केरल के 10 खूबसूरत जलप्रपात 

यदि बात हो साउथ इंडिया घूमने कि हो और केरल का ज़िक्र न हो ऐसा कभी नहीं हो सकता। 

आज कि इस सीरीज में हम लोग बात करेंगे केरल के 10 सबसे खूबसूरत जलप्रपात  जो के अपने आप में एक अलग हि लेवल का है और अपने अलग रहस्य है।

अथिराप्पिल्ली जलप्रपात  

अथिराप्पिल्ली झरना केरल राज्य का सबसे ऊँचा जलप्रपात है। यह त्रिशूर से तकरीबन 47 किमी की दूरी पर स्थित। यह राज्य का सबसे खूबसूरत जलप्रपात है।

मीनमुट्टी जलप्रपात 

मीनमुट्टी जलप्रपात लगभग 300 मीटर की ऊँचाई से गिरता है और नीचे आकर यह कई धाराओं में बँट जाता है। चट्टानी इलाकों और जंगलों के बीच में स्थित यह जलप्रपात बहुत ही आकर्षक लगता है। 

थोम्मंकुत्हू जलप्रपात 

थोम्मंकुत्हू जलप्रपात एक सात स्टेप वाली खूबसूरत नदी है। यदि आप शोर शराबे से दूर जाना चाहते हैं तो यह प्रकृति के वातावरण से भरपूर शांति के बीच समय बिताने के लिए बेहतरीन जगह है। 

थोम्मंकुत्हू जलप्रपात एक अविस्मरणीय अनुभव के लिए इस झरने के आसपास सुरम्य पहाड़ियों और समृद्ध वनस्पतियों से भरा हुआ है। 

नयायमकडू जलप्रपात 

नयायमकडू जलप्रपात शहर से तकरीबन 10 किलोमीटर कि दूरी पर मुन्नार के पास स्थित है। इस झरने में 1,600 मीटर की ऊँचाई से पानी गिरता है।

नयायमकडू जलप्रपात पर टहलने से आप मुन्नार शहर के शानदार दृश्यों और उस पर फैले चाय के बागानों को देख सकते हैं।

कीज्हर्कुत्हू जलप्रपात 

कीज्हर्कुत्हू जलप्रपात लगभग 1,500 मीटर की ऊँचाई से गिरता है। कीज्हर्कुत्हू जलप्रपात रॉक क्लाइंबिंग और पर्वतारोहण के लिए बेहतरीन प्लेस है।

सेंटिनल रॉक झरना जलप्रपात 

सेंटिनल रॉक जलप्रपात 100-300 फ़ीट कि ऊंचाई से गिरता है जो तीव्र ग्रेनाइट कि चट्टान से टकराता है जो और भी आकर्षक लगता है। इस जगह को एक रोमांचकारी ट्रेकिंग स्थान कहा जाता है। 

वाजहाचल जलप्रपात 

यह स्थान कई विलुप्त एवं स्थानीय पौधों और पशु प्रजातियों के घर वाले इस हरे-भरे जंगल के नजदीक स्थित, वाजहाचल जलप्रपात लुभावने रूप से बहुत हि भव्य है।

पेरुन्ठेनारुवी जलप्रपात 

पम्पा नदी पर स्थित सुन्दर पेरुन्ठेनारुवी जलप्रपात , देश और विदेशों से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस जलप्रपात का पानी कई धाराओं के माध्यम से 60 से 100 फीट ऊँचाई से एक चट्टानी सतह पर नीचे की ओर बहता है।

ठुशारागिरी जलप्रपात 

यदि आपको भी एडवेंचर पसंद है और अप्प शारीरिक रूप से फिट हैं तो ठुशारागिरी जलप्रपात कि उत्पत्ति कंहा से हुयी है यह देखने के लिए 5 किमी की ट्रेकिंग चढ़ाई पर जा सकते हैं। 

ठुशारागिरी का अर्थ है ‘बर्फीली चोटी’ और इस जलप्रपात के नाम से यह साबित होता है। जलप्रपात का पानी  पश्चिमी घाटों से गिरता हुआ ऐसा दिखाई देता है जैसे कि यह नीचे की ओर बर्फ की वर्षा कर रहा हो। 

पालरुवी जलप्रपात

पालरुवी जलप्रपात भारत के सबसे खूबसूरत झरनों में से एक है। पालरुवी का अर्थ मलयालम में दूध की एक धारा से है और इस जलप्रपात से गिरने वाले पानी के धुंधले सफेद रंग की वजह से इस झरने का यह नाम रखा गया है। 

अगर आप भी केरल घूमने का प्लान बना रहे हैं तो इन जगहों  पर जाना कभी भी मिस ना करें।