लैंसडाउन घूमने के लिए 10 प्रसिद्ध जगहों के नाम | Lansdowne trip

Lansdowne trip Uttarakhand
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लैंसडाउन (Lansdowne) बहुत ही खुबसूरत हिल स्टेशनो में से एक है। यह पहाड़ी इलाके में, हरे भरे प्राकृतिक वातावरण में बसा हुआ है। इस शहर को 1887 में ब्रिटिश काल में बसाया गया। इसका मूल नाम कालू डण्डा है, जिसका मतलब होता है काले पहाड़। समुद्र तल से इसकी उचाई लगभग 1706 मीटर है।

यह हिल स्टेशन दिल्ली से काफी पास है। दिल्ली से यहाँ पहुचने में लगभग 5 से 6 घंटे का समय लगता है। लैंसडाउन का ट्रिप प्लान करने के से पहले इसके बारे में पूरी तरह से जान लेना चाहिए। इसके लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। 

लैंसडाउन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स

देश का नामभारत
जिले का नामपौड़ी गढ़वाल
राज्य का नामउत्तराखंड
हिल स्टेशन का नामलैंसडाउन
कुल जनसंख्यातकरीबन 5,667
बोली जाने वाली भाषाएंहिन्दी, गढ़वाली
क्यों फेमस हैहिल स्टेशन और पहाड़ों के सुन्दर नजारों के लिए फेमस है। 

लैंसडाउन का आकर्षक इतिहास (History of Lansdowne)

लैंसडाउन के इतिहास की बात करें, तो इसकी स्थापना भारत के वायसराय लॉर्ड लैन्सडाउन के नाम पर 1887 में की गयी थी। अंग्रेजों ने लैंसडाउन को गढ़वाल राइफल्स के रिक्रूटर्स ट्रेनिंग सेंटर के लिए बनाया था। आज यह भारतीय सेना की प्रसिद्ध गढ़वाल राइफल्स का कार्यालय है।  यह जगह अंग्रेजों के भारत आने के बाद से ही बहुत लोकप्रिय है।

लैंसडाउन क्यों प्रसिद्ध है (Why is Lansdowne Famous)

लैंसडाउन मौसम और बादलों के लिए प्रसिद्ध है। लैंसडाउन भारत के सबसे शांत और आकर्षक हिल स्टेशनों में से एक है। घने ओक और नीले देवदार के जंगलों से घिरा हुआ यह हिल स्टेशन एक पुरानी पेंटिंग की तरह लगता है।   

लैंसडाउन की संस्कृति (Culture of Lansdowne in Hindi)

लैंसडाउन आज भी अपनी संस्कृति और परम्पराओं से जुड़ा हुआ है। यहां के लोगों ने अपनी पुरानी संस्कृति को कला और लोक नृत्यों के जरिये जीवित रखा हुआ है। यहाँ के शांत और सुन्दर वातावरण में यहाँ की संस्कृति और भी निखर कर आती है।

लैंसडाउन की विशेषताएँ (Characteristics of Lansdowne)

  • शांत, कम भीड़ वाला और शानदार हिल स्टेशन है। 
  • गढ़वाल राइफल के छावनी क्षेत्र के कारण यह बहुत ज्यादा व्यवस्थित है।
  • यहाँ पर ब्रिटिश वास्तुकला और सैन्य इतिहास की कई पुरानी बिल्डिंग है।
  • दिल्ली एनसीआर में सबसे नजदीक हिल स्टेशनों में से है। 

लैंसडाउन के त्यौहार (Festivals of Lansdowne in Hindi)

लैंसडाउन में त्यौहारों को मनाने का अपना एक तरीका होता है, जो सभी को उल्लास से भर देता है। यहाँ पर शिवरात्रि को विशेष पर्व के रूप में मनाया जाता है। इसके अलावा होली, गंगा दशहरा, बसंत पंचमी जैसे त्यौहारों को भी यहाँ के लोग बहुत अच्छे से मनाते हैं। 

लैंसडाउन का रहन सहन (Lifestyle of Lansdowne in Hindi)

लैंसडाउन का रहन सहन बहुत ही सिंपल रहता है। यहाँ के लोग देर रात तक नहीं जागते। वो जल्दी सोते हैं और सुबह जल्दी उठते हैं, जिस कारण यह लोग सुबह के सुन्दर नजारों को रोज देख पाते हैं। आप भी यदि यहाँ जा रहे हैं, तो यहाँ की लाइफ स्टाइल को जरूर फॉलो करें। यकीन मानिये आपको बहुत मजा आएगा। 

