको नीचे उतरना होगा, और वंही से दिखती है इसकी असली खूबसूरती।
पूर्वा जल प्रपात (Purva waterfall)
Purwa Waterfalls Rewa: बहुत ही खुबसूरत और अद्भुत दृश्य होता है जब बारिश का मौसम पीक में हो और पूर्वा जलप्रपात पानी से लबालब हो। जब झरने की आवाज सुनाई देती है तो आसपास क्या हो रहा है कौन क्या बोल रहा है किसी को सुनाई नहीं देता, बस जी करता है इस 200 फ़ीट ऊंचे झरने को बिना पालक झपकाए निहारते रहें।
Keoti waterfall (क्योटी जल प्रपात)
Keoti Waterfalls Rewa: अगर बात कि जाये भारत में सबसे ऊँचे – ऊँचे झरने कि तो क्योंटी जलप्रपात भारत का 24 वां सबसे ऊंचा झरना है जिसकी ऊंचाई 322 फ़ीट है। यहां बारिश के मौसम में हर तरफ से झरने बहते हैं।जब आप नीचे गिरते झरने को देखते हो तो आपको कुंड के सामान दीखता प्रतीत होता है। यहां का सुन्दर दृश्य इतना लाजवब होता है कि हम लिखकर प्रकृति की खूबसूरती का जवाब नहीं दे सकते। इतना ही नहीं क्योंटी जलप्रपात के पास एक ऐतिहासिक विशालकाय महल है। जिसे देखने पर रीवा रियासत के इतिहास की ताकत का पता चलता है।
बहुती जल प्रपात (Bahuti Waterfall)
bahut hi waterfall Rewa: अगर आप से ये पूंछा जाये कि मध्यप्रदेश का सबसे ऊँचा जलप्रपात कौन सा है तो वह है बहुती जल प्रपात। जिसकी ऊंचाई लगभग 650 फ़ीट है, मोहगंज की घाटी में मौजूद बहुती जलप्रपात का असली मजा बारिश के मौसम में आता है।
जब घाटी हरियाली से भर जाती है, और हर तरफ से झरने के बहने की आवाज कल-कल आती है तब उसका अनुभव अलग ही होता है इसको हम शब्दों में बयां नहीं कर सकते है। कभी-कभी तो पानी का फ़ोर्स इतना ज़्यादा हो जाता है कि लगता है झरने का पानी नीचे नहीं आसमान में ऊपर कि ओर जा रहा है। जिसे रिवर्स वाटरफॉल कहते हैं।
यह इतना प्यारा और अद्भुत जलप्रपात है कि आप इसकी खूबसूरती का अंदाजा नहीं लगा सकते। अगर आपको एडवेंचर पसंद है तो यंहा एडवेंचर की कोई कमी नहीं है, 650 फ़ीट नीचे एक बाबा की झोपडी है, जिन लोगों के शरीर में पहाड़ से उतरने और वापस चढ़ने का दम होता है।
सिरमौर टोंस वाटरफॉल (Tons Waterfall)
Tons waterfall– टोंस जलप्रपात रीवा शहर से 40 किलोमीटर दूर सिरमौर के पास स्थित है। सिरमौर रीवा कि ऐसी जगह है जिसके चारों ओर आपको 2-3 जलप्रपात मिल ही जायेगे। आप ये भी कह सकते हैं कि सिरमौर टोंस जलप्रपात एमपी के सबसे सुन्दर टूरिस्ट प्लेस पंचमढ़ी में मौजूद बी फाल का छोटा रूप है।
जहां आपको जगह -जगह पहाड़ों से रिसते पानी की बौछारें देखने का मजा मिलता है और वह नज़ारा देख कर दिल लहलहा जाता है। यंहा की सबसे खास बात यह है की पानी गिरने के बाद कान्हा गायब हो जाता है किसी को पता नहीं चलता है। जब बरसात के मौसम में आप यंहा पर जाते है तो लगता है की प्रकृति की गोद में आ गए है।
टोंस जलप्रपात (Tons waterfall) टोंस जल विद्युत परियोजना (Tons Hydroelectric Project) के निकट है। आप चाहे तो तो टोंस जल विद्युत परियोजना (Tons Hydroelectric Project) को भी देख सकते हैं।
घिनौची धाम पियवान (Ghinauchi dham piyawan)
Ghinauchi Dham Piyawan Waterfalls: घिनौची धाम पियवान जो सिरमौर शहर से 5 किलोमीटर और रीवा सहर से 43 किलोमीटर कि दूरी पर है। इस स्थान को जिसे पियावन के नाम से जाना जाता है। यह अतुलनीय ऐतिहासिक, प्राकृतिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल है। यह जलप्रपात धरती से 200 फिट नीचे और 800 फिट चौड़ी प्रकृति की सुरम्य वादियों से घिरा हुआ है।
इस झरने की खास बात यह है की इस झरने का श्वेत जल भगवान भोलेनाथ का 12 महीने निरंतर जलाभिषेक करता है। जिसे देखना और रोमांचकारी हो जाता है। इस जगह कि सबसे खास बात यह भी की यंहा पर दो अद्भुत जलप्रपातों का संगम है जो धरती से लगभग 200 फीट नीचे है।
जिसका आनंद आप जुलाई से सितंबर माह के मध्य में लिया जा सकता है। साथ ही अति प्राचीन शिवलिंग और यहां पहाडिय़ों में उकेरे प्राचीन शैल चित्र भी बेहद रोचक और अद्भुत हैं। चट्टानों में उकेरे गए प्रागैतिहासिक शैल चित्र, जो इस क्षेत्र की गौरव गाथा और इतिहास भी बताते हैं।
