ताज होटल मुंबई 

19वीं सदी का पहला होटल जिसमें बिजली थी और किराया मात्र 10 रूपये था। 

ताज होटल देश कि पहली ट्रेडमार्क ईमारत है।  16 दिसंबर 1903 को खुला यह देश का पहला होटल था जिसमें बिजली थी।  उस दौर में इसके एक रूम का किराया सिर्फ 10 रुपए था। 

इस होटल को बनाने कि कहानी भी बहुत रोचक है। कहा जाता है कि रतन टाटा जब एक बार अपने पिता जमशेद जी टाटा के साथ ब्रिटेन घूमने गए तो वहां के एक होटल में उन्हें भारतीय होने के कारण रुकने नहीं दिया गया।

गेटवे ऑफ़ इंडिया से भी पहले ये होटल सन 1903 में बनाया गया था। इसने इंडियन नेवी को रास्ता दिखने के लिए एक ट्रायंगल पॉइंट का काम किया था।

पहला विश्व युद्ध के दौरान इसे हॉस्पिटल में बदल दिया गया था। 26/11 आतंकी हमला इसी होटल में हुआ था। 

यह देश का पहला होटल था जिसे बार और रेस्टोरेंट खोलने का दिन भर का लइसेंस मिला था। सन 1972 में देश कि पहली 24 घंटे तक खुलने वाली काफी शॉप यही की थी। 

यह देश का पहला होटल था जिसमें इंटरनेशनल स्तर का डिस्कोथेक था। जर्मन एलीवेटर्स लगाए गए थे। तुर्किश बाथ टब और अमेरिकन कंपनी के पंखे लगाए गए थे। 

यह देश का पहला होटल था जिसमें अंग्रेज बटलर्स हायर किए गए थे।आरम्भ के 4 दशक तक होटल का किचन फ्रेंच शेफ ही चलाते थे। आतंकी हमले के बाद बराक ओबामा इस होटल में रुकने वाले पहले विदेशी राष्ट्राध्यक्ष थे।

उस समय ताज होटल में सिंगल रूम का किराया मात्र 10 रूपये था। पंखे व अटैच्ड बाथरूम वाले कमरों का किराया ‌‌‌13 रूपये था। 

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