केदारनाथ धाम कि खोज पांडवों ने कि थी। केदारनाथ प्रमुख प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। पांडव अपने पापों कि मुक्ति के लिए भगवान भोलेनाथ को ढूंढ़ते हुए केदारनाथ पहुंचे थे।
पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत के युद्ध के बाद क्योकि पांडवों इ अपने भाइयों से लड़ाई कि थी। इसी पाप से मुक्त होने के लिए भगवान भोलेनाथ से मिलने काशी पंहुचे थे।
लेकिन भोलेनाथ उनसे खुश नहीं थे और कैलाश चले गए। लेकिन पांडव भी भगवान शिव का पीछा करते हुए कैलाश पंहुच गए।
केदारनाथ धाम में केवल एक मंदिर नहीं है बल्कि 5 भिन्न -भिन्न मंदिरों का समूह है। इन सभी मंदिरों में शिव जी के भिन्न -भिन्न अंग गिरे थे। इसलिए इसे पंच केदार के नाम से भी जाना जाता है।
केदारनाथ मंदिर में भगवान शिव जी कि आराधना शैव समुदाय के पुजारी करते हैं। मंदिर के पुजारी भगवान शिव की पांच मुख वाली प्रतिमा की पूजा करते हैं। ये पूजा 7 बजे शुरू होती है जो कि 8.30 बजे तक चलती है।