रीवा का किला (Fort of rewa)
Rewa Fort : रीवा में मुख्य पर्यटक आकर्षण का केंद्र रीवा का किला है। रीवा किले के पीछे दो नदियाँ हैं जो किले कि ख़ूबसूरती को कई गुना बढ़ा देती है और प्राकृतिक सुंदरता प्रदान करती हैं। किला का मुख्य द्वार भारतीय वास्तुकला का एक अच्छा उदाहरण है।
यह पर्यटकों को रहने के लिए आवास प्रदान करता है। इस किले में एक रेस्तरां और एक संग्रहालय भी मौजूद है। यहां घूमने के लिए मुख्य स्थल हैं, कैनन, शाही चांदी का सिंहासन, संग्रहालय हॉल का झूमर, हथियार गैलरी और सफेद बाघ गैलरी।
क्योटी का किला (Keoti fort)
केवटी का किला (keoti fort) मध्य प्रदेश के रीवा जिले में स्थित है। यह किला मध्यप्रदेश राज्य के द्वारा संरक्षित एक स्मारक है। यह किला रीवा शहर का एक पर्यटन स्थल है जो केवटी जलप्रपात (keoti fall) के बेहद नजदीक है। इस किलें को देखने के लिए देश-विदेश से टूरिस्ट आते है।
इस किले का अपना एक अलग इतिहास है। यह किला दो मंजिला कि बानी हुयी है। यह किला महाना नदी के किनारे स्थित है । आप इस किलें तक पदैल ही घूम सकते है। इस किले से केवटी झरनें (keoti fall) का दृश्य बहुत ही लाजबाब होता है। इस किलें का निर्माण रीवा के महाराजा के द्वारा किया गया था।
गोविंदगढ़ का किला (Fort of govindgadh)
Govindgadh kila rewa: गोविंदगढ़ का किला रीवा जिले में स्थित एक ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है। गोविन्दगढ़ को महाराजा रीवा की ग्रीष्मकालीन राजधानी भी कहा जाता है। यह मध्य प्रदेश, के रीवा जिले से लगभग 18 किमी दूर है। यहां पर आपको प्राचीन किला देखने के लिए मिलता है। लेकिन अब यह किला खंडहर में बदल गया है।आप इस किले में आकर इसके गेट, खिड़कियां, खंबे और ब्रिज देख सकते हैं। किले में आपको पेंटिंग भी देखने के लिए मिलते हैं।
रानी तालाब कलिका मंदिर (Rani talab)
Rani talab Rewa: अगर बात रीवा कि हो और रानी तालाब का ज़िक्र न हो ऐसा हो ही नहीं सकता। रानी तालाब रीवा शहर बीचो-बीच स्थित एक धार्मिक स्थल है। Rani Talab के बीचो बीच आपको एक मंदिर देखने के लिए मिलता है, जो भगवान शंकर जी को समर्पित है। यह तालाब बहुत ही प्राचीन है।पुराने समय में इस तालाब के पानी का उपयोग पीने के पानी के लिए किया जाता था।
रानी तालाब के चारों ओर पार्क भी बनाये गए जो बेहद ही खूबसूरत है और यंहा पर बहुत ही शांति रहती है। यह पार्क रानी तालाब के चारों ओर बना हुआ है इसलिए इसे रानी तालाब पार्क भी कहा जाता है। इस तालाब में आप बोटिंग भी आकर सकते है जिसका आपको अलग से चार्ज देना पड़ेगा। रानी तालाब के बीच में, जो शिव मंदिर बना हुआ है। आप उस मंदिर में नाव से जा सकते हैं।यह मंदिर करीब 400 साल पुराना है।
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Rani Talab photos
आशा करता हूँ यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी धन्यवाद्। ❤❤❤
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बहुत ही बढ़िया जानकारी आपने शेयर की है और वो भी बहुत आसान भाषा में धन्यवाद!
Thank you raviraj for your valuable feedback
Bahut hi saral bhasha me apne rewa ki khoobsurti ko bayan kiye hai .
Thank You
[…] अंग्रेजों के ज़माने से विंध्य प्रदेश की राजधानी रहा रीवा शहर आज के समय में मध्य प्रदेश का एक प्रमुख जिला और संभाग है जहां लोगो को घूमने फिरने के लिए किला, जलप्रपात ,सफारी और भी बहुत कुछ उपस्थित है। अगर आप रीवा शहर घूमने कि प्लानिंग कर रहे है तो उसके 40 किलोमीटर के अंतराल में तकरीबन 10 से भी ज्यादा जलप्रपात देखने को मिल जायेगा। रीवा शहर में प्रमुख पर्यटन स्थल के बारे में मैंने पहले ही एक आर्टिकल लिखा है। […]
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