लैंसडाउन की पारंपरिक वेशभूषा (Traditional Costumes of Lansdowne in Hindi)

यहाँ की महिलाएँ ज्यादातर साड़ी पहनती हैं। लेकिन यहां साड़ी को कुछ इस तरह से पहना जाता है कि वो उसमे आसानी से काम कर सकें। पहाड़ी इलाकों में जाने के लिए भी उनका यह पहनावा बहुत आराम देने वाला होता है। 

इसके अलावा यहाँ के पुरुष धोती या फिर लुंगी पहनते हैं। साथ ही इनके सिर पर टोपी या पगड़ी होती है। 

लैंसडाउन का नृत्य (Dance of Lansdowne in Hindi)

लैंसडाउन में लोकनृत्यों को भी बहुत ही उत्साह के साथ किया जाता है, जैसे –

  • सर्प नृत्य 
  • चमोली नृत्य
  • छोलिया नृत्य
  • पांडव नृत्य
  • भोटिया नृत्य

लैंसडाउन का खानपान (Lansdowne Food in Hindi)

लैंसडाउन जाने पर वहां के लोकल फ़ूड का स्वाद जरूर चखना चाहिए। आपको यहाँ पर भांग की चटनी, मडवे की रोटी, रायता, आलू के गुटके, झिंगोरा की खीर, कापा, सिसूण का साग आदि का टेस्ट जरूर लेना चाहिए। 

खरीदारी (Shopping)

किसी भी यात्रा के समय मेन बाजार घूमना भी बहुत अच्छा रहता है। यहाँ पर आपको उस जगह की फेमस चीजे खरीदने को मिल जाती हैं। लैंसडाउन में गढ़वाल खादी भंडार स्थानीय रूप से हाथ के बुने और काटे हुए कपड़ों से बनी चीजें बेचता है। आप चमड़े के प्रोडक्ट, लकड़ी की कला कृतियां और सुगन्धित तेल बेचने वाली कई दुकानों पर जा सकते हैं। लैंसडाउन की कुछ प्रसिद्ध मार्केट कुछ इस प्रकार हैं – 

  • गढ़वाल ऊनी शिल्प
  • लैंसडाउन त्रिपुरा सुंदरी
  • लैंसडाउन एंटीक मार्केट
  • लैंसडाउन गढ़वाल खादी भंडार
  • टिप्सी कैफे शॉप
  • न्यू स्नो पॉइंट मार्केट
  • लैंसडाउन बुक वर्ल्ड

लैंसडाउन जाने का उचित समय (Best Time to Visit Lansdowne)

आप यदि लैंसडाउन का ट्रिप प्लान कर रहे हैं, तो आपको मार्च से अक्टूबर के महीने में जाना चाहिए। क्योंकि इन महीनों में यहाँ का मौसम खुशनुमा रहता है, और आप आसानी से यहाँ की जगहों का मजा ले सकते हैं। 

लैंसडाउन में बर्फ कब सबसे ज्यादा गिरती है?

अक्टूबर से जनवरी तक लगातार बर्फ गिरती है। लगातार बर्फ गिरने से लगता है कि मानो पूरा शहर बर्फ की चादर ओढ़े हुए है। 

लैंसडाउन में घूमने लायक जगह (Places to Visit in Lansdowne)

लैंसडाउन में घूमने के लिए कई जगहे हैं, जहाँ लोग आसानी से अपने समय को बिता सकते हैं, जैसे – 

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तारकेश्वर महादेव मंदिर (Tarkeshwar Mahadev Temple)

लैंसडाउन से 38 किलोमीटर की दूरी पर तारकेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। यह मंदिर लैंसडाउन के आसपास घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है। तारकेश्वर महादेव मंदिर देवदार के पेड़ों से घिरा हुआ है। यह 1800 मीटर की ऊँचाई पर है। 

क्या है खास – यहाँ का वातावरण बहुत ही शांत है, जिस कारण यह जगह साधु संत के ध्यान के लिए बहुत ही अच्छी रहती है।  

भुल्ला ताल (Bhulla Lake) – 

लैंसडाउन शहर से मात्र 1 किमी की दूरी पर भुल्ला झील या भुल्ला ताल के नाम से जानी जाने वाली यह एक छोटी झील है। इसे भारतीय सेना ने बनाया था, जिस कारण इसका रखरखाव बहुत ही शानदार है।   

क्या है खास – लैंसडाउन में यह प्लेस एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट के रूप में जाना जाता है।

दरवान सिंह संग्रहालय (Darwan Singh Museum) – 

लैंसडाउन के पास स्थित, दरवान सिंह संग्रहालय भी बहुत खूबसूरत मियूजियम है। इस म्यूजियम में       भारतीय सेना के अतीत से जुड़ी कई कलाकृतियां हैं, जैसे वर्दी, हथियार और पदक। जो लोग इतिहास और देशभक्ति में इंटरेस्ट रखते हैं, उनके लिए यह एक दर्शनीय स्थल है।

क्या है खास – इस म्यूजियम का नाम भारतीय सैनिक दरवान सिंह नेगी के सम्मान में रखा गया है। यह प्रथम विश्व युद्ध के समय अपनी बहादुरी के लिए विक्टोरिया क्रॉस जीतने वाले महान व्यक्ति थे।

टिप इन टॉप (Tip in Top)

लैंसडाउन में एक छोटी पहाड़ी की चोटी पर स्थित है यह शानदार टिप एन टॉप। यह प्लेस लैंसडाउन में सबसे ऊंची जगहों में से एक है। टिप इन टॉप लैंसडाउन शहर के केंद्र से केवल 1.5 किमी की दूरी पर है। 

क्या है खास – टिप इन टॉप लैंसडाउन में खूबसूरत शिवालिक रेंज का नजारा देखते ही बनता है।

युद्ध स्मारक लैंसडाउन (Yudh Smarak Lansdowne)

लैंसडाउन का युद्ध स्मारक उन बहादुर योद्धाओं को श्रद्धांजलि देता है, जिन्होंने कई युद्धों में अपनी जान दे दी। यह जगह बहुत सारी वनस्पतियों से घिरी हुई है। स्मारक की स्थापना 1923 में लॉर्ड रॉलिंसन ऑफ ट्रेंट (कमांडर इन चीफ, भारत) द्वारा की गई थी। यह लैंसडाउन के परेड ग्राउंड में स्थित है।

क्या है खास – इतिहास और देशभक्ति के शौकीन लोगों के लिए यह आकर्षण का केंद्र रहता है।

सेंट जॉन्स चर्च (Saint John’s Church)

लैंसडाउन में एक रोमन कैथोलिक चर्च है, जो सेंट जॉन्स चर्च के नाम से जाना जाता है। लैंसडाउन में यह एकमात्र चालू चर्च है। मॉल रोड पर स्थित सेंट जॉन्स चर्च की स्थापना 1936 में हुई थी।

क्या है खास – चर्च के अंदर की सुन्दर बनावट और शांत वातावरण इसे लैंसडाउन में घूमने लायक जगह बनाते हैं।

भीम पकौड़ा (Bheem Pakora)

भीम पकौड़ा लैंसडाउन की एक ऐसी जगह है, जो प्राकृतिक तरीके से बनी हुयी है। लोग इसकी बनावट देखकर हैरान हो जाते है। इसमें दो चट्टानें एक दूसरे के ऊपर एकदम संतुलित तरीके से लगी हुई हैं। किंवदंती के अनुसार, महाभारत काल में पांडवों ने अपने वनवास के दौरान इन चट्टानों को इस तरह से लगाया था। 

क्या है खास – चट्टानों को देखकर आश्चर्य महसूस होता है।

कालेश्वर महादेव मंदिर (Kaleshwar Mahadev Temple)

प्रसिद्ध कालेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह खूबसूरत मंदिर जलधाराओं और झरनों से घिरा हुआ है। यह मंदिर लैंसडाउन में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस मंदिर को उत्तराखंड के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है। 

क्या है खास – मंदिर तक पहुंचने का रास्ता बहुत शानदार है, जो कि घने जंगलों और खूबसूरत झरनों से होकर जाता है।

हवा घर (Hawaghar)

लैंसडाउन के मुख्य बाजार के पास है यह खूबसूरत प्लेस हवा घर। परिवार और दोस्तों के साथ घूमने के लिए यह एक बहुत ही अच्छी जगह है। यहाँ पर बहुत ही आकर्षक रास्ते है । सर्दियों में यहाँ बर्फ भी गिरती है। 

क्या है खास – यह जगह ट्रेकिंग वालों को बहुत पसंद आती है।    

गढ़वाली मेष (Garhwali Mesh)

गढ़वाली मेष पौड़ी गढ़वाल के लैंसडाउन जिले में स्थित सबसे पुरानी बिल्डिंगों में से एक है। ब्रिटिश काल की यह बिल्डिंग 1888 में बनी थी। अब यह राज्य सरकार की निगरानी में है। इस ऐतिहासिक बिल्डिंग को देखने के लिए पर्यटक यहां दूर-दूर से आते हैं।  

क्या है खास – यह भारतीय सेना और गढ़वाल राइफल्स की सदियों पुरानी विरासत को दिखाता है। 

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लैंसडाउन कैसे जाएं (How to Reach Lansdowne)

हवाई मार्ग (By Air)

लैंसडाउन पहुंचने के लिए सबसे नजदीक का एयरपोर्ट जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है। यहाँ से आपको प्राइवेट टैक्सी मिल जाएगी, जो आपको लैंसडाउन तक पंहुचा देंगी। 

रेल मार्ग (By Train)

कोटद्वार शहर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है, जो लैंसडाउन से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित है। कोटद्वार रेलवे स्टेशन देश भर के लगभग सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।  

सड़क मार्ग (By Road)

पर्यटक सड़क मार्ग से भी आसानी से लैंसडाउन पहुंच सकते हैं। टैक्सी और निजी लक्जरी बसें उत्तराखंड के शहरों और भारत के कई अन्य शहरों से भी अच्छी तरह से जुड़ी हुई हैं। कोटद्वार और दुगड्डा कश्मीर गेट से बसें आसानी से मिल जाती हैं और इन जगहों से लोग लैंसडाउन जा सकते हैं। लैंसडाउन पहुँचने के लिए पौड़ी से भी बसें मिलती हैं। लैंसडाउन उत्तराखंड राज्य के अन्य शहरों जैसे मसूरी, हरिद्वार और देहरादून से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

लैंसडाउन में रुकने की जगह (Where To Stay In Lansdowne) 

गर्मियों के समय में यहाँ पर्यटकों की भीड़ होती है।  लैंसडाउन में आपको बहुत सारे होटल और ठहरने की कई जगह मिल सकती हैं। यहाँ पर्यटक अपनी सुविधा और बजट के अनुसार होटल ले सकते हैं। यहाँ आपको प्राइवेट रूम भी मिलता है। होटल में खाने, गर्म पानी, और कमरे में बाथरूम की अच्छी व्यवस्था रहती है। साथ ही सी सी टीवी, और पार्किंग का उचित इंतजाम रहता है। होटल की बुकिंग ऑनलाइन ऑफलाइन दोनों तरह से हो सकती है। लैंसडाउन में कुछ होटल्स हैं, जो इस प्रकार हैं – 

  • ओक ग्रो होम स्टे
  • विनायक रिसॉर्ट
  • शांति राज हिल व्यू रिसॉर्ट
  • लैंसडाउन विला
  • लैंसव्यू

लैंसडाउन के लिए टूर पैकेज (Best Lansdowne trip Packages) 

लैंसडाउन और उसके आस पास के इलाकों को आराम से घूमने के लिए 3 दिन की जरूरत होगी। लैंसडाउन जाने के लिए प्रति व्यक्ति का कुल खर्च लगभग 17000/- का है। 

FAQs

Q. लैंसडाउन का नया नाम क्या है?

A. लैंसडाउन का नया नाम जसवंतगढ़ है। 

Q. लैंसडाउन नाम किसके नाम पर रखा गया है? 

A. लैंसडाउन का नाम तत्कालीन वायसराय लार्ड लैंसडाउन के नाम पर रखा गया है। 

Q. लैंसडाउन में कौन सी नदिया बहती हैं?

A. लैंसडाउन में सोन नदी बहती है। 

Q.लैंसडाउन घूमने के लिए कितने दिन लगते हैं?

A.लैंसडाउन घूमने के लिए कम से कम 2 से 3 दिन लगते हैं। 

निष्कर्ष  (Conclusion)

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको लैंसडाउन के बारे में सारी जानकारी दी है। जिसमें हमने आपको लैंसडाउन का इतिहास, संस्कृति, रहन सहन, खान पान, वेशभूषा और वहां जाने के सही समय के बारे में बताया है। वहां कैसे जाएं, कहाँ रुके, कहाँ कहाँ घूमें यह भी बताया है। साथ ही वहां घूमने में कितना खर्चा आएगा, इसके बारे में भी जानकारी दी है। 

आशा करते हैं, कि आपको लैंसडाउन से जुड़ी सारी जानकारियां मददगार लगी होगी। यदि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आए, तो आप इसे सोशल मीडिया पर भी शेयर करें,

Thank you!

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