केरल एक ऐसी जगह है, जहाँ जाने के लिए हर कोई एक बार जरूर सोचता है। यदि आप भी केरल नहीं गए हैं तो अपना Tour Plan करते समय केरल जाने का विचार बेशक करें। आप यह जानकर सरप्राइज होंगे कि केरल किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यहाँ के प्राकृतिक दृश्य, झरने, समुद्री तट, वाटरफॉल, ऊँची ऊँची पहाड़ियाँ हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। केरल का खानपान और केले के पत्तों पर परोसे जाने वाला खाना किसी का भी मन ललचा सकता है। केरल के इन नजारों को देखने जाने से पहले आपको इसके बारे में जानना भी जरूरी है। इसलिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
यदि आप देखना चाहते हैं समुद्री तट के अद्भुत नज़ारे, तो केरल जरूर घूमें
केरल भारत के दक्षिण-पश्चिम में बसा हुआ एक राज्य है। केरल की राजधानी तिरुवनन्तपुरम है। आपको बता दे कि सबसे ज्यादा मसालों का उत्पादन केरल में होता है। इसलिए इसे “भारत का मसालों का बगीचा” भी कहते हैं। यहाँ की मुख्य भाषा मलयालम है। इसके अलावा यहां अंग्रेजी, उर्दू और तमिल भाषा भी बोली जाती है। समुद्री तट होने के कारण यह राज्य बहुत ही सुन्दर है। हर साल यहाँ पर हजारों पर्यटक (Tourist) आते है।
आप सोच रहे होंगे की केरल में ऐसा क्या है जिसे देखने के लिए लोग आते हैं? तो चलिए आपको बताते हैं केरल के बारे में विस्तार से। केरल को अच्छे से जानने के लिए सबसे पहले केरल के इतिहास के बारे में जान लेते हैं।
केरल का इतिहास क्या है (History of Kerala in Hindi) –
केरल का इतिहास बहुत पुराना है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान परशुराम ने अपना परशु समुद्र में फेंक दिया था। तब परशु के आकार की भूमि समुद्र से निकल कर बाहर आयी। तभी से केरल की उत्पत्ति हुयी। केरल की भूमि पर 10वीं सदी ईसा पूर्व से लोगों ने रहना शरू किया था।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बाद केरल दो प्रांतीय राज्यों में बंट गया था। जिसमे एक था त्रावण कोर राज्य और दूसरा कोची साम्राज्य था। 1949 ई. में इन दोनों राज्यों को मिला दिया गया, जिससे “थिरु-कोच्ची” राज्य बना। केरल का उत्तरी मालाबार क्षेत्र चेन्नई का हिस्सा था। साल 1956 ई. में राज्य पुनर्गठन ऐक्ट बनाया गया, जिसमें कासरगोड तालुका, मालाबार जिले के थिरु-कोच्ची राज्य और दक्षिण कनारा को मिलाकर एक राज्य बनाया गया और इस राज्य का नाम “केरल” रखा गया। इसके बाद से प्रत्येक वर्ष 1 नवंबर को केरल का जन्मदिन मनाया जाने लगा। इस दिन को मलयालम दिवस या फिर पिरवी दिवस भी कहा जाता है।
केरल से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स –
शहर का नाम | केरल |
राजधानी का नाम | तिरुवनन्तपुरम |
कब स्थापना हुई | 1 नवंबर 1956 |
क्षेत्रफल | लगभग 38,863 वर्ग किलोमीटर |
कुल जिले | 14 |
कुल जनसंख्या | तकरीबन 3,34,06,061 |
जनसंख्या का घनत्व | 860 |
साक्षरता | 96.20% |
बोली जाने वाली भाषाएं | मलयालम, अंग्रेजी |
किस लिए फेमस है | केरल मसालों,आयुर्वेद चिकित्सा और कथककली नृत्य के लिए प्रसिद्ध है। |
केरल की संस्कृति (Culture of Kerala in Hindi) –
केरल की संस्कृति की बात की जाए तो यह सदियों पुरानी है। केरल के लोग आज भी अपनी संस्कृति को बनाये हुए हैं। यहाँ आपको भारतीय और द्रविड़ संस्कृति दोनों का मिश्रण देखने को मिलेगा। केरल की संस्कृति की झलक आपको यहाँ की कला, नृत्य, पहनावे और यहाँ के खाने में दिखाई दे जाएगी, जो बहुत ही आकर्षक है।
केरल के त्यौहार (Festivals of Kerala in Hindi) –
केरल के त्यौहारों में केरल के जनजीवन की झलक देखने को मिलती है। यहाँ के त्यौहारों में एक दूसरे के साथ मेल मिलाप भी देखने को मिलता है, जिससे आप एक दूसरे को अच्छे से जान सकते हैं। ओणम केरल का मुख्य त्यौहार है। यह त्यौहार दुनिया भर में Famous है। ओणम को एक फसल त्यौहार के रूप में मनाया जाता है, जिसे अगस्त से सितंबर के बीच मनाते हैं। इसके अलावा केरल के अन्य प्रमुख त्यौहार इस प्रकार हैं –
कोडुंगल्लूर भरणी उत्सव (Kodungallur Bharani Festival) –
यह त्यौहार तीन से चार दिनों का होता है, जिसे मार्च से लेकर अप्रैल के बीच मनाते हैं। इसे मनाने के लिए अनेक जगहों पर मेले लगते हैं। इस त्यौहार को दारिका नाम के दानव को भद्रकाली द्वारा मारे जाने की जीत के रूप में मनाते हैं। यह केरल के त्रिशूर शहर के मंदिरों में मनाया जाता है।
केरला बोट उत्सव (Kerala Boat Festival) –
इस उत्सव के बारे में आपने टीवी या फिर न्यूज़ पेपर में जरूर सुना होगा। केरल में होने वाले बोट उत्सव को देखने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं। इस उत्सव के लिए विदेश के लोग भी आते हैं। इसमें नौकाओं की दौड़ होती है। यह जुलाई से सितंबर के मध्य में मनाया जाता है।
त्रिचूर पूरम त्यौहार (Thrissur Pooram Festival) –
त्रिचूर पूरम त्यौहार भी केरल के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। वडक्कू नाथन मंदिर में इस त्यौहार को मनाने की परम्परा है। यहाँ पर भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना की जाती है, जिसमे 36 घंटे तक पूजा होती है। इस त्यौहार को अप्रैल में मनाया जाता है। इस त्यौहार को मनाने के लिए लोग पारम्परिक वेशभूषा पहनते हैं और आतिशबाजी भी की जाती है। इस त्यौहार में हाथी परेड होती है, जिसे देखने के लिए टूरिस्ट भी पहुंचते हैं। यदि आप मार्च के महीने में यहाँ जाते हैं तो आप भी इस त्यौहार का आनंद ले सकते हैं।
विशु त्यौहार (Vishu Festival) –
यह त्यौहार भी केरल के प्रमुख त्यौहारों में आता है। इस त्यौहार को नए साल की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है, जो कि अप्रैल महीने में आता है। इस उत्सव को मनाने के लिए पटाखे फोड़े जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान् कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को मारा था। उसी खुशी में इस त्यौहार को मनाया जाता है।
इसके अलावा थेयम, मकरविलक्कु उत्सव, अरट्टू उत्सव, क्रिसमस, अट्टुकल पोंगाला, तिरुवातिरकली जैसे त्यौहारों को भी केरल में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
केरल का रहन सहन (Lifestyle of Kerala in Hindi) –
केरल के लोग सरल और जमीन से जुड़े होते हैं। वे सादगी में रहना पसंद करते हैं। यहाँ के लोग अपने धर्म और अपनी परम्पराओं का दिल के साथ पालन करते हैं। इसलिए आपको केरल की संस्कृति पसंद आएगी। यहाँ के लोग शिक्षा को बहुत महत्त्व देते हैं। इस कारण यहाँ की साक्षरता दर अधिक रहती है। यहाँ पर मलयालम भाषा के साथ अंग्रेजी पर भी ज्यादा जोर दिया जाता है। यदि आप केरल जाते हैं तो आपको वहां के लोगो से बात करने में ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
केरल के लोगों की वेशभूषा (Traditional Costumes of Kerala) –
केरल ने जिस तरह अपनी संस्कृति और रीति-रिवाजों को अभी तक जीवित रखा है। ठीक उसी तरह केरल के लोगों ने अपने पारम्परिक वेशभूषा को भी बरकरार रखा है। केरल के लोगों का मुख्य पहनावा ‘मुंडू’ होता है, जो कि वहाँ की महिलाएं और पुरुष दोनों पहनते हैं। ‘मुंडू’ को कमर से नीचे पहनते हैं। ज्यादातर यह सफ़ेद रंग का कपड़ा होता है। पुरुष ‘मुंडू’ के साथ शर्ट या टीशर्ट पहनते हैं और महिलाएं ‘मुंडू’ के साथ ब्लाउज, कुर्ती आदि पहनती हैं। विशेष अवसर पर पुरुष मुंडू और जब्बा पहनते हैं। इसके अलावा यहां शेरवानी और कुर्ता भी पहना जाता है, जबकि महिलाएं साड़ी पहनती हैं। केरल में मुंडम नेरियाथम, सलवार कुर्ती पहनने का भी चलन है।
केरल का नृत्य (Dance of Kerala in Hindi) –
केरल में अनेकों नृत्य होते हैं। यहाँ पर पारम्परिक नृत्य होते हैं, जिन्हें मनमोहक वेशभूषा के साथ किया जाता है। केरल में सबसे प्रमुख नृत्य कथकली है। यह दुनियाभर में प्रसिद्ध है। केरल के नृत्य इस प्रकार हैं –
कथकली नृत्य (Kathakali Dance) –
यह नृत्य केरल का 500 साल पुराना नृत्य है। इसे केरल का शास्त्रीय नृत्य माना जाता है। इस नृत्य के द्वारा रामायण, महाभारत जैसे पुराणों को नृत्य करके बताया जाता है। यह नृत्य पुरुषों द्वारा किया जाता है, जिसमें वो अनेक रंगों से बने वस्त्र पहनकर नृत्य करते हैं।
थिरुवथिरकली (Thiruvathirakali) –
यह भी केरल के लोक नृत्यों में से एक है। इस नृत्य को महिलाएं ओणम के समय करती हैं। थिरुवथिरुकली को एक गोला बनाकर किया जाता है। यह नृत्य दिसंबर से जनवरी के बीच में फसल उत्सव पर किया जाता है।
मोहिनीअट्टम (Mohiniyattam) –
मोहिनीअट्टम एक बहुत ही सुन्दर नृत्य है, जिसे महिलाओं द्वारा किया जाता है। मोहिनीअट्टम नृत्य केरल का सबसे प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्य है। यह नृत्य भरतनाट्यम और कथककली दोनों का मिश्रण होता है।
कोलकली (Kolkali) –
इस नृत्य को करने के लिए 24 नर्तकों का एक ग्रुप होता है। इसे बहुत ही लयबद्ध तरीके से किया जाता है। इस नृत्य को करने के लिए लकड़ी ली जाती है। गोला बनाकर इन लकड़ियों के सहारे नृत्य किया जाता है।
ओट्टमथुलाल (Ottamthullal) –
यह नृत्य भी केरल का शास्त्रीय नृत्य है। इसे “गरीब आदमी का कथकली” भी कहते हैं। यह नृत्य 18वीं शताब्दी में प्रसिद्ध मलयालम कवि कालकाथथु कुंचन नांबियार के द्वारा बनाया गया था।
थेय्यम (Theyyam) –
थेय्यम नृत्य को नृत्य देवताओं के रूप में किया जाता है। इस नृत्य को दिसंबर और अप्रैल के बीच में किया जाता है। थेय्यम को मंदिरों में किया जाता है। इस नृत्य में जो ड्रेस पहनी जाती है वह देखने में बहुत आकर्षक लगती है।
आप यदि केरल घूमने का Plan कर रहे हैं तो यहाँ के Dance आपका मन मोह लेंगे। इसलिए इन नृत्यों को केरल में जाकर जरूर देखें।
केरल का खानपान (Famous Food of Kerala in Hindi) –
अगर कहीं घूमने जा रहे हैं तो अच्छी जगहों के साथ साथ यदि स्वादिष्ट Food भी मिल जाए तो दिन बन जाता है। इसलिए जिस जगह आप घूमने जा रहे हैं वहां के खाने के बारे में आपको यदि पहले से ही पता है कि वहां खाने की कौन कौन सी स्वादिष्ट चीजे हैं तो आप खाने का अच्छे से आनंद ले सकते हैं और अपनी ट्रिप को यादगार बना सकते हैं। केरल मसालों के बागानों के लिए फेमस है। फिर जिस जगह के मसाले इतने फेमस हों वहां के खाने का स्वाद तो और भी अच्छा होगा। आपको बता दें कि केरल में आपको शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार का खाना मिल जाएगा।
केरल के लोगों का मुख्य भोजन चावल है। यदि आप भी चावल प्रेमी हैं तो आपको यहाँ पर चावल से बनी अनेकों Dishes मिल जाएंगी। केरल में शाकाहारी डिश फेमस है, जो इस प्रकार है –
- इडली
- दोसा
- भात
- उत्तपम
- सांभर वडा
- पुट्टू
- अप्पम
- ईला सादा
- कड़ाला करी
- इडियप्पम विथ करी
- एरीसेरी
- मालाबार पैरोटा
- पालदा पायसम
- अडा प्रथमन
- केले के पकौड़े
यदि आप नॉन वेज खाना पसंद करते हैं तो आप यहाँ पर झींगा करी, नादान बीफ फ्राई, नादान कोझी वरुथु, फिश मोली जैसे लजीज खानों का टेस्ट ले सकते हैं। आपको बता दें कि केरल के खाने में केले का उपयोग बहुत होता है, जो यहाँ की विशेषता है। यहाँ पर केले के पत्तो पर खाना परोसा जाता है, जिसका अपना एक अलग ही स्वाद होता है। आपको केरल का यह पारम्परिक तरीका भी पसंद आएगा।
केरल घूमने का सबसे अच्छा समय (Best Time to Visit Kerala in Hindi) –
यदि आप केरल घूमने का प्लान बना रहे हैं तो अक्टूबर से फरवरी और जून से सितंबर के बीच ही जाएं। इस मौसम में केरल घूमने जाने का सबसे अच्छा समय रहता है। इस मौसम में आप वहां के समुद्र तटों का अच्छे से आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा यहां आपको नदी, झरने आदि भी देखने को मिल जाएंगे। इस मौसम में आप यहाँ के उत्सव, संस्कृति प्रतियोगिताओं और यहाँ की संस्कृति को भी अच्छे से देख सकते हैं।
केरल में घूमने लायक जगह (Best Places to Visit in Kerala) –
केरल जैसी जगह के नजारे इतने सुन्दर हैं कि आप मोहित हो सकते हैं। यहाँ की सुंदरता को देखने के लिए आप कहाँ कहाँ घूम सकते हैं, वो इस प्रकार हैं –
अनामुडी पर्वत श्रेणी (Anamudi Mountain Range) – यह केरल की सबसे ऊँची पर्वत चोटी है। पर्यटक यहाँ पर ट्रेकिंग के लिए आते हैं।
चेम्ब्रा पर्वत (Chembra Hills) – यह चोटी भी शानदार और आकर्षक है। ट्रेकिंग के लिए लोग यहाँ भी पहुंचते हैं।
एडक्कल गुफाएँ (Edakkal Caves) – यह गुफाएं केरल की प्राचीन धरोहर हैं। यहाँ पर केरल के पूर्वजों की जानकारी मिलती है।
अथिरपिल्ली वॉटर फॉल्स (Athirappilly Water Falls) – यह केरल का सबसे प्रसिद्ध और बड़ा जलप्रपात है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। लोग यहाँ पर पिकनिक मनाने भी आते हैं।
एराविकुलम नेशनल पार्क (Eravikulam National Park) – यहाँ आपको जीवों और वनस्पतियों की ऐसी प्रजातियां मिलेंगी, जिन्हें आपने और कहीं नहीं देखा होगा।
कोचीन बंदरगाह (Cochin Port) – यह केरल का प्रमुख बंदरगाह है, जो देखने में बहुत सुन्दर है।
चेराई समुद्री तट (Cherai Beach) – पर्यटकों (Tourists) के लिए यह तट भी बहुत सुन्दर है। लोग यहाँ तैराकी करते हैं। आपको यहाँ पर डॉलफिन भी देखने को मिल जाएगी।
वर्कला समुद्री तट (Varkala Beach) – यह एक समुद्री तट है। यहाँ के प्राकृतिक वातावरण में लोग अपनी छुट्टी मनाने आते हैं।
इसके अलावा आप नीचे बताए गए पार्क, डेम, किला और वाटरफॉल्स पर भी घूमने जा सकते हैं, जैसे –
- पथीरामनल आइसलैंड
- विलिंग्डन आइसलैंड
- बोलगट्टी पैलेस एंड आइसलैंड रिसोर्ट
- बेकल किला
- पलक्कड़ किला
- चंद्रगिरी किला
- सीसाइड होम स्टे
- साइलेंट वैली नेशनल पार्क
- वंडरला एम्यूजमेंट पार्क
- कुरुवाद्वीप
- अष्टमुंडी लेक
- सूचीपारा वाटरफॉल्स
- चीयप्पाऱा वाटरफॉल्स
- तुषारगिरी वाटरफॉल्स
- मुट्टापट्टी डैम
- मालमपुझ्झा डैम
- कृष्णापुरम पैलेस
- जटायु अर्थ सेंटर
- कोझिकोड समुद्री तट
- वाई पिन
- बनासुरा हिल्स
- पोनमुडी हिल स्टेशन
इसे भी पढ़ें: आलेप्पी का इतिहास, संस्कृति, और घूमने वाले प्रमुख पर्यटन स्थल – Alleppey travel guide
केरल कैसे पहुंचें (How to Reach Kerala State) –
केरल पहुंचने के लिए आप अपनी सुविधा के अनुसार मार्ग चुन सकते हैं, जैसे –
सड़क मार्ग (By Road) – यदि आप सड़क मार्ग से यात्रा (Travel) करना चाहते हैं तो आपको बहुत सारे हाईवे मिल जायेंगे। आप तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश से होते हुए केरल पहुंच सकते हैं। यहाँ से बस सुविधा मिलती है।
रेल मार्ग (By Train) – केरल के कोच्चि का एर्नाकुलम रेलवे स्टेशन सबसे प्रमुख है। यहाँ से कई ट्रेन मुम्बई, दिल्ली, लखनऊ, जयपुर जैसे स्टेशनों के लिए जाती है। आप अपनी सहूलियत से ट्रेन की बुकिंग कर सकते हैं।
हवाई मार्ग (By Airplane) – यदि आप केरल हवाई जहाज से ट्रैवेल करना चाहते हैं तो आप केरल पहुंचने के लिए कोच्चि, कालीकट (कोझिकोड) और तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को चुन सकते हैं। इसके अलावा चेन्नई, दिल्ली, मंगलौर, मुंबई, बैंगलोर और गोवा के लिए सीधे उड़ान भी मिल जाती है।
FAQs –
Q. केरल में कौन–कौन से त्यौहार मनाए जाते हैं?
A. केरल में ओणम को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इसके अलावा केरला बोट उत्सव, कोडुंगल्लूर भरणी उत्सव, त्रिचूर पुरम और विशु जैसे त्यौहारों को भी मनाया जाता है।
Q. केरल का लोक नृत्य कौन सा है?
A. केरल का मुख्य लोक नृत्य “कथकली” है। इसके अलावा थिरुवथिरकली, मोहिनीअट्टम, थेय्यम, ओट्टमथुलाल आदि भी यहां के लोक नृत्य हैं।
Q. केरल में कौन सा खेल सबसे प्रमुख है?
A. केरल का सबसे प्रमुख खेल फुटबॉल है।
Q. केरल भारत में कहां पर स्थित है?
A. केरल भारत के दक्षिण-पश्चिम में बसा हुआ एक राज्य है। केरल की राजधानी तिरुवनन्तपुरम है।
Q. केरल क्यों प्रसिद्ध है?
A. केरल अपनी आयुर्वेद चिकित्सा के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है।
निष्कर्ष (Conclusion) –
इस आर्टिकल में हमने आपको केरल के इतिहास, वहां की भाषा, केरल की संस्कृति, वहां के मुख्य नृत्य, केरल के त्यौहारों, केरल का रहन सहन, वहां के लोगों का पहनावा कैसा होता है, केरल का खाना कैसा है आदि के बारे में जानकारी दी। इसके अलावा हमने आपको यह भी बताया कि आपको केरल किस मौसम में जाना चाहिए, आप केरल में कहाँ कहाँ घूम सकते हैं, और आप केरल कैसे पहुंच सकते हैं। आशा है कि आपके लिए केरल से जुड़ी ये सारी जानकारी Helpful रही होगी। यदि आपको हमारा यह Kerala Tour and Travel Guide का आर्टिकल पसंद आया हो तो Please आप इसे सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर Share करें,
Thanks!
[…] इसे भी पढ़ें: केरल का इतिहास, संस्कृति और घूमने वाले प्रमुख पर्यटन स्थल – Kerala travel guide in Hindi […]
[…] इसे भी पढ़े: केरल का इतिहास, संस्कृति और घूमने वाले प्रमुख पर्यटन स्थल – Kerala travel guide in Hindi […]
[…] इसे भी पढ़ें: केरल का इतिहास, संस्कृति और घूमने वाले प्रमुख पर्यटन स्थल – Kerala travel guide in Hindi […]
[…] इसे भी पढ़ें: केरल का इतिहास, संस्कृति और घूमने वाले प्रमुख पर्यटन स्थल – Kerala travel guide in Hindi […]
[…] इसे भी पढ़ें: केरल का इतिहास, संस्कृति और घूमने वाले प्रमुख पर्यटन स्थल – Kerala travel guide in Hindi […]