सिक्किम राज्य का सबसे बड़ा शहर गंगटोक जो पर्यटकों कि काफी पसंदीदा जगह है। 1980 दशक  शुरूआती  दौर में गंगटोक प्रमुख रूप से बौद्ध तीर्थ स्थल के रूप में उपाधि मिली।

 यह हिमालय पर्वत माला पर शिवालिक पहाड़ियों के ऊपर 1437 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। गंगटोक पूर्वोत्तर भारत के सबसे अधिक देखे जाने वाले शहरों में से एक है। 

अगर आप भी गंगटोक शहर घूमने कि योजना बना रहे हैं तो यंहा के आसपास कि बेहद खूबसूरत जगहों के बारे में जानना बहुत जरूरी है। 

गंगटोक की त्सोमगो झील

गंगटोक शहर से तकरीबन 40 किमी कि दूरी और 12,310 कि ऊंचाई पर स्थित त्सोमगो चांगू झील एक हिमनद झील है। अगर आपके पास ज्यादा समय नहीं है और आप केवल उसी जगह की यात्रा करना चाहते है तो उसके हिसाब से ये टूरिस्ट प्लेस बेहतरीन है।

यह झील चरों तरफ पहाड़ों से घिरी हुयी है। इस झील का पानी पिघलती हुयी बर्फों से आता है। यंहा कि सबसे खास बात यह कि यह झील हर मौसम के हिसाब से अपना रंग बदलती रहती है जैसे सर्दियों के के समय में झील जमी रहती है वंही गर्मियों में चरों ओर फूल खिले रहते है। 

यह भी कहा जाता है कि बौद्ध भिक्षु प्राचीन समय में झील के रंग को ही देखकर भविष्य के बारे में भविष्यवाणी करते थे। 

नाथुला दर्रा, गंगटोक

नाथुला दर्रा गंगटोक से लगभग 56 किमी कि दूरी पर स्थित है। यंहा के प्राकृतिक दृश्य और सुंदरता आश्चर्यजनक तथ्यों से भरपूर है। नाथुला दर्रा भारत और तिब्बत के बीच प्राचीन सिल्क रुट का एक हिस्सा है।

 यंहा  कि सड़क सोमवार और मंगलवार को टूरिस्टों के लिए बंद रहती है। वैसे तो सर्दी के मौसम में यंहा का तापमान काफी कम हो जाता है लेकिन फिर भी सर्दी और गर्मी दोनों मौसम में पर्यटकों कि भीड़ रहती है।

 यंहा कि फिसलन ढलान वाली सड़कों में 14,140 फ़ीट कि ऊंचाई पर ड्राइविंग करना काफी रोमांचकारी मन जाता है। सर्दियों में भरी बर्फ के कारण यंहा का रास्ता बंद भी हो जाता है।