भारत हरे भरे पहाड़ों, झरनो और भिन्न-भिन्न संस्कृतियों से घिरा हुआ एक खूबसूरत देश है। 

आज हम आपको बतायेगे भारत के कुछ प्रमुख जलप्रपात जो ऊंचाई के साथ-साथ बहुत खतरनाक भी है।  

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कुंचिकल जलप्रपात (कर्नाटक)

बरही नदी पर बना कुंचीकल फॉल कर्नाटक के शिमोगा जिले में स्थित है। इस जलप्रपात की ऊंचाई 1493 फीट है।

बरेहीपानी जलप्रपात (उड़ीसा)

400 मीटर कि ऊंचाई पर ओडिशा के मयूरभंज जिले में स्थित बरेहीपानी जलप्रपात भारत का दूसरा सबसे ऊंचा झरना है। 

नोहकलिकाई जलप्रपात, (मेघालय)

नोहकलिकाई जलप्रपात भारत का सबसे ऊँचा जलप्रपात है जिसकी ऊंचाई 1110 फीट है। यह मेघालय के चेरापूंजी के पास स्थित है। 

नोहशंगथियांग जलप्रपात, मेघालय 

‘सात बहनों का जलप्रपात’ जिसकी ऊंचाई करीब 1033 फीट है। नोहशंगथियांग जलप्रपात मेघालय में स्थित है। 

दूधसागर जलप्रपात (गोवा)

दूधसागर जलप्रपात का जैसा नाम वैसे ही इसकी ख़ूबसूरती है। इस जलप्रपात कि ऊंचाई लगभग 1017 फीट है। यह गोवा में स्थित है। 

तलाकोना जलप्रपात (आंध्र प्रदेश)

आंध्र प्रदेश में स्थित तलाकोना जलप्रपात जिसकी ऊंचाई 270 फीट है। प्राकृतिक सुंदरता से भरा यह जलप्रपात बहुत ही मनमोहक है 

मीनमुट्टी जलप्रपात (वायनाड)

यह जलप्रपात जो कि भारत के सबसे ऊँचे झरनो में से एक है। मीनमुट्टी जलप्रपात जिसकी ऊंचाई 1000 फीट की है।

थलैयार जलप्रपात (तमिलनाडु)

तमिलनाडु में स्थित थलैयार जलप्रपात जिसकी ऊंचाई लगभग 297 मीटर है। जलप्रपात भी भारत के सबसे ऊंचाई से गिरने वाले जलप्रपातों में से एक है। 

बरकाना जलप्रपात (कर्नाटक)

850 फीट कि ऊंचाई पर स्थित यह जलप्रपात जितनी ऊंचाई से गिरता है उतना ही खूबसूरत भी है यह कर्नाटक स्थित है।

जोग जलप्रपात (कर्नाटक)

जोग जलप्रपात भारत का दूसरा सबसे ऊंचा जलप्रपात है जिसकी ऊंचाई तकरीबन 830 फीट